शिक्षक बनाने के रूप में अहम भूमिका निभाने वाली बीएड एवं डीएड की पढ़ाई में
निरंतर गड़बड़ी मिल रही है। हाल स्थिति यह है कि विभिन्न शैक्षणिक संस्थान
नॉन अटैंडिंग शिक्षा को अपने हितों के लिए महत्व दे रहे हैं, जिससे आज ही
नहीं आने वाली शिक्षा का भी नुकसान हो नहीं रहा है।
विभागीय स्तर पर मिली रही शिकायतों पर अब शिक्षा विभाग सख्त हुआ है।
सभी डीएड एवं बीएड कॉलेजों से हाजिरी का रिकार्ड मांगा गया है। इस रिकार्ड में संस्थान मुखिया को हर विद्यार्थी की हाजिरी की रिपोर्ट देनी होगी, अगर विद्यार्थी छुट्टी पर हैं तो छुट्टी का आवेदन होना भी जरूरी है। उपस्थिति कम पाए जाने की स्थिति में अब संबंधित विद्यार्थी तो फंसेगा ही, संस्थान मुखिया पर भी कार्रवाई की जाएगी।
विद्यार्थी का रोल नंबर रोका जाएगा, ज्यादा गड़बड़ी पाए जाने वाले संस्थान के अगले सत्र में दाखिले प्रक्रिया पर रोक की होगी। विदित हो कि सोनीपत में 19 शिक्षण महाविद्यालयों में करीब ढाई हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने जींद विश्वविद्यालय को इस व्यवस्था को संचालित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। विश्वविद्यालय के अधिकारी इस बाबत कॉलेजों से रिपोर्ट लेंगे। यह रिपोर्ट ऑनलाइन ली जाएगी। यही नहीं रिपोर्ट पर किसी भी प्रकार की शक की स्थिति में औचक निरीक्षण की कार्रवाई अंजाम दी जाएगी। जिसमें हाजिरी रिकार्ड को अपने कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई तय की जाएगी।
इसलिएयह सारी व्यवस्था : उपस्थितिकम होने पर विद्यार्थियों को सही प्रकार की नॉलेज ही नहीं मिलेगी कि आखिर कैसे उन्हें कक्षा में बच्चों को शिक्षित करना है। इसके अतिरिक्त सिलेबस की कम जानकारी होने का नुकसान भी विद्यार्थियों को होगा। यह स्थिति निरंतर नहीं बने इसलिए यह कसरत अब की जा रही है। शिकायत यह भी है कि विभिन्न संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थी शिक्षा के साथ काम धंधे में भी लगे हैं और वे संचालक को मोटी फीस देकर बस रोल नंबर हासिल करना चाहते हैं।
^यह कार्रवाई काफी आवश्यक है। इससे उन विद्यार्थियों एवं संचालकों को दिशा मिलेगी जो इस शिक्षण व्यवस्था को गंभीरता से नहीं ले रहे थे। इससे शिक्षा का स्तर भी बेहतर होगा।’’सुरेंद्र राणा,प्रिंसिपल, टीकाराम शिक्षण महाविद्यालय, सोनीपत
विभागीय स्तर पर मिली रही शिकायतों पर अब शिक्षा विभाग सख्त हुआ है।
सभी डीएड एवं बीएड कॉलेजों से हाजिरी का रिकार्ड मांगा गया है। इस रिकार्ड में संस्थान मुखिया को हर विद्यार्थी की हाजिरी की रिपोर्ट देनी होगी, अगर विद्यार्थी छुट्टी पर हैं तो छुट्टी का आवेदन होना भी जरूरी है। उपस्थिति कम पाए जाने की स्थिति में अब संबंधित विद्यार्थी तो फंसेगा ही, संस्थान मुखिया पर भी कार्रवाई की जाएगी।
विद्यार्थी का रोल नंबर रोका जाएगा, ज्यादा गड़बड़ी पाए जाने वाले संस्थान के अगले सत्र में दाखिले प्रक्रिया पर रोक की होगी। विदित हो कि सोनीपत में 19 शिक्षण महाविद्यालयों में करीब ढाई हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने जींद विश्वविद्यालय को इस व्यवस्था को संचालित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। विश्वविद्यालय के अधिकारी इस बाबत कॉलेजों से रिपोर्ट लेंगे। यह रिपोर्ट ऑनलाइन ली जाएगी। यही नहीं रिपोर्ट पर किसी भी प्रकार की शक की स्थिति में औचक निरीक्षण की कार्रवाई अंजाम दी जाएगी। जिसमें हाजिरी रिकार्ड को अपने कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई तय की जाएगी।
इसलिएयह सारी व्यवस्था : उपस्थितिकम होने पर विद्यार्थियों को सही प्रकार की नॉलेज ही नहीं मिलेगी कि आखिर कैसे उन्हें कक्षा में बच्चों को शिक्षित करना है। इसके अतिरिक्त सिलेबस की कम जानकारी होने का नुकसान भी विद्यार्थियों को होगा। यह स्थिति निरंतर नहीं बने इसलिए यह कसरत अब की जा रही है। शिकायत यह भी है कि विभिन्न संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थी शिक्षा के साथ काम धंधे में भी लगे हैं और वे संचालक को मोटी फीस देकर बस रोल नंबर हासिल करना चाहते हैं।
^यह कार्रवाई काफी आवश्यक है। इससे उन विद्यार्थियों एवं संचालकों को दिशा मिलेगी जो इस शिक्षण व्यवस्था को गंभीरता से नहीं ले रहे थे। इससे शिक्षा का स्तर भी बेहतर होगा।’’सुरेंद्र राणा,प्रिंसिपल, टीकाराम शिक्षण महाविद्यालय, सोनीपत