हरियाणा में सरकारी शिक्षक बनने के लिए किस कदर मारा-मारी है, यह बताने की शायद आवश्यकता नहीं है। शिक्षक बनने की सबसे पहली व अनिवार्य शर्त पात्रता परीक्षा को पास करने के लिए करोड़ों रुपये का खेल कर प्रश्नपत्र लीक करने की घटनाएं सार्वजनिक भी हो चुकी हैं। लेकिन इन तमाम कवायदों के बीच राज्य पात्रता परीक्षा पास करने वाले 50 हजार से अधिक पात्र अध्यापकों के लिए बुरी खबर है।
इन पात्र अध्यापकों के सर्टिफिकेट अब रद्दी हो गए हैं। इन पात्र अध्यापकों को अब नए सिर से पात्रता साबित करनी होगी।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा हरियाणा पात्रता परीक्षा को लेकर बनाए गए नियमों के मुताबिक पात्रता का सर्टिफिकेट केवल पांच साल तक ही वैध माना जाएगा। नियमानुसार यह अवधि बीत जाने के बाद भावी शिक्षक को दोबारा से एचटेट में बैठना होगा और पास होना होगा।
हरियाणा में स्टेट (राज्य पात्रता परीक्षा) अगस्त 2008 में पहली बार आयोजित की गई थी। इस दौरान 23 हजार 493 भावी शिक्षकों को तीनों लेवल में सफलता मिली थी। इसके बाद जुलाई 2009 में आयोजित की गई स्टेट के तीनों लेवल की परीक्षा में 15 हजार 802 उम्मीदवारों ने सफलता हासिल कर पात्र अध्यापक होने का सर्टिफिकेट हासिल किया था। इसी वर्ष दिसंबर माह में 14477 उम्मीदवारों ने तीनों लेवल में स्टेट के सर्टिफिकेट हासिल किए थे। इन तीनों ही वर्षो के दौरान 53 हजार 763 उम्मीदवारों ने पात्रता सर्टिफिकेट हासिल किए थे। लेकिन इन परीक्षाओं को पांच साल से ज्यादा अवधि बीत चुकी है और नियमानुसार ये सर्टिफिकेट रद्दी में तब्दील हो गए हैं। ऐसे में इन उम्मीदवारों को एक बार फिर से अपनी पात्रता साबित करने के लिए एचटेट देना होगा।
नवंबर तक नहीं मिली शिक्षक की नौकरी तो 71 हजार सर्टिफिकेट और हो जाएंगे रद्दी
वर्ष 2009 के बाद हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने नवंबर 2011 में हरियाणा पात्रता परीक्षा आयोजित की थी। इस दौरान तीनों लेवल में 71 हजार 434 भावी शिक्षकों ने सफलता हासिल कर एचटेट के सर्टिफिकेट लिए थे। 9 माह में यदि इन पात्र अध्यापकों की नियुक्ति बतौर शिक्षक नहीं हुई तो इनको भी दोबारा से एचटेट देने के लिए तैयार रहना होगा।