कॉलेजों में कई सालों से जमे प्रोफेसर्स के तबादले को
लेकर चंडीगढ़ के उच्च शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। फैसले के तहत
कॉलेज टीचर्स को अब बारी-बारी सभी कॉलेजों में पढ़ाना होगा। चंडीगढ़ का
हायर एजुकेशन विभाग पहली बार कॉलेज प्रोफेसर्स की ट्रांसफर पॉलिसी तैयार कर
रहा है। गवर्नमेंट कॉलेजों में इस समय अधिकतर प्रोफेसर 15 से 25 साल से एक
ही जगह जमे हुए हैं।
ट्रांसफर पॉलिसी तैयार करने के लिए जल्द यूटी
प्रशासन द्वारा कमेटी गठित कर दी जाएगी। अगले सत्र से पहले ट्रांसफर पॉलिसी
लागू कर दी जाएगी। जानकारी के अनुसार अभी तक गवर्नमेंट कॉलेजों में
नियुक्त प्रोफेसर की ट्रांसफर को लेकर कोई पॉलिसी नहीं थी। जिस कॉलेज में
नौकरी ज्वाइन की उसी से रिटायर हो जाते रहे हैं।
ऐसे में कई शिक्षकों को मनपसंद कॉलेज मिल जाता तो कुछ ट्रांसफर के लिए भागदौड़ करते हैं। नई ट्रांसफर पॉलिसी के तहत कॉलेज प्रोफेसर पांच साल से अधिक समय तक नहीं टिक सकेगा। पांच साल के बाद प्रोफेसर को दूसरे कॉलेज में जाना होगा। शहर में इस समय पांच डिग्री कॉलेज हैं।
हरियाणा की ट्रांसफर पॉलिसी का अध्ययन
नई ट्रांसफर पॉलिसी को हरियाणा शिक्षा विभाग के पैटर्न पर लागू करने का विचार है। नई पॉलिसी के तहत प्रोफेसर के ट्रांसफर पूरी तरह कंप्यूटर के खास सॉफ्टवेयर से होंगे। प्रोफेसर की ट्रांसफर से लेकर एकेडमिक रिकार्ड ऑनलाइन होगा।
प्रोफेसर के तबादले हर साल एकेडमिक सत्र की शुरूआत में होंगे। तबादले के लिए कॉलेजों को तीन जोन में बांटा जाएगा। जिसमें जीसीजी-11,जीसी-11 जोन एक, जीसीजी-42 और गवर्नमेंट कॉमर्स कॉलेज-50 को जोन बी और जीसी-46 को जोन सी में रखा जा सकता है।
नई ट्रांसफर पॉलिसी के लिए गठित होगी कमेटी
गवर्नमेंट कॉलेजों में प्रोफेसर की ट्रांसफर के लिए बनने वाली पॉलिसी के लिए एक पावर कमेटी गठित होगी। सूत्रों के अनुसार एसआईई-32 डायरेक्टर डॉ.सुरेंद्र दहिया, रजिस्ट्रार कॉलेज, एक या दो कॉलेज प्रिंसिपल और कुछ एक्सपर्ट को कमेटी में शामिल किया जाएगा। दो महीने के भीतर कमेटी अपनी रिपोर्ट यूटी प्रशासन को देगी।
जीसी-11 और जीसीजी-11 में मिलेगा सभी को मौका
शहर के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित जीसी-11 और जीसीजी-11 में नियुक्ति को लेकर जबर्दस्त मारामारी रहती है। इन कॉलेजों में नियुक्ति पाने के लिए राज्यपाल से लेकर हरियाणा, पंजाब और केंद्र सरकार स्तर पर सिफारिशें यूटी प्रशासन के पास आती हैं। इन कॉलेजों में कई प्रोफेसर 25 से 30 सालों से नियुक्त हैं। नई ट्रांसफर पॉलिसी से इन कॉलेजों में नियुक्त 80 फीसदी से अधिक प्रोफेसर का तबादला दूसरे कॉलेजों में होना तय है।
