मंत्रियों को ट्रांसफर पावर, संगठन बोले-यह तबादलों का मौसम नहीं

चंडीगढ़. सभी मंत्रियों को 15 अगस्त तक तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादले करने की पावर मिल गई है। वे क्लर्क, चपरासी के तबादले कर सकेंगे। लेकिन प्रथम व द्वितीय श्रेणी अफसरों के तबादले के लिए सीएम मनोहर लाल खट्टर से ही गुहार लगानी होगी। शिक्षा और वन विभाग में कर्मचारियों और स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के तबादले की अनुमति नहीं होगी। चीफ सेक्रेटरी डीएस ढेसी के अनुसार ट्रांसफर के लिए मंत्रियों को अब मंगलवार से ही अर्जियां दी जा सकेंगी, क्योंकि उन्हें यह पावर 1 अगस्त से ही दे दी गई है।

उल्लेखनीय है कि पिछले मंगलवार को हुई मंत्री समूह की अनौपचारिक मीटिंग में मंत्रियों ने ट्रांसफर खोलने का मुद्दा उठाया था। इस पर सीएम ने मंत्रियों को 10 दिन के लिए ट्रांसफर की पावर देने का फैसला किया था। उसके बाद हुई पार्टी विधायक दल की मीटिंग में यह मुद्दा फिर से उठा। ज्यादातर विधायकों ने इस बात पर आपत्ति उठाई थी कि सरकार में उनके काम नहीं हो रहे हैं। हालात यह है कि खुद सीएम के आदेश करने के बावजूद महीनों तक ट्रांसफर नहीं हो रहे हैं। इस पर सीएम मनोहर लाल ने मंत्रियों को 15 दिन के लिए ट्रांसफर की पावर देने का फैसला किया था।
मंत्री-विधायकों के दबाव में फैसला, कर्मचारी संगठन कर रहे विरोध
शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में सॉफ्टवेयर: शिक्षा विभाग ने नई टीचर ट्रांसफर पॉलिसी बनाने के साथ ही ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए अपना सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है। इसी के माध्यम से ट्रांसफर करने के लिए आवेदन भी ले लिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने भी ट्रांसफर के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया है। सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के ट्रांसफर इसी के माध्यम से होने हैं, इसलिए मंत्री विज अपने विभाग में ट्रांसफर की अर्जियां ले भी नहीं रहे हैं। वन विभाग में ट्रांसफर करने की अनुमति फिलहाल मानसून सीजन को देखते हुए नहीं दी गई है।
...लेकिन अब ट्रांसफर खोलने का फायदा क्या
मंत्री और विधायकों के दबाव में सरकार ने भले ही क्लर्क व चपरासी के जनरल ट्रांसफर 15 दिन के लिए खोल दिए हैं, लेकिन अब इसका फायदा क्या। बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि ज्यादातर अधिकारी-कर्मचारी अपने बच्चों के स्कूलों में एडमिशन करवा चुके हैं। पढ़ाई शुरू हो चुकी है। ऐसे में अब अगर उनका ट्रांसफर किया जाता है तो न केवल बच्चों की पढ़ाई डिस्टर्ब होगी। वैसे भी जनरल ट्रांसफर अप्रैल-मई के दौरान किए जाने चाहिए।
जनहित की आड़ में बदला न निकाले सरकार: लांबा
सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव सुभाष लांबा ने आशंका जाहिर की है कि जनरल ट्रांसफर की आड़ में उन ईमानदार और निष्ठावान कर्मचारियों को जनहित के नाम पर परेशान किया जाएगा जो भाजपा के कार्यकर्ताओं का सरकारी कामकाज में अनावश्यक दबाव नहीं मानते हैं। अगर ऐसा किया गया तो कर्मचारी संघ इसका विरोध करेगा। अप्रैल-मई में जनरल ट्रांसफर के लिए भी तीन-चार ही आधार होने चाहिए। इनमें म्युचुअल, कपल केस, मेडिकल ग्राउंड और जिन्होंने स्वेच्छा से ट्रांसफर की एप्लीकेशन दे रखी हो।
बहुत ही गलत फैसला, सरकार तुरंत वापस ले: चौधरी
इनेलो के राष्ट्रीय महासचिव और प्रशासनिक अधिकारी रहे आर.एस. चौधरी ने इसे बहुत गलत और अनुपयुक्त फैसला बताते हुए सरकार से तुरंत वापस लेने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि अब अगर मिड सेशन में ट्रांसफर किए जाते हैं तो कर्मचारियों का परिवार डिस्टर्ब होगा। इससे करप्शन भी बढ़ेगा, क्योंकि कर्मचारी ट्रांसफर रुकवाने की कोशिश करेंगे।
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