गुड़गांव में रविवार को पात्र अध्यापक संघ के बैनर तले चयनित प्रदर्शन करते अध्यापक। (दायें) भिवानी में प्रदर्शन करते नवचयनित जेबीटी अध्यापक। -हप्र
गुड़गांव में रविवार को पात्र अध्यापक संघ के बैनर तले चयनित प्रदर्शन करते अध्यापक। (दायें)
भिवानी में प्रदर्शन करते नवचयनित जेबीटी अध्यापक।
भिवानी : नवचयनित जेबीटी अध्यापकों ने नियुक्ति की मांग को लेकर अब सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों में आज प्रदर्शन कर सरकार को अल्टीमेटम दिया कि अगर एक सप्ताह तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए तो 15 मई के बाद वे शिक्षा सदन पर पंचकुला में अपने बच्चों व परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।

चिलचिलाती धूप, 45 डिग्री तापमान के बीच सड़कों पर अपने दुधमुंहे बच्चों के साथ उतरी ये महिलाएं सरकार से हक मांग रही थीं। इनके साथ सैकड़ों की भीड़ भी सड़कों पर उतरी।
नवचयनित अध्यापक बाद में भिवानी के विधायक एवं जनस्वास्थ्य मंत्री घनश्याम सर्राफ के निवास स्थान पर पहुंचे जहां उन्होंने जमकर बवाल काटा। मंत्री के स्टाफ द्वारा यह सूचित किया जाने कि मंत्री जी यहां नहीं हैं तो अध्यापक उनके कार्यालय में जा घुसे और वहां बैठकर इंतजार करने लगे। काफी मान-मनोव्वल के बाद वे वहां से लौटे। दरअसल प्रदेशभर के 9455 जेबीटी अध्यापकों को निुयक्ति पत्र नहीं मिले थे जिसे लेकर वे कोर्ट में भी गए। कोर्ट ने उन्हें निुयक्तियंा देने की बात कही तो मंत्री रामबिलास शर्मा ने भी भिवानी में एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के समक्ष 3300 जेबीटी अध्यापकों को नियुक्ति पत्र देने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि जिनकी वेरीफिकेशन पूरी हो चुकी है उन्हें ज्वाइनिंग दे दी जाएगी मगर आश्वासन दिए हुए 2 सप्ताह हो गए, अब तक कोई नियुक्तिपत्र जारी नहीं हुआ है।
जेबीटी टीचर्स अशोक, प्रोमिला व सुदेश ने बताया कि सरकार हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी करीब 20 महीनों से उनका शोषण कर रही है।
वो अपनी मांग और हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देकर 10-10 बार सीएम, शिक्षा मंत्री व विभाग के उच्च अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन हर बार हर कोई नियुक्ती के लिए एक सप्ताह का आकाासन देता है। जेबीटी ने बताया कि उन्हे समझ नहीं आता की मंत्रियों व अधिकारियों का एक सप्ताह कितने दिनों का होता है।
गौरतलब होगा कि इन अध्यापकों की नियुक्तियां हुड्डा सरकार के दौरान हुई थी मगर निुयक्तियां नहीं दी गई थी व अनियमितताओं के आरोप लगा दिए थे। वैरीफिकेशन हुई व मामला कोर्ट में भी चला। बहरहाल इन अध्यापकों ने सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर 15 मई तक उन्हें नियुक्तिपत्र नहीं दिए गए तो व पंचकुला में शिक्षा सदन पर अपने बच्चों व परिवार सहित आमरण अनशन पर बैठेंगे। अब देखना होगा सरकार ऐसे अध्यापकों को नियुक्ति पत्र देती है अथवा ये अध्यापक भी दूसरों की तरह आंदोलन तेज करते हैं।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
गुड़गांव में रविवार को पात्र अध्यापक संघ के बैनर तले चयनित प्रदर्शन करते अध्यापक। (दायें)
भिवानी में प्रदर्शन करते नवचयनित जेबीटी अध्यापक।
भिवानी : नवचयनित जेबीटी अध्यापकों ने नियुक्ति की मांग को लेकर अब सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों में आज प्रदर्शन कर सरकार को अल्टीमेटम दिया कि अगर एक सप्ताह तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए तो 15 मई के बाद वे शिक्षा सदन पर पंचकुला में अपने बच्चों व परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।

चिलचिलाती धूप, 45 डिग्री तापमान के बीच सड़कों पर अपने दुधमुंहे बच्चों के साथ उतरी ये महिलाएं सरकार से हक मांग रही थीं। इनके साथ सैकड़ों की भीड़ भी सड़कों पर उतरी।
नवचयनित अध्यापक बाद में भिवानी के विधायक एवं जनस्वास्थ्य मंत्री घनश्याम सर्राफ के निवास स्थान पर पहुंचे जहां उन्होंने जमकर बवाल काटा। मंत्री के स्टाफ द्वारा यह सूचित किया जाने कि मंत्री जी यहां नहीं हैं तो अध्यापक उनके कार्यालय में जा घुसे और वहां बैठकर इंतजार करने लगे। काफी मान-मनोव्वल के बाद वे वहां से लौटे। दरअसल प्रदेशभर के 9455 जेबीटी अध्यापकों को निुयक्ति पत्र नहीं मिले थे जिसे लेकर वे कोर्ट में भी गए। कोर्ट ने उन्हें निुयक्तियंा देने की बात कही तो मंत्री रामबिलास शर्मा ने भी भिवानी में एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के समक्ष 3300 जेबीटी अध्यापकों को नियुक्ति पत्र देने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि जिनकी वेरीफिकेशन पूरी हो चुकी है उन्हें ज्वाइनिंग दे दी जाएगी मगर आश्वासन दिए हुए 2 सप्ताह हो गए, अब तक कोई नियुक्तिपत्र जारी नहीं हुआ है।
जेबीटी टीचर्स अशोक, प्रोमिला व सुदेश ने बताया कि सरकार हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी करीब 20 महीनों से उनका शोषण कर रही है।
वो अपनी मांग और हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देकर 10-10 बार सीएम, शिक्षा मंत्री व विभाग के उच्च अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन हर बार हर कोई नियुक्ती के लिए एक सप्ताह का आकाासन देता है। जेबीटी ने बताया कि उन्हे समझ नहीं आता की मंत्रियों व अधिकारियों का एक सप्ताह कितने दिनों का होता है।
गौरतलब होगा कि इन अध्यापकों की नियुक्तियां हुड्डा सरकार के दौरान हुई थी मगर निुयक्तियां नहीं दी गई थी व अनियमितताओं के आरोप लगा दिए थे। वैरीफिकेशन हुई व मामला कोर्ट में भी चला। बहरहाल इन अध्यापकों ने सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर 15 मई तक उन्हें नियुक्तिपत्र नहीं दिए गए तो व पंचकुला में शिक्षा सदन पर अपने बच्चों व परिवार सहित आमरण अनशन पर बैठेंगे। अब देखना होगा सरकार ऐसे अध्यापकों को नियुक्ति पत्र देती है अथवा ये अध्यापक भी दूसरों की तरह आंदोलन तेज करते हैं।
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