चंडीगढ़, 29 दिसंबर (हि.स.)। एक तरफ जहां प्रदेश सरकार नए साल के दौरान कोरोना वैक्सीन को लेकर सख्ती के मूड में है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में हजारों की संख्या में अध्यापक ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है।
कोरोना की तीसरी लहर और नये वेरिएंट ओमिक्रोन की दस्तक के चलते सरकार सख्ती करने का फैसला कर चुकी है। ऐसे में इन शिक्षकों की पहली जनवरी से स्कूलों में एंट्री नहीं हो पाएगी। गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के आदेशों के बाद जारी हुए नोटिफिकेशन के बारे में भी सभी शिक्षकों को सूचित करवाया जा चुका है।
राज्य के 22 जिलों में 14 हजार 159 सरकारी स्कूल हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या 1 लाख 4 हजार 123 है। इनमें से 28 हजार 232 ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की पहली ही डोज ली है और 54 हजार 75 ऐसे शिक्षक हैं, जो दोनों डोज ले चुके हैं। सरकार नियमों में थोड़ी ढील देते हुए उन शिक्षकों को तो स्कूलों में जाने की परमिशन दे सकती है, जिन्हें पहली डोज लग चुकी हैं लेकिन जिन्होंने अभी तक एक भी डोज नहीं ली है, उनकी एंट्री नहीं होगी।
प्रदेश में ऐसे शिक्षकों की संख्या 21 हजार 816 है। स्वास्थ्य विभाग जहां वैक्सीनेशन मुहिम तेज कर चुका है और लोगों को वैक्सीनेट करने के लिए जगह-जगह कैम्प लगाए जा रहे हैं। हर घर दस्तक कार्यक्रम के तहत लोगों को घर-घर जाकर भी कोरोना वैक्सीन के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। वैक्सीन को लेकर की गई सख्ती और नये नोटिफिकेशन का असर यह हुआ है कि अब राज्य में औसतन रोजाना 2 लाख तक लोग इंजेक्शन लगवा रहे हैं। सरकार ने 31 दिसंबर तक सभी को वैक्सीन लगाने का टारगेट रखा था। नूंह में सबसे कम 57 प्रतिशत और सिरसा में 66 प्रतिशत ही शिक्षकों को वैक्सीन लगी है। 13 जिलों में 80 प्रतिशत या इससे अधिक शिक्षक वैक्सीन लग चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग हरियाणा की महानिदेशक डॉ.वीना सिंह के अनुसार स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के आदेशों पर नये वेरिएंट ओमिक्रोन को देखते हुए नई गाइड लाइन जारी कर दी है। जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है, पहली जनवरी से उनकी सरकारी दफ्तर व सार्वजनिक स्थलों में एंट्री नहीं होगी। इनमें सरकारी अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल हैं।