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बच्चे लगाते हैं झाड़ू, बजाते हैं घंटी!

बच्चे लगाते हैं झाड़ू, बजाते हैं घंटी!
कैथल : जिले के 177 स्कूल ऐसे हैं जहां चपरासियों के पद खाली हैं। यहां घंटी बजाने, पानी पिलाने और झाड़ू लगाने जैसे काम बच्चों से कराये जाते हैं। जिले में कुल 379 प्राथमिक स्कूल हैं। इनमें से 177 स्कूलों में नियमित सफाई कर्मचारी नहीं हैं। साफ-सफाई करने के लिए इन स्कूलों में पार्ट टाइम स्वीपर की व्यवस्था है जो स्कूल में केवल एक से डेढ़ घंटे के लिए काम करते हैं।
स्कूल में बाकी सारा दिन साफ-सफाई या अन्य कामों के लिए अध्यापकों के पास कोई प्रबंध नहीं। ऐसे में वे बच्चों को ही इन कामों में लगा देते हैं।
ये हैं कारण
प्राथमिक स्कूलों में पार्ट टाइम सफाई कर्मचारी की नियुक्ति सरकार के आदेशों पर की जाती है। जिले में पहले ही पार्ट टाइम सफाई कर्मचारियों की बहुत कमी थी। उधर, कई पार्ट टाइम स्वीपर नियमित होकर उच्च या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में तैनात कर दिए गए हैं। इनकी जगह अब तक कोई भी नयी नियुक्तियां नहीं की गयी हैं।
यहां खाली हैं पद
सीवन खंड में सफाई कर्मियों के 16 पद खाली पड़े हैं। गुहला में 18, कलायत में 28, राजौंद में 25, कैथल में 50 और पूंडरी में सफाई कर्मियों के 66 पद खाली हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
उप जिला शिक्षा अधिकारी शमशेर सिंह सिरोही ने कहा कि चपरासी के खाली पदों पर नियुक्ति के लिए विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखा गया है। वैसे उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों से स्कूल में झाड़ू लगवाना उचित नहीं। स्कूल चाहें तो चपरासी की अस्थायी नियुक्ति के लिए पंचायतों से सहयोग ले सकते हैं।
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