कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी प्रशासन ने केयू की रिवेल्युएशन ब्रांच के एक पूर्व डिप्टी रजिस्ट्रार पर अपने नंबर बढ़ाने के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी गठित की है। मामले में केयू शिक्षक डॉ. वीरेंद्र पूनिया ने सीएम विंडो पर 20 मई को शिकायत सौंपी थी। केयू कुलपति ने तीन सदस्यों की जांच कमेटी गठित की।
इसमें डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. अनिल वशिष्ठ, डॉ. अमित लूधरी और स्थापना शाखा के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को शामिल किए हैं। केयू वीसी डॉ. केसी शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। पूर्व डिप्टी रजिस्ट्रार पंकज गुप्ता अब कार्यवाहक परीक्षा नियंत्रक हैं।
केयू के शिक्षक डॉ. वीरेंद्र पूनिया ने आरटीआई में पंकज गुप्ता के अंक बढ़ने से संबंधित जानकारी मांगी थी। मिली जानकारी के अनुसार पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (पीजीडीसीए) के दो पेपर में पंकज गुप्ता के अंक तीन गुना तक बढ़े। पीजी-11 विषय में गुप्ता के पहले 20 अंक थे, रिवेल्युएशन के बाद अंक बढ़कर 64 हो गए। वहीं, पीजी-13 विषय में पहले 15 अंक थे, जो रिवेल्युएशन के बाद बढ़कर 52 हो गए। डॉ. वीरेंद्र पूनिया ने आरोप लगाया कि जिस समय गुप्ता के नंबर बढ़े उस समय वे खुद रिवेल्युएशन ब्रांच में डिप्टी रजिस्ट्रार पद पर थे।
पद पर बने रहने से प्रभािवत होगी जांच
शिकायतकर्ताडॉ. वीरेंद्र पूनिया ने कहा कि जिस अधिकारी पर परीक्षा में अंक बढ़ाने के मामले में आरोप लगे हों, उन्हें कार्यवाहक परीक्षा नियंत्रक के पद पर रखना गलत है। इससे जांच प्रभावित हो सकती है। इसलिए उन्हें परीक्षा शाखा से दूर रखना चाहिए। इधर, जब पंकज गुप्ता से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कॉल रिसीव की और ही एसएमएस का जवाब दिया।
जांचके लिए बनाई कमेटी
"पंकजगुप्ता से संबंधित मामले की जांच तीन सदस्यों की जांच कमेटी गठित की गई है। उन्होंने कहा कि पंकज गुप्ता के कार्यवाहक परीक्षा नियंत्रक बने रहने से जांच पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।"--डॉ.कैलाश चंद्र शर्मा, कुलपति, केयू।
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इसमें डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. अनिल वशिष्ठ, डॉ. अमित लूधरी और स्थापना शाखा के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को शामिल किए हैं। केयू वीसी डॉ. केसी शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। पूर्व डिप्टी रजिस्ट्रार पंकज गुप्ता अब कार्यवाहक परीक्षा नियंत्रक हैं।
केयू के शिक्षक डॉ. वीरेंद्र पूनिया ने आरटीआई में पंकज गुप्ता के अंक बढ़ने से संबंधित जानकारी मांगी थी। मिली जानकारी के अनुसार पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (पीजीडीसीए) के दो पेपर में पंकज गुप्ता के अंक तीन गुना तक बढ़े। पीजी-11 विषय में गुप्ता के पहले 20 अंक थे, रिवेल्युएशन के बाद अंक बढ़कर 64 हो गए। वहीं, पीजी-13 विषय में पहले 15 अंक थे, जो रिवेल्युएशन के बाद बढ़कर 52 हो गए। डॉ. वीरेंद्र पूनिया ने आरोप लगाया कि जिस समय गुप्ता के नंबर बढ़े उस समय वे खुद रिवेल्युएशन ब्रांच में डिप्टी रजिस्ट्रार पद पर थे।
पद पर बने रहने से प्रभािवत होगी जांच
शिकायतकर्ताडॉ. वीरेंद्र पूनिया ने कहा कि जिस अधिकारी पर परीक्षा में अंक बढ़ाने के मामले में आरोप लगे हों, उन्हें कार्यवाहक परीक्षा नियंत्रक के पद पर रखना गलत है। इससे जांच प्रभावित हो सकती है। इसलिए उन्हें परीक्षा शाखा से दूर रखना चाहिए। इधर, जब पंकज गुप्ता से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कॉल रिसीव की और ही एसएमएस का जवाब दिया।
जांचके लिए बनाई कमेटी
"पंकजगुप्ता से संबंधित मामले की जांच तीन सदस्यों की जांच कमेटी गठित की गई है। उन्होंने कहा कि पंकज गुप्ता के कार्यवाहक परीक्षा नियंत्रक बने रहने से जांच पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।"--डॉ.कैलाश चंद्र शर्मा, कुलपति, केयू।
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