रेवाड़ी.शिक्षा नियमावली के नियम 134 ए के तहत निजी स्कूलों में
फ्री दाखिला की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही दाखिले के नाम पर अभिभावकों
से वसूली करने का खेल भी शुरू हो गया। कुछ लोग दो से पांच हजार रुपए लेकर
दाखिला सुनिश्चित करने का आश्वासन दे रहे हैं। रेवाड़ी और झज्जर में ऐसे कुछ
मामले सामने आने के बाद शिक्षा विभाग और अन्य संगठन चौकस हो गए हैं।
134ए के तहत दाखिलों के लिए 20 मार्च से आवेदन जमा कराने की प्रक्रिया शुरू हुई है। 10 अप्रैल तक आवेदन जमा होने हैं। नियमानुसार निजी स्कूलों में 10 फीसदी सीटें गरीब परिवारों के लिए आरक्षित की गई हैं। इन सीटों पर ऐसे परिवारों के बच्चे दाखिला लेने के पात्र हैं, जिनकी वार्षिक आय 2 लाख से कम है।
दाखिलों के इसी दौर में
कुछ अवांछित लोग सक्रिय हो गए, जो निजी स्कूलों में दाखिला कराने के नाम पर
एक से दो माह की फीस खर्चे के नाम पर मांग रहे हैं। दिल्ली रोड निवासी प्रेम
मिस्त्री, पूनम और मोना ने बताया कि बच्चों का दाखिला कराने के नाम पर
उनसे 2 से तीन हजार रुपए खर्चे के नाम पर लिए गए हैं। इसी तरह झज्जर में भी
ऐसा मामला सामने आते ही दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन ने तुरंत कार्रवाई
करते हुए अपने इस सक्रिय कार्यकर्ता को हटा दिया है। साथ ही यह निर्णय लिया
है कि अगर इस तरह की शिकायतें आती हैं तो तुरंत पुलिस में मामला दर्ज
करवाया जाएगा। आंदोलन के अध्यक्ष सतबीर हुड्डा ने माना कि उनके पास इस तरह
की शिकायतें आई थी। झज्जर में हमें पता चलते ही उस व्यक्ति को संगठन से
निकाल दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में कुछ संगठन निजी स्कूलों
में दाखिला कराने के नाम पर सक्रिय हो गए हैं।
जरूरतमंद परिवारों की सूची तैयार कर करते हैं संपर्क
कुछ
संगठन जरूरतमंद परिवारों से संपर्क कर उनके बच्चों का निजी स्कूल में
दाखिला कराने का भरोसा दिलाते हैं। ऐसे परिवारों की सूची तैयार की जाती है।
अमूमन 100 परिवारों में 10 से ज्यादा का दाखिला रूटीन प्रक्रिया में हो
जाता है। इस तरह के संगठन के लोग अभिभावकों से दाखिला कराने के नाम पर
संबंधित निजी स्कूल में लगने वाली दो माह की फीस को खर्चे के नाम पर देने
के लिए तैयार कर लेते हैं। आमतौर पर एक छात्र का दाखिला कराने पर दो से तीन
हजार रुपए ले लिया जाता है।
स्कूल से नाम कटने के डर से लिखित शिकायत नहीं करते अभिभावक: शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो 50 से ज्यादा अभिभावकों से इस तरह की वसूली हो चुकी है। जिला शिक्षा अधिकारी धर्मवीर सिंह
बल्डोदिया ने कहा कि कई मौखिक शिकायतें आई लेकिन मौखिक शिकायत पर कुछ नहीं
कर सकते। लिखित में शिकायत करने पर अभिभावक इसलिए डरते हैं कि कहीं उनके
बच्चे का स्कूल संचालक नाम नहीं काट दें।
शिक्षा विभाग का अलर्ट
कोई पैसे मांगे तो करें शिकायत शिक्षा विभाग ने भी सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं कि वे इस तरह की शिकायतों को लेकर अलर्ट रहें। अभिभावकों से अपील की जाए कि वे नियमानुसार अपने बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में कराएं। अगर कोई इस कार्य के नाम पर सेवा शुल्क मांगता है ताे तुरंत लिखित में शिकायत दर्ज कराए।
कोई पैसे मांगे तो करें शिकायत शिक्षा विभाग ने भी सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं कि वे इस तरह की शिकायतों को लेकर अलर्ट रहें। अभिभावकों से अपील की जाए कि वे नियमानुसार अपने बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में कराएं। अगर कोई इस कार्य के नाम पर सेवा शुल्क मांगता है ताे तुरंत लिखित में शिकायत दर्ज कराए।
दाखिले के लिए टेस्ट पास करना जरूरी :
शिक्षा विभाग की ओर से जो शेड्यूल जारी किया गया है, उसके मुताबिक 16
अप्रैल को टेस्ट होगा। 18 को रिजल्ट आएगा। जो बच्चा टेस्ट में 55 फीसदी अंक
लेकर ‘मेधावी’ की श्रेणी में आएगा, वहीं दाखिले का पात्र होगा। दाखिले 20
अप्रैल से होंगे। पिछले साल 55 हजार बच्चों ने दाखिले के लिए आवेदन किया।
टेस्ट पास करने के बाद करीब 17 हजार को दाखिला मिल पाया था।