- जेबीटी-टीजीटी भर्ती खारिज मामले में याचिका पर शिक्षा विभाग ने दायर किया जवाब
- कुल 25 केस में से कुछ केस में फाइल हुआ जवाब
- अन्य मामलों में जवाब दायर करने के लिए दी 30 जुलाई की तारीख
- अगली सुनवाई तक जारी रहेगा स्टे
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। यूटी प्रशासन की ओर से जेबीटी-टीजीटी भर्ती प्रक्रिया के तहत 2015 में हुई सभी 844 नियुक्तियों को रद्द करने के फैसले पर केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की ओर से स्टे मामले में शुक्रवार को शिक्षा विभाग की ओर से कुछ केसों में जवाब दाखिल किया गया। इसमें कहा गया है कि मामले की जांच कर रही पुलिस टीम के अनुसार, कई चयनित उम्मीदवारों के पास परीक्षा से पहले ही पेपर था। इस आधार पर इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द किया गया है। वहीं, टीचरों को एक महीने का नोटिस दिए बिना उनकी नियुक्ति समाप्त करने पर शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि लीक पेपर के आधार पर भर्ती हुए टीचरों को सस्पेंड करने के लिए विभाग को नोटिस की जरूरत नहीं है। फिलहाल, ट्रिब्यूनल ने यूटी के स्टैंडिंग काउंसिल को सभी मामलों में अगली तारीख पर जवाब दायर करने को कहा है। अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी। फिलहाल अगली तारीख तक प्रशासन के भर्ती रद्द करने के आदेश पर स्टे जारी रहेगा।
30 मई को यूटी प्रशासन ने 2015 में जेबीटी-टीजीटी भर्ती प्रक्रिया के तहत भर्ती हुए 844 टीचरों की नियुक्तियों को रद्द करने के आदेश जारी कर दिए थे। इस आदेश के खिलाफ सभी शिक्षकों ने ट्रिब्यूनल में अलग-अलग करीब 25 केस दायर किए थे। इस पर सुनवाई करते हुए ट्रिब्यूनल ने 24 घंटे से पहले ही प्रशासन के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही यूटी प्रशासन को मामले में जवाब दाखिल करने को कहा था। इन्हीं 25 केसों में से कुछ केसों में शिक्षा विभाग की ओर से जवाब दाखिल किया गया।
बाक्स
सभी भर्तियां धोखाधड़ी के आधार पर हुईं
शिक्षा विभाग की ओर से दायर जवाब में कहा गया है कि वर्ष 2015 में जेबीटी-टीजीटी भर्ती प्रक्रिया के लिए हुआ पेपर पहले ही लीक हो गया था। लीक पेपर के आधार पर हुई सभी भर्तियां धोखाधड़ी के आधार पर हुई हैं। चंडीगढ़ पुलिस की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार बहुत बड़े स्तर पर चयनित कैंडीडेट्स के पास पहले ही पेपर पहुंच चुका था। इससे बहुत से काबिल उम्मीदवारों का चयन होने से रह गया था। इस आधार पर नियमों के तहत पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया।
बाक्स
फर्जी और धोखाधड़ी से भर्ती होने वाले बच्चों को क्या शिक्षा देंगे
शिक्षा विभाग की ओर से दायर जवाब में कहा गया है कि जेबीटी-टीजीटी शिक्षक स्कूलों में प्राइमरी और मध्यम क्लास के बच्चों को पढ़ाते हैं। शिक्षकों की भूमिका बच्चों को सिर्फ पढ़ाने की नहीं, बल्कि उनमें नैतिक मूल्यों का विकास करना भी है। अब जो टीचर खुद गलत और धोखाधड़ी कर सिस्टम का हिस्सा बना है, उससे अपेक्षा नहीं की जा सकती कि वह बच्चों को ईमानदारी और नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाए।
बाक्स
जांच चल रही है तो किस आधार पर की भर्ती खारिज
ट्रिब्यूनल ने यूटी स्टैंडिंग काउंसिल से सवाल किया कि प्रशासन ने किस आधार पर भर्ती प्रक्रिया खारिज की है? इस पर यूटी स्टैंडिंग काउंसिल ने कहा कि पेपर पहले ही लीक हो गया था। कई उम्मीदवारों के पास पहले से पेपर था। इस पर बेंच ने पूछा कि पुलिस ने कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया है? तो स्टैंडिंग काउंसिल ने बताया कि अब तक 16 गिरफ्तार हो चुके हैं, अभी और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। केस की जांच अभी चल रही है। इस पर बेंच ने कहा कि जब केस की जांच अभी चल रही है तो प्रशासन पूरी भर्ती प्रक्रिया को कैसे रद्द कर सकता है। केवल उन्हीं लोगों को सस्पेंड या डिसमिस कर सकते हैं, जिन्हें पुलिस ने केस में चार्जशीट किया हो।