सरकारी कालेजों में रिक्त है 50 फीसद पद

ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी: उच्च शिक्षा में स्टाफ की कमी विद्यार्थियों और राजकीय महाविद्यालयों के कार्यप्रणाली को प्रभावित कर रहे हैं। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से संबद्ध महाविद्यालयों में नए सत्र की तैयारियां आरंभ होने वाली हैं। इस विश्वविद्यालय से संबद्ध जिले के राजकीय महाविद्यालयों में स्टाफ की कमी आज भी बड़ी बाधा है।
जिले के कुल 8 राजकीय महाविद्यालयों में किसी में भी स्टाफ पूरा नहीं है। जिले के इन महाविद्यालयों में कुल 163 स्वीकृत पदों में से 50 फीसद भी नियमित स्टाफ नहीं है। सभी महाविद्यालयों में केवल 77 नियमित शिक्षक ही कार्यरत हैं। ऐसे में नया सत्र आरंभ होने से पहले शिक्षकों की कमी दूर नहीं होती है तो नव प्रवेशी विद्यार्थियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इसके अलावा स्टाफ की कमी के चलते सीमित स्टाफ पर वर्कलोड बढ़ता जा रहा है। स्टाफ की कमी के कारण इन महाविद्यालयों में नए पाठ्य कोर्स भी आरंभ नहीं किए जा सके हैं।
किस कालेज में क्या है स्थिति
कालेज का नाम -स्वीकृत पद कार्यरत - विद्यार्थियों की संख्या
राजकीय महाविद्यालय रेवाड़ी 35 18 2606
श्रीकृष्ण राजकीय महाविद्यालय कंवाली 32 08 1400
राजकीय महाविद्यालय नाहड़ 17 13 1200
राजकीय महिला महाविद्यालय गुरावड़ा 14 14 800
राजकीय महाविद्यालय कोसली 15 10 1200
राजकीय महाविद्यालय बावल 32 04 1378
राजकीय महाविद्यालय खरखड़ा 15 10 1000
पाली में पद ही स्वीकृत नहीं
पाली स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय को आरंभ हुए दो सत्र बीत चुके हैं। आगामी जुलाई से तीसरा शैक्षणिक सत्र आरंभ हो जाएगा लेकिन इस महाविद्यालय को अभी तक शिक्षकों के पद स्वीकृत ही नहीं किया गया है। वर्तमान में चार शिक्षक कार्यरत हैं। स्टाफ नियमित नहीं होने के कारण प्राचार्य का पद भी नियमित नहीं है। यहां डॉ. सत्यवीर यादव कार्यवाहक प्राचार्य का जिम्मा संभाल रहे हैं। इस महाविद्यालय में अभी 129 छात्राएं बीए व बीकाम की द्वितीय सत्र की पढ़ाई राजकीय प्राथमिक पाठशाला में कर रही हैं।
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नए सत्र के लिए विश्वविद्याल के अधिकारियों के साथ जल्द ही महाविद्यालयों के प्राचायों के साथ बैठक आयोजित होनी है। इसमें स्टाफ की कमी को प्रमुखता से उठाया जाएगा। हमारे कालेज में जो स्टाफ के पद स्वीकृत है उसके अनुसार बहुत कम है। स्वीकृत 17 पदों में से और कम से कम 15 नियमित स्टाफ की जरूरत है।
- डा. सूर्यपाल यादव, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय नाहड़।
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छात्राओं की पढ़ाई एक्सटेंसन लेक्चरर के माध्यम से बाधित नहीं होने दी जा ही है। नियमित स्टाफ की कमी के कारण नियमित स्टाफ को कई अतिरिक्त प्रभार संभालने पड़ रहे हैं। इसका प्रभाव उनके शैक्षणिक गतिविधियों पर पड़ रहा है। आगामी सत्र में स्नातक के नए विषय और स्नातकोत्तर की नई कक्षाएं आरंभ होने पर शिक्षकों की आवश्यकता होगी। इसके लिए उच्च विभाग को अवगत कराया हुआ है।

-डॉ. इंद्रजीत ¨सह, प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय रेवाड़ी।
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