प्रदेश के कॉलेजों में आवेदन प्रक्रिया जारी है। छात्र आवेदन कर रहे हैं, लेकिन मेरिट तैयार कैसे होगी? इसे लेकर खुद उच्चतर शिक्षा विभाग असमंजस में है। विभाग ने प्रदेश के तीनों विश्वविद्यालय महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू), कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी (केयू) और चौधरी देवी लाल यूनिवर्सिटी (सीडीएलयू) को पत्र
लिखकर मेरिट लिस्ट तैयार करने का फॉर्मूला मांगा है। सभी यूनिवर्सिटी से जवाब मिलने के बाद कॉमन फॉर्मूले से मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी।दरअसल, प्रदेश की तीनों यूनिवर्सिटी में मेरिट लिस्ट तैयार करने के लिए अपना-अपना अलग फॉर्मूला था। जिसका पालन संबद्ध कॉलेजों में होता है। एमडीयू टॉप-5 विषय को प्राथमिकता देता था तो केयू टॉप-4 विषय के जरिए मेरिट लिस्ट तैयार करता था। वहीं, एमडीयू के कुछ कॉलेजों में भी टॉप-4 और टॉप-5 विषय के जरिए पिछले साल तक मेरिट लिस्ट तैयार की गई थी। इस बार कॉलेजों में सेंट्रलाइज्ड तरीके से दाखिला प्रक्रिया चल रही है। छात्रों की मेरिट लिस्ट ऑनलाइन तैयार की जाएगी। इसके लिए विभाग को समझ में नहीं आ रहा है कि अलग-अलग यूनिवर्सिटी के अलग-अलग फॉर्मूले को कैसे लागू किया जाए? इसके लिए विभाग ने पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी से स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें कि प्रदेश के तमाम सरकारी कॉलेजों में आवेदन के वक्त छात्रों से कुल अंक और प्राप्त अंक की मांगी जा रही है।
टॉप-5 विषय को मिल सकती है प्राथमिकता
शिक्षा विभाग टॉप-5 विषयों के जरिए मेरिट लिस्ट बनाने पर विचार कर रहा है। एमडीयू ने भी टॉप-5 विषय के जरिए मेरिट लिस्ट तैयार करने की सिफारिश की है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की तरह टॉप-4 विषय के जरिए मेरिट लिस्ट तैयार करना मुश्किल है। छात्रों से विषयवार अंक आवेदन में नहीं मांगे गए हैं। छात्रों ने कुल प्राप्त अंक भरे हैं। जिसकी वजह से टॉप-5 विषयों के कुल प्राप्तांक से ही मेरिट तैयार की जाएगी।
हर यूनिवर्सिटी पिछले साल तक अपने हिसाब से मेरिट तैयार करती थी। इस बार विभाग को मेरिट लिस्ट जारी करनी है, इसके लिए एक कॉमन फॉर्मूले की जरूरत है। विभाग यूनिवर्सिटी की स्वायत्ता को छेड़ना नहीं चाहता है, इसलिए पत्र लिखकर टॉप-5 या टॉप-4 विषय को लेकर मेरिट लिस्ट जारी करने पर स्पष्टीकरण मांगा है।
अरूण जोशी, डिप्टी डायरेक्टर, उच्चतर शिक्षा विभाग
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लिखकर मेरिट लिस्ट तैयार करने का फॉर्मूला मांगा है। सभी यूनिवर्सिटी से जवाब मिलने के बाद कॉमन फॉर्मूले से मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी।दरअसल, प्रदेश की तीनों यूनिवर्सिटी में मेरिट लिस्ट तैयार करने के लिए अपना-अपना अलग फॉर्मूला था। जिसका पालन संबद्ध कॉलेजों में होता है। एमडीयू टॉप-5 विषय को प्राथमिकता देता था तो केयू टॉप-4 विषय के जरिए मेरिट लिस्ट तैयार करता था। वहीं, एमडीयू के कुछ कॉलेजों में भी टॉप-4 और टॉप-5 विषय के जरिए पिछले साल तक मेरिट लिस्ट तैयार की गई थी। इस बार कॉलेजों में सेंट्रलाइज्ड तरीके से दाखिला प्रक्रिया चल रही है। छात्रों की मेरिट लिस्ट ऑनलाइन तैयार की जाएगी। इसके लिए विभाग को समझ में नहीं आ रहा है कि अलग-अलग यूनिवर्सिटी के अलग-अलग फॉर्मूले को कैसे लागू किया जाए? इसके लिए विभाग ने पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी से स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें कि प्रदेश के तमाम सरकारी कॉलेजों में आवेदन के वक्त छात्रों से कुल अंक और प्राप्त अंक की मांगी जा रही है।
टॉप-5 विषय को मिल सकती है प्राथमिकता
शिक्षा विभाग टॉप-5 विषयों के जरिए मेरिट लिस्ट बनाने पर विचार कर रहा है। एमडीयू ने भी टॉप-5 विषय के जरिए मेरिट लिस्ट तैयार करने की सिफारिश की है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की तरह टॉप-4 विषय के जरिए मेरिट लिस्ट तैयार करना मुश्किल है। छात्रों से विषयवार अंक आवेदन में नहीं मांगे गए हैं। छात्रों ने कुल प्राप्त अंक भरे हैं। जिसकी वजह से टॉप-5 विषयों के कुल प्राप्तांक से ही मेरिट तैयार की जाएगी।
हर यूनिवर्सिटी पिछले साल तक अपने हिसाब से मेरिट तैयार करती थी। इस बार विभाग को मेरिट लिस्ट जारी करनी है, इसके लिए एक कॉमन फॉर्मूले की जरूरत है। विभाग यूनिवर्सिटी की स्वायत्ता को छेड़ना नहीं चाहता है, इसलिए पत्र लिखकर टॉप-5 या टॉप-4 विषय को लेकर मेरिट लिस्ट जारी करने पर स्पष्टीकरण मांगा है।
अरूण जोशी, डिप्टी डायरेक्टर, उच्चतर शिक्षा विभाग
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