JBT teacher News - जेबीटी भर्ती में मिले 1361 फर्जी टीचर्स!

डॉ. सुरेंद्र धीमान. चंडीगढ़ कांग्रेस के शासनकाल 2011 में हुई थी भर्तियां, एचटेट परीक्षा में लिए गए अंगूठों के निशान नहीं पाए गए सही . जिन टीचर्स के निशान नहीं मिले हैं उनके खिलाफ दो प्रकार की कार्रवाई की जा रही है। 778 शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। शेष पर दर्ज की जाएंगी। इन टीचर्स को हटाने के लिए प्रशासनिक कार्रवाईअलग से की जाएगी। कुछ को नोटिस भेजे गए थे मगर उन पर स्टे लगा दी।
अब दूसरा नियम बनाया गया है कि संबंधित टीचर्स को चार्जशीट जारी की जाएगी। वे उस चार्जशीट का जवाब देंगे। अगर जांच रिपोर्ट में उन्हें दोषी पाया गया तो उन्हें हटाने के आदेश पारित किए जाएंगे। 5934 के अंगूठा निशान सही
मौलिक शिक्षा निदेशालय की कमेटी मधुबन स्थित लैब की जांच रिपोर्ट को परख करती है। रिपोर्ट के अनुसार 8215 में से 5934 टीचर्स के अंगूठा निशान सही हैं। 1361 टीचर्स के निशान मेल नहीं खाते। इसलिए यह माना जा रहा है कि उनकी परीक्षा किसी अन्य व्यक्ति ने दी थी। इस भर्ती में 868 टीचर्स ऐसे हैं जिनके अंगूठा निशानों का परीक्षण नहीं हो सका क्योंकि निशान खराब हो गए हैं यानी वे मिलान के काबिल नहीं हैं। चयनित सूची में से 18 टीचर्स की मौत हो चुकी है।
डीईईओ करेंगे कार्रवाई
जिनके अंगूठा निशान सही नहीं पाए गए हैं उनके खिलाफ नियुक्ति प्राधिकारी (जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी) कार्रवाई करेंगे। आपराधिक और प्रशासनिक कार्रवाई अलग-अलग होगी। हाईकोर्ट ने भी केस टू केस कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
-डॉ. वीरेंद्र दहिया, अतिरिक्त निदेशक, मौलिक शिक्षा,
हरियाणा कांग्रेस शासनकाल में जेबीटी टीचर्स की हुई भर्ती में 1361 टीचर्स भर्जी पाए गए हैं। यह भर्ती 2011 में हुई थी और इनका विज्ञापन 2009 में जारी हुआ था। अब इन 1361 टीचर्स पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।हरिभूमि ने शिक्षा निदेशालय के सूत्रों से जानकारी जुटाई है जिसके अनुसार 2011 में 8627 जेबीटी टीचर्स की चयनित सूची हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने शिक्षा निदेशालय को भेजी थी। सूबे के 21 जिलों में इनमें से 8215 टीचर्स ने ज्वाइन किया। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कुछ असफल उम्मीदवारों ने दावा किया कि जिन चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी हुई है उनमें से कुछ ने एचटेट (हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा) खुद पास नहीं की थी बल्कि उनके स्थान पर कोई और व्यक्ति परीक्षा में बैठा था। ऐसे चयनित कुछ उम्मीदवारों के नाम भी हाईकोर्ट में दिए गए। इस पर हाईकोर्ट ने चयनित उम्मीदवारों के अंगूठा निशान की जांच कराने के आदेश दिए। चूंकि टीचर्स ज्वाइन कर चुके थे, इसलिए अंगूठा निशान जांचने का काम शुरू कर दिया गया। मधुबन स्थित पुलिस प्रयोगशाला में यह जांच शुरू हुई और तीन-चार साल में यह अंगूठा निशान अब पूरे हो गए। इनकी जांच रिपोर्ट तैयार है।

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