चंडीगढ़ (आशीष): चंडीगढ़ में टीचर्स भर्ती घोटाले की
जांच कर रही चंडीगढ़ पुलिस ने चंडीगढ़ के शिक्षा विभाग से भर्ती प्रक्रिया
का रिकार्ड मांगा है। शिक्षा विभाग के डायरैक्टर रुपिंद्रजीत सिंह बराड़ ने
पुलिस द्वारा भेजी गई चिट्ठी मिलने की बात मानी है लेकिन चिट्ठी के माध्यम
से क्या-क्या मांगा गया है और कौन-कौन से सवाल लिस्ट में हैं, इसका खुलासा
चिट्ठी खोलने पर होगा। बराड़ ने बताया कि चिट्ठी शाम को मिली है, जिसे अभी
उन्होंने खोला नहीं है।
वहीं, पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चिट्ठी में सवालों की
लिस्ट है और कुछ दस्तावेज मांगे गए हैं। साथ ही उन टीचर्स की लिस्ट भी
शिक्षा विभाग को भेजी गई है, जिनका नाम एफ.आई.आर. में शामिल है। उनका पूरा
चिट्ठा विभाग से मांगा गया है, जिसके बाद जल्द ही आरोपियों की धरपकड़ की जा
सकती है। चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में स्थायी पदों पर 2015 में हुई
टी.जी.टी. और जे.बी.टी. टीचर्स की भर्ती का प्रश्नपत्र लीक हुआ था।
इसका खुलासा पंजाब विजीलैंस की जांच में हो चुका है। शिकायत के आधार
पर पंजाब विजीलैंस ने दिनेश यादव नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया
है, जिसने प्रश्नपत्र खरीदने की बात मानी है और बताया है कि लखनऊ जाकर उसने
कई टीचर्स को लीक प्रश्नपत्र से कोङ्क्षचग भी दी थी। जिन टीचर्स ने लीक
हुए प्रश्नपत्र की कोङ्क्षचग लेकर मैरिट हासिल की थी, उनमें से 14 के नाम
एफ.आई.आर. में शामिल हैं। उक्त नामों की सूची पंजाब केसरी के पास मौजूद है।
आरोपियों की लिस्ट में ये हैं टॉप-14
मिथलेश पांडे, अलियास गुरु, मास्टर जी, दिनेश कुमार यादव,
सब-इंस्पैक्टर अजय धनखड़ (हरियाणा पुलिस), बजिंद्र नयन, सतीश, बनिया,
सङ्क्षतद्र हुड्डा, प्रदीप कुमार लोहचब, ललित कुमार, सुरेश यादव, अंजू
देवी, मीनाक्षी, पूनम देवी और भावना देवी का नाम एफ.आई.आर में शामिल है।
पंजाब विजीलैंस ने दिनेश कुमार यादव के खिलाफ 24 और 25 मई को मामला दर्ज
किया था। इसमें दिनेश ने यह कबूल किया था कि पहले पी.यू. से पेपर लीक
करवाया गया, इसके बाद शिक्षकों को लखनऊ ले जाकर पेपर की तैयारी करवाई गई।
यादव के बयानों और सबूतों के आधार पर उक्त टीचर्स का नाम एफ.आई.आर. में
जोड़ा गया है।
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