गवर्नमेंट कॉलेज प्रोफेसर्स के तबादले को लेकर यूटी प्रशासन नई पॉलिसी बनाने पर विचार कर रहा है। इस संबंध में जल्द ही कमेटी गठित की जाएगी। सभी कॉलेज टीचर्स को सभी डिग्री कॉलेज में पढ़ाने का मौका मिल सकेगा ।
- जितेंद्र यादव, डायरेक्टर हायर एजुकेशन यूटी
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ऐसे में कई शिक्षकों को मनपसंद कॉलेज मिल जाता तो कुछ ट्रांसफर के लिए भागदौड़ करते हैं। नई ट्रांसफर पॉलिसी के तहत कॉलेज प्रोफेसर पांच साल से अधिक समय तक नहीं टिक सकेगा। पांच साल के बाद प्रोफेसर को दूसरे कॉलेज में जाना होगा। शहर में इस समय पांच डिग्री कॉलेज हैं।
हरियाणा की ट्रांसफर पॉलिसी का अध्ययन
नई ट्रांसफर पॉलिसी को हरियाणा शिक्षा विभाग के पैटर्न पर लागू करने का विचार है। नई पॉलिसी के तहत प्रोफेसर के ट्रांसफर पूरी तरह कंप्यूटर के खास सॉफ्टवेयर से होंगे। प्रोफेसर की ट्रांसफर से लेकर एकेडमिक रिकार्ड ऑनलाइन होगा।
प्रोफेसर के तबादले हर साल एकेडमिक सत्र की शुरूआत में होंगे। तबादले के लिए कॉलेजों को तीन जोन में बांटा जाएगा। जिसमें जीसीजी-11,जीसी-11 जोन एक, जीसीजी-42 और गवर्नमेंट कॉमर्स कॉलेज-50 को जोन बी और जीसी-46 को जोन सी में रखा जा सकता है।
नई ट्रांसफर पॉलिसी के लिए गठित होगी कमेटी
गवर्नमेंट कॉलेजों में प्रोफेसर की ट्रांसफर के लिए बनने वाली पॉलिसी के लिए एक पावर कमेटी गठित होगी। सूत्रों के अनुसार एसआईई-32 डायरेक्टर डॉ.सुरेंद्र दहिया, रजिस्ट्रार कॉलेज, एक या दो कॉलेज प्रिंसिपल और कुछ एक्सपर्ट को कमेटी में शामिल किया जाएगा। दो महीने के भीतर कमेटी अपनी रिपोर्ट यूटी प्रशासन को देगी।
जीसी-11 और जीसीजी-11 में मिलेगा सभी को मौका
शहर के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित जीसी-11 और जीसीजी-11 में नियुक्ति को लेकर जबर्दस्त मारामारी रहती है। इन कॉलेजों में नियुक्ति पाने के लिए राज्यपाल से लेकर हरियाणा, पंजाब और केंद्र सरकार स्तर पर सिफारिशें यूटी प्रशासन के पास आती हैं। इन कॉलेजों में कई प्रोफेसर 25 से 30 सालों से नियुक्त हैं। नई ट्रांसफर पॉलिसी से इन कॉलेजों में नियुक्त 80 फीसदी से अधिक प्रोफेसर का तबादला दूसरे कॉलेजों में होना तय है।
गवर्नमेंट कॉलेज प्रोफेसर्स के तबादले को लेकर यूटी प्रशासन नई पॉलिसी बनाने पर विचार कर रहा है। इस संबंध में जल्द ही कमेटी गठित की जाएगी। सभी कॉलेज टीचर्स को सभी डिग्री कॉलेज में पढ़ाने का मौका मिल सकेगा ।
- जितेंद्र यादव, डायरेक्टर हायर एजुकेशन यूटी