पंजाब यूनिवर्सिटी नैक के मानकों को तीन साल में भी पूरा नहीं कर पाई। इसके
चलते केंद्र सरकार की इस संस्था ने पीयू को 2022 तक का समय दिया है।
यूनिवर्सिटी के पास तीन साल शेष हैं। यदि इस कार्यकाल में भी कुछ नहीं हो
पाया तो पीयू की रैंकिंग पर बड़ा असर पड़ेगा। मार्च 2015 में नैक की टीम
पीयू पहुंची थी। टीम को यहां छात्रावासों की संख्या पर्याप्त नहीं मिली।
छात्रों की संख्या के अनुपात में रहने की जगह कम थी। संकाय की कमी,
बोर्ड-चॉक विधि का शिक्षण के लिए चलन, सीबीसीएस विधि चलने, अपर्याप्त
तकनीकी स्टाफ, कम प्लेसमेंट समेत कई बिंदुओं की कमी मिली थी। कई कमियां
सामने आने के बाद नैक की टीम ने पीयू को समय पर मानकों की पूर्ति करने के
लिए कहा, लेकिन तीन साल में भी वह पूरा नहीं हो पाया।
हालांकि कुछ काम जरूर पीयू की ओर से किए गए हैं। जानकारों का कहना है कि 2022 तक भी मानकों की पूर्ति होना आसान नहीं है। मालूम हो कि नैक की टीम देशभर के शिक्षण संस्थानों का सर्वे वर्ष 2020 में करेगी, लेकिन पीयू के कामों की गति को देखते हुए उन्हें अतिरिक्त समय दिया गया है।
हालांकि कुछ काम जरूर पीयू की ओर से किए गए हैं। जानकारों का कहना है कि 2022 तक भी मानकों की पूर्ति होना आसान नहीं है। मालूम हो कि नैक की टीम देशभर के शिक्षण संस्थानों का सर्वे वर्ष 2020 में करेगी, लेकिन पीयू के कामों की गति को देखते हुए उन्हें अतिरिक्त समय दिया गया है।