गांव में लगीं कक्षाएं, मंत्री ने मांगी रिपोर्ट

छात्राओं से छेड़छाड़ और लाला गांव में एक नाबालिग का अपहरण कर दुराचार करने के बाद से ग्रामीणों का गुस्सा थमा नहीं है।  बुधवार को हुई पंचायत में सूमाखेड़ी और कतोपुरी के ग्रामीणों ने गांव के प्राइमरी स्कूल में ही निजी शिक्षकों से बच्चों को पढ़ाने का फैसला लिया है।
दोनों गांवों की 82 बेटियों समेत 134 बच्चों की पढ़ाई बुधवार से ही शुरू करवा दी।

पंचायत में फैसला लिया गया कि गांव के हर घर से पांच हजार रुपये चंदा कर निजी शिक्षकों का भुगतान किया जाएगा। हालांकि इस मामले में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि अब वे अपने बच्चों को गांव लाला पढ़ने नहीं भेजेंगे। उधर अमर उजाला से बातचीत के बाद सामाजिक न्याय मंत्री ने डीसी से रिपोर्ट मांगी है।

इस घटना के बाद गांव लाला से भाईचारा खत्म करने का एलान पहले ही ग्रामीण एक पंचायत में कर चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन से लेकर मंत्री से स्कूल अपग्रेडेशन की मांग कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। पंचायत की सूचना मिलते ही डीसी, एसपी समेत जिला प्रशासन के अधिकारी गांव सुमाखेड़ी पहुंचे थे। सुरक्षा का आश्वासन देकर प्रशासन ने ग्रामीणों से बच्चों को स्कूल भेजने की आग्रह किया लेकिन ग्रामीण नहीं माने। ग्रामीणों का कहना था कि अब वे सीएम और पीएम के अलावा किसी ने नहीं मिलेंगे।

सूमा और कतोपुरी के ग्रामीणों द्वारा पंचायत कर लाला गांव का पूरी तरह बहिष्कार किये जाने की सूचना पर बुधवार को उपायुक्त डॉ. यश गर्ग के अलावा स्थानीय प्रशासनिक अमला, एसपी संगीता कालिया, डीईओ धर्मबीर बल्दोडिया भी सूमा गांव पहुंचे। सुरक्षा का आश्वासन देकर ग्रामीणों को स्कूल अपग्रेड होने तक बच्चों को लाला गांव में पढ़ने के लिए भेजने का आग्रह किया। ग्रामीणों ने दो टूक कह दिया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले पीएम नरेंद्र मोदी या फिर सीएम मनोहरलाल खट्टर के अलावा वे न किसी से मिलेंगे और न ही किसी की सुनेंगे।

2012 से शुरू हुई थी छात्राओं के साथ अश्लीलता
पंचायत में ग्रामीणों ने कहा कि सबसे पहले उनके गांव की लड़कियों के साथ 2012 में अश्लीलता हुई थी। मामले को पुलिस ने दबा दिया। इसके बाद फिर 2014 में लाला गांव के बच्चों ने गांव के लड़कियों के साथ गंदी हरकत की। जिसके बाद सप्ताह भर तक लड़कियों को स्कूल नहीं भेजा गया। प्रशासन ने दबाव बनाकर दोबारा लाला गांव स्थित उच्च विद्यालय में बच्चों को भेजने के लिए विवश किया। आए दिन होने वाली हरकतों के चलते तब कुछ बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल से निकलवा लिया, लेकिन हरकतें यहीं बंद नहीं हुईं और 18 अप्रैल को सूमाखेड़ी गांव की नाबालिग किशोरी से गांव के युवकों ने दुष्कर्म किया। गांव के अमर सिंह दहिया का कहना है कि राजमंत्र और प्रशासन से गुहार लगाकर परेशान हो चुके हैं। इसलिए आज पंचायत में फैसला लिया गया है।

तीन टीचरों ने पढ़ाना किया शुरू, छह की तलाश
गांव में बुधवार को तीन निजी युवा टीचरों ने बच्चों को पढ़ाना शुरू भी कर दिया है। वहीं बच्चों की संख्या और सब्जेक्ट के आधार पर अभी छह और टीचर्स की जरूरत है। इसकी तलाश गांव के लोग कर रहे हैं। गांव में सेवानिवृत्त शिक्षकों से भी शिक्षा दिलवाने पर भी चर्चा हुई है। जल्द ही रिटायर्ड टीचर्स की भी मदद ली जाएगी। ग्रामीण सुनीता देवी का कहना है कि आज जो हालात हो रहे हैं उससे ऐसा लगता है कि हमारे लड़कियों के रिश्ते भी बंद हो जाएंगे और इस मामले में ना तो प्रशासन मदद कर रहा है और ना ही सरकार कोई कदम उठा रही है।

बस लगाई, महिला पुलिसकर्मी भी होंगी तैनात
वहीं मामले को तूल पकड़ता देख उपायुक्त डॉ. यश गर्ग और पुलिस अधीक्षक संगीता कालिया ने ग्रामीणों से कहा कि प्राइमरी स्कूल अपग्रेड होने तक लाला गांव में बच्चों को स्कूल तक छोडने और लाने के लिए हरियाणा रोडवेज की बस लगाई गई है। बस में दो महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी लगाई है। इसके अलावा दो राइडर और पीसीआर भी लगातार गश्त करेगी। वहीं स्कूल में अस्थाई शिक्षकों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये हैं। साथ ही बताया कि स्कूल अपग्रेड होने पर लाला गांव के लोग भी मदद करेंगे। इसके साथ ही लाल गांव के लोगों ने कुछ शरारती तत्वों के चलते पूरे गांव पर लांछन न लगाया जाए।
कोट
सूमाखेड़ी और कतोपुरी गांव के लोगों ने गांव की प्राथमिक पाठशाला के 12 कमरों में बच्चों को पढ़ाने का फैसला लिया है। गांव लाला के युवाओं की शिकायत मंत्री से लेकर प्रशासन तक की गई है, लेकिन कोई खास समाधान नहीं निकला है।
- उर्मिला देवी, सरपंच

कोट
स्कूल अपग्रेड करने के लिए प्रशासन और मंत्री से गुहार लगाई जा चुकी है। गांव में उच्च विद्यालय खुलने तक निजी टीचरों से पढ़वाने का फैसला गांव के लोगों ने मिलकर लिया है। पीएम और सीएम से ही अब मामले में आगे कोई बात करेंगे।
-सुनील कुमार, सरपंच, गांव कतोपुरी

कोट
स्कूल अपग्रेड करवाने के लिए पंचायतों के प्रस्ताव भेज दें। जिसे  वे सरकार को भेज कर स्कूल अपग्रेड करवाने का प्रयास करेंगे। प्रशासन का आग्रह है कि जब तक उनके गांव का स्कूल अपग्रेड नहीं होता है बच्चों को स्कूल भेजें। प्रशासन उनकी भरपूर मदद करने को तैयार है।
- डॉ. यश गर्ग, उपायुक्त, जिला रेवाड़ी

कोट
लिखित शिकायत मिलते ही होगी कार्रवाई : कविता जैन
 इस विषय में सामाजिक न्याय मंत्री का कहना था कि उनके संज्ञान में इस प्रकार का कोई मामला नहीं था। अब मामला संज्ञान में आया है। दोनो गांवों के लोगों से और पंचायत से खुद बात करेंगी। शिकायत लिखित में मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही स्कूल अपग्रेडेशन के मसले पर भी संबंधित मंत्री के पास बात रखी जाएगी।
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