संवाद सहयोगी, बिलासपुर : शिक्षा विभाग के हाल में किए गए जेबीटी
अध्यापकों के स्थानांतरण से बिलासपुर, साढौरा, छछरौली आदि सहित जिले के कई
स्कूल अध्यापकविहीन हो गए हैं। उसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ा रहा है।
कुछ अध्यापक किए गए तबादलों को सही कह रहे हैं, तो कुछ अध्यापक इस निर्णय से नाराज नजर आए।
प्रांतीय अध्यापक संघ के जिला महासचिव हरपाल बैंस ने शिक्षा विभाग की इस स्थानांतरण नीति को शिक्षकों के लिए उपयोगी बताया व सराहना की। उससे शिक्षकों को मनचाहे स्टेशन मिले हैं, जबकि कुछ अध्यापक अच्छे स्टेशन न मिलने से नाराज हैं। कुछ स्कूल ऐसे भी है जहां पर केवल एक ही अध्यापक था। वह भी स्थानांतरण पालिसी के तहत मनचाहे स्टेशन पर चला गया। उससे वह स्कूल अध्यापक विहीन हो गया, अब बच्चों की पढ़ाई राम भरोसे ही है। उन्होंने बताया कि खंड साढौरा के टोडरपुर, संधोली, अराईयावाला, खांडरा, मिलक झबालिया, सुलतानपुर, सभापुर, सैदुपुर, ननेहड़ी, फिरोजपुर, अराईया, यासीन माजरा आदि से स्कूल अध्यापकरहित हो गए है। इसी तरह पांडो, श्यामपुर, कोटला, जामनावाला, नवागाव, साहलेपुर, कप्तान माजरी, हवेली आदि में स्थित प्राथमिक स्कूलों में केवल एक-एक अतिथि अध्यापक ही रह गया है। इसी प्रकार खंड बिलासपुर के बिलासपुर, कपूरी कला, रामगढ़ माजरा, रामनगर, संारवी, नगली 32, जड्डा जट्टान, जुड्डा शेखान भी अध्यापक रहित हो गए है। जगाधरी खंड के ईशोपुर, हाफिजपुर में अध्यापक नहीं रहे। छछरौली खंड के मांडखेडी, खिदराबाद, भीलपुरा, राजीव गांधी नगर, गुलाब गड़़, मलिकपुर खादर, छौली, गनौली, ¨सगपुरा और चुहड़पुर कला स्कूल भी अध्यापक विहीन हो गए। खंड मुस्तफाबाद के थाना छप्पर, कान्हड़ी कला, लवाना, सारन, बीड़ बलसवा स्कूलों में तीन-तीन पोस्ट होने के बाद एक ही अध्यापक रह गया। इसके विपरीत प्रभाव बच्चों की पढ़ाई के अलावा स्कूल के दैनिक कार्याें पर भी पड़ा है। संघ का कहना है जिन स्कूलों में अध्यापक नही रहे वहां पर विभाग को तुरंत कार्रवाई करते हुए अध्यापकों की नियुक्ति करनी चाहिए।
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