चंडीगढ़ के 91 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को लेकर यूटी शिक्षा विभाग सख्त
रुख अपनाए हुए हैं। इस बीच चंडीगढ़ रूरल एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी ने मांग
की है कि यह सभी स्कूल 20 से 25 साल पुराने हैं और राइट टू एजुकेशन (आरटीई)
एक्ट 2009 की पालना करते हैं, इसलिए स्कूलों को प्राइमरी तक के लिए एक्ट
के तहत मान्यता प्रदान की जानी चाहिए।
चंडीगढ़ रूरल एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष वीबी कपिल ने बताया कि
शिक्षा विभाग ने जो 91 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की जो लिस्ट बनाई है,
वह सभी चंडीगढ़ के रूरल एरिया जिनमें मौलीजागरां, मनीमाजरा, धनास, मलोया,
हल्लोमाजरा, खुड्डा अलीशेर, डड्डूमाजरा आदि में हैं। यह सभी स्कूल काफी
पुराने हैं।
इनमें से कई पिछले 25 साल से चल रहे हैं और इन इलाकों में रहने वाले गरीब बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा की इनमें से ज्यादातर स्कूल आरटीई एक्ट की पालना करते हैं, बावजूद इसके इन्हें प्राइमरी तक की कक्षाएं लगाने के लिए मान्यता नहीं मिल रही।
बता दें शिक्षा विभाग ने बीते दिनों गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों को अपने बच्चे नजदीकी स्कूलों में शिफ्ट करने को कहा है। साथ ही विभाग ने इन स्कूलों की लिस्ट भी जारी की है।
इनमें से कई पिछले 25 साल से चल रहे हैं और इन इलाकों में रहने वाले गरीब बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा की इनमें से ज्यादातर स्कूल आरटीई एक्ट की पालना करते हैं, बावजूद इसके इन्हें प्राइमरी तक की कक्षाएं लगाने के लिए मान्यता नहीं मिल रही।
बता दें शिक्षा विभाग ने बीते दिनों गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों को अपने बच्चे नजदीकी स्कूलों में शिफ्ट करने को कहा है। साथ ही विभाग ने इन स्कूलों की लिस्ट भी जारी की है।
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