राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में शिक्षकों के आनलाइन तबादलों से पहले व्यक्तिगत प्रोफाइल अपडेट करने की प्रक्रिया तकनीकी पेंच में फंसकर रह गई है। सोमवार को एमआइएस पोर्टल पर डाटा अपडेट करने के अंतिम दिन 12 हजार 293 शिक्षक प्रोफाइल दुरुस्त करने से वंचित रह गए।
जिन 1799 स्कूलों के जोन शिक्षा विभाग द्वारा सही किए गए थे, उन सही जोन में कार्यरत शिक्षकों के सर्विस प्रोफाइल में अपडेट करने का आप्शन तक नहीं डाला गया है। इसको लेकर कई शिक्षक हाई कोर्ट भी पहुंच चुके हैं।
वर्ष 2016 में जब पहली बार आनलाइन ट्रांसफर पालिसी से तबादले किए गए थे, तब प्रदेश के सभी स्कूलों को जिला, खंड मुख्यालय, हाईवे से दूरी के अनुसार सात जोन में बांटा गया था।
शिक्षकों को आयु, दिव्यांगता, गंभीर बीमारियों, शिक्षक अवार्ड के आधार पर प्रदान किए गए अंकों की वरीयता पर स्कूल अलाट किए गए। पालिसी के अनुसार जोन एक से चार तक में आने वाले स्कूलों में एक सामान्य शिक्षक अधिकतम पांच साल तक सर्विस कर सकता है।
जोन पांच से सात तक के स्कूलों में शिक्षक अपने अंकों के आधार पर पूरी सर्विस भी कर सकता है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव तरुण सुहाग और शिक्षक नेता सुनील बास ने बताया कि पहली बार हुए तबादलों के बाद पता चला कि सैकड़ों स्कूलों के जोन निर्धारण में चूक हो गई है।
इस पर शिक्षा विभाग ने वर्ष 2017 व 2021 में गलती को ठीक कर दिया था। इसके बाद शिक्षकों ने प्रोफाइल में अपने स्कूलों के गलत जोन को सही अपडेट कर उसे अपने जिला मौलिक शिक्ष अधिकारी से सत्यापित करा लिया। अचानक शिक्षा विभाग की आइटी सेल ने जनवरी में बिना किसी आदेश के फिर से गलत जोन अपडेट कर दिए।
बाद में सही जोन अपडेट भी कर दिए, लेकिन इसे शिक्षकों की प्रोफाइल में मानने से इनकार किया जा रहा है। इसका खमियाजा जेबीटी से लेकर प्रिंसिपल तक सभी को भुगतना पड़ेगा। सबसे ज्यादा नुकसान जोन एक से चार तक में आने वाले शिक्षकों को होगा क्योंकि इन जोन में एक सामान्य शिक्षक केवल पांच साल की सर्विस कर सकता है।
कुछ शिक्षक मामले को लेकर हाई कोर्ट गए हैं जिससे आनलाइन तबादले लटक सकते हैं। सुनील बास ने कहा कि स्कूलों के गलत जोन का निर्धारण खुद शिक्षा विभाग ने किया था। जब इन स्कूलों के सही जोन बना दिए गए हैं तो उन सही जोनों को शिक्षको की प्रोफाइल में भी अपडेट किया जाना चाहिए। विभाग की मनमानी व गलती की सजा शिक्षक क्यों भुगतें।