Transfer Policy Teachers Haryana : अब पांच साल से ज्यादा एक जगह नहीं रह पाएंगे शिक्षक

हिसार. शिक्षा विभाग की नई योजना के तहत काफी समय से एक ही स्कूल में जमे शिक्षकों को अब अपना स्टेशन छोड़ना होगा। हर पांच साल बाद शिक्षक का स्थानांतरण होना अब तय है। विभाग उनके स्थान पर नए शिक्षक की तैनाती करेगा।
यह सब अब शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर देखा जा सकेगा। इसके लिए विभाग सभी शिक्षकों का डाटा ऑनलाइन करने में जुटा हुआ है। जो शिक्षक पांच साल से एक स्थान पर कार्यरत होगा, उसको विभाग की साइट पर वैकेंट सीट के रूप में दर्शाया जाएगा। इसके बाद विभाग तुरंत प्रभाव से उसके स्थान पर दूसरे शिक्षक को तैनाती दे सकेगा।
निदेशक सेकेंडरी एजुकेशन हरियाणा के अनुसार विभाग ने शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए नई ट्रांसफर पॉलिसी बनाई है इसमें शिक्षकों को अब हर पांच साल बाद स्थानांतरित किया जाएगा। उनका स्थानांतरण जोन क्षेत्र के अंदर ही होगा। लेकिन उसके लिए भी किलोमीटर का दायरा निर्धारित किया जाएगा। यानि एक बार ट्रांसफर हुआ तो शिक्षक को 10 किलोमीटर से दूर ही भेजा जाएगा। इस योजना के तहत अब शहरों के राजकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों काे अब शहर के स्कूलों से रूबरू होने का मौका मिलेगा।
डाटा हो रहा ऑनलाइन
शिक्षाविभाग नई ट्रांसफर नीति को लागू करने के लिए प्रदेश के सभी शिक्षकों का डाटा ऑनलाइन कर रहा है। इसमें जेबीटी से लेकर लेक्चरर तक सभी शामिल किए गए हैं। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के सभी शिक्षकों का डाटा 90 प्रतिशत से अधिक ऑनलाइन किया जा चुका है। नई ट्रांसफर योजना अप्रैल माह में अमलीजामा पहनाने की संभावना जताई जा रही है।
जल्द ट्रांसफर पॉलिसी होगी शुरू : संगीता
उपजिला शिक्षा अधिकारी संगीता बिश्नोई ने कहा कि ट्रांसफर पॉलिसी के संबंध में आदेश आए हैं शिक्षकों का डाटा ऑनलाइन होते ही नई पॉलिसी के तहत ट्रांसफर होंगे साथ ही शिक्षक आॅनलाइन ट्रांसफर देख भी पाएंगे।

पहले भी इस तरह के हो चुके हैं बड़े फैसले
शिक्षाविभाग ने इससे पहले भी ट्रांसफर को लेकर बड़े फैसले लिए थे। कुछ वर्ष पूर्व शिक्षा विभाग ने जिला स्तर के कार्यालयों पर लम्बे समय से जमे हुए लिपिकों के अचानक स्कूलों में ट्रांसफर कर दिए थे। इससे विभाग की कार्यप्रणाली शुरू में तो लड़खड़ाई फिर कुछ दिन बाद सुचारू हो गई। सूत्रों की मानें तो लम्बे समय से एक ही स्टेशन पर कार्य करने वाले लिपिकों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे थे। इसलिए विभाग ने ट्रांसफर का फैसला लिया था। उनका यह फैसला सफल भी साबित हुआ।
नई ट्रांसफर पॉलिस के मुख्य बिंदु
> ट्रांसफर नगर निगम के दायरे में बस स्टैंड को मुख्य बिंदु मानते हुए 15 किलोमीटर दूर होना चाहिए।
> नगर निगम की सीमा से 10 किलोमीटर या हेड क्वाटर से 15 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए।
> बीईओ हेड क्वाटर से 5 किलोमीटर दायरे से बाहर।
> नेशनल हाईवे से 10 से 20 किलोमीटर दूर पर निगम क्षेत्र से बाहर।
> ग्रामीण क्षेत्रों में जो ब्लॉक हेड क्वाटर है वहां पर बस स्टैंड को मुख्य बिंदु मानते हुए 10 किलोमीटर दूर।
> इसके अलावा अन्य जो क्षेत्र आते हैं उनमें भी ट्रांसफर की दूरी निर्धारित होगी।

जोन में ही होंगे ट्रांसफर
शिक्षाविभाग ने नई ट्रांसफर पॉलिसी में इस बात का विशेष ध्यान रखा है कि ट्रांसफर जोन से बाहर हो। आदेशानुसार सभी ट्रांसफर जोन क्षेत्र में ही होंगे। जरूरत के अनुसार शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को जोन में बांटा है। जिसकी रिपोर्ट भी शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन कर दी है कि किस जिले को कितने जोन में बांटा गया है और जोन कौन कौन से हैं।

राजनीतिक हस्तक्षेप होंगे समाप्त
स्थानांतरणको लेकर विभाग की कार्यप्रणाली पर कई शिक्षकों ने ही सवालिया निशान लगाए। अधिकारी खुद मानने लगे थे कि स्थानांतरण में बड़े स्तर पर रसूखदारों का हस्तक्षेप होता है फिर चाहे वे नेता हो या प्रशासनिक अधिकारी। अब डाटा ऑनलाइन कर स्थानांतरण पॉलिसी से राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तक्षेप बंद हो पाएगा। इसके अलावा लिपिक भी स्थानांतरण को लेकर विवादों में रहे हैं उनका भी हस्तक्षेप समाप्त होगा। कागजी कार्रवाई भी समाप्त हो पाएगी। निदेशालय ऑनलाइन डाटा देखकर ही अपने स्तर पर स्थानांनतरण करेंगे। 
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