इससे स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट के सिलेबस से लेकर एग्जाम लेने तक की तमाम कार्यप्रणाली अब एससीईआरटी के नियंत्रण में होगी। उनकी तरफ से ही हर माह सरकारी स्कूलों के लिए सिलेबस निश्चित किया जाएगा, जिसे टीचरों के लिए निर्धारित समय में पूरा करवाना अनिवार्य होगा। विभाग की ओर से एससीईआरटी को स्पष्ट किया गया है कि वे अगस्त माह से ही यह प्रक्रिया शुरू कर दें। अभी तक स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट का जिम्मा स्कूल प्रबंधन के हाथों में ही होता था, वे ही अपने स्तर पर सिलेबस पूरा करवाकर एग्जाम लेते थे व परीक्षा परिणाम घोषित कर देते थे।
शिक्षा सुधार
एक्सपर्ट बनाएंगे विशेष व्हाट्सएप ग्रुप, प्राचार्यों से लेकर हेड टीचरों को जोड़कर रहेंगे अपडेट
बेहतर ढंग से पढ़ाने के लिए अलग-अलग विषयों के वीडियो भी होंगे जारी
विद्यार्थियों को किस प्रकार से बेहतर शिक्षित किया जा सकता है यह बताने के लिए एससीईआरटी वीडियो भी जारी करेगी, जिसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि किस विषय के किस अध्याय को किस तरीके से पढ़ाना है। इसके लिए एससीईआरटी के एक्सपर्ट एक विशेष व्हाट्सएप का ग्रुप बनाएंगे, जिसमें वे प्रदेश के सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों से लेकर हेड टीचरों को जोड़ा जाएगा। एेसा इसलिए किया जाएगा ताकि स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट से संबंधित कोई जानकारी देनी होगी तो वे व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जानकारी अपडेट करेंगे। इससे चंद मिनटों में ही प्रदेश के टीचरों को एससीईआरटी की जानकारी प्राप्त हो सकें।
सुधार के निरंतर प्रयास कर रहे हैं
स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार को लेकर निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में डाइट अाैर स्टेट लेवल पर एससीईआरटी कार्य कर रही हैं। स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट आदि का जिम्मा एससीईआरटी के पास रहेगा। विद्यार्थियों को नकल न करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।’’ - नरेश महता, बीईओ, भिवानी।
इस तरह होगा काम
पहले स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट का सिलेबस निर्धारित किया जाएगा।
परीक्षा से दो हफ्ते पहले एक बार सिलेबस की रिवीजन करवाया जाएगा।
रिवीजन के चार-पांच दिन बाद स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट लिया जाएगा।
विषय के किस अध्याय को कैसे पढ़ाना है, इससे संबंधित वीडियो व्हाट्सएप पर भेजी जाएगी।