Facebook

Govt Jobs India - Alerts

छठी के शिक्षकों ने पढ़ाए दसवीं के बच्चे, 156 फेल

विक्रम पूनिया, कैथल
शिक्षा विभाग की तबादला नीति से गांव खरकां के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। छठी से आठवीं के शिक्षक अपनी कक्षाएं छोड़ दसवीं के बच्चों को पढ़ा रहे है। इसका खामियाजा बच्चे भुगत रहे हैं।
2016-17 के सत्र में दसवीं के 161 बच्चों में से 156 विद्यार्थी फेल हो गए। आकड़ों के हिसाब से यह जिले का सबसे फिसड्डी स्कूल है।
स्कूल इंचार्ज डॉ. सतबीर ने बताया कि 6 अगस्त 2016 को नौवीं से बारहवीं के सभी विषयों के 12 अध्यापकों का तबादला कर दिया, जिसमें उनका नाम भी शामिल था। दिसंबर में दो अध्यापक जियोग्राफी व साइकोलॉजी के मिले। नए सत्र में अप्रैल से अध्यापक मिले हैं, जो अस्थायी तौर पर आए।
¨हदी का मास्टर पढ़ा रहा सांइस
बुधवार को छठी से आठवीं तक हिंदी का विषय का शिक्षक जय कुमार स्कूल में साइंस की कक्षा लेता मिला। ऐसा नहीं की स्कूल में अब साइंस का अध्यापक नहीं है, लेकिन बच्चों के अनुपात में यह शिक्षक कम है। इसकी वजह दसवीं में बच्चों की संख्या 221 होना है। बच्चों के अनुपात में अध्यापकों की कमी है। जय कुमार ने बताया कि अध्यापकों की कमी से वह काफी समय से ऐसे ही पढ़ा रहे हैं।
मुख्यालय से दूर होना तबादलों का कारण
जिला मुख्यालय कैथल से 35 किलोमीटर की दूरी और पंजाब बॉर्डर पर होना गांव खरकां के स्कूल में तबादलों की बड़ी वजह है। यहां अध्यापक आता है कुछ महीने रहता है और तबादला करवाकर चला जाता है। यहां कोई भी अध्यापक स्कूल बॉर्डर पर स्थित स्कूल में नहीं आना चाहता है।
बॉक्स : पढ़ाई नहीं हुई, फेल हो गए
छात्र प्रवीन अंग्रेजी, ¨हदी व गणित में फेल हो गया है। अब दूसरी बार दाखिला लिया है। प्रवीन ने बताया कि यहां पढ़ाई नहीं हुई, जिससे वे फेल हो गया। इस बार वह स्कूल बदलना चाहता था। गुहला स्कूल में दाखिला लेने गया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। अब फिर से यही पढ़ना पड़ रहा है।
कक्षाएं नहीं लगती
छात्रा शीतल दसवीं में तीन मुख्य विषयों ¨हदी, विज्ञान और गणित में फेल है। उसने बताया कि अध्यापकों की कमी के कारण सभी कक्षाएं नहीं लगती थी। जिन विषयों को वह खुद पढ़ सकते थे उनमें पास हो गए। बाकी मुख्य विषयों में अध्यापक नहीं होने से पढ़ नहीं पाए और फेल हो गए।
अध्यापक नहीं थे
रवीना दो विषयों में फेल थी अंग्रेजी और साइंस जिसका कारण पढ़ाई नहीं होना था। वह घर पर जाकर भी पढ़ती थी उसके बाद भी वह इन दो विषयों में पास नहीं हो पाई। इन विषयों के अध्यापक होते तो शायद अब वह अगली कक्षा में होती।
पांच विषयों में हुआ फेल
सुख¨वद्र दसवीं में ¨हदी को छोड़ बाकी सभी पांच विषयों में फेल हुआ था। उसने कहा कि स्कूल में सबकुछ ठीक है। अध्यापक जितने अब हैं, इतने भी रहें तब भी वह पास हो जाएंगे।
अध्यापकों की कमी से पढ़ नहीं पाए
गुरप्रीत भी अन्य छात्रों की तरह मुख्य विषयों अंग्रेजी, ¨हदी और गणित में फेल था। अध्यापकों की कमी के कारण वह पढ़ नहीं पाए। यहां अध्यापक बदलते रहते हैं।
अध्यापकों की कमी से रहा खराब परिणाम
गांव के सरपंच मुख्तयार ¨सह ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों की कमी के कारण है परिणाम खराब रहा है। उन्होंने पहले भी प्रयास किए थे और आगे भी करेंगे कि स्कूल में सभी विषयों के अध्यापक बच्चों को मिलें, ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो।
वर्जन
अध्यापकों की कमी के कारण स्कूल का परिणाम खराब रहा है। स्कूल में सभी सुविधाएं मौजूद हैं। अब स्कूल में बच्चों को अध्यापकों की कमी न हो ऐसे प्रयास कर रहे हैं।
- शमशेर ¨सह सिरोही, जिला शिक्षा अधिकारी कैथल।

Recent in Fashion

Random Posts

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();