ब्यूरो/अमर उजाला, रोहतक टीचर अब उसी स्कूल में पढ़ाएगा, छात्राओं को मानेगा बेटी के समान उम्र और पिछले रिकार्ड को देखते हुए पंचायत ने शिक्षक को किया माफ
दो छात्राओं से छेड़खानी के आरोपी शिक्षक को गांव की पंचायत ने मंगलवार को माफ कर दिया। अब शिक्षक न केवल उसी स्कूल में पढ़ाएगा बल्कि गांव का एक प्रतिनिधि एसपी से मिलकर शिक्षक के खिलाफ दर्ज केस को रद्द करने का अनुरोध भी करेगा। वहीं, शिक्षक को स्कूल में विद्यार्थियों के सामने छात्राओं को अपनी बेटी के समान मानकर भरोसा दिलाना होगा कि उसकी नीयत गलत नहीं थी। दूसरी ओर, शिक्षक पर आरोप और ग्रामीणों के विरोध के बाद दूसरे शिक्षकों ने स्कूल का बहिष्कार कर दिया।
बता दें कि सोमवार को गांव खैरड़ी के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के राजनीति शास्त्र के अध्यापक जयकरन के खिलाफ ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन किया था। हालात ऐसे हो गये थे कि मौके पर पुलिस फोर्स को तैनात करना पड़ा था। शिक्षक पर दो छात्राओं ने छेड़खानी का आरोप लगाया था। शिक्षक पर केस दर्ज होने के बाद ही ग्रामीण शांत हुए थे। जबकि एक माह पहले स्थानांतरित होकर आये 56 वर्षीय शिक्षक का कहना था कि छात्राएं उनकी बेटी के समान हैं। उस समय किसी ने भी शिक्षक की बात नहीं सुनी।
मंगलवार को मामले को लेकर गांव में पंचायत बैठी। पंचायत में खैरडी, कटेसरा, गुढान, ककराना, गरनावठी, सुंडाना, सैंपल, कलानौर आदि गांवों से सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। पंचायत में तय किया गया कि पांच सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया जाए जो निष्पक्ष निर्णय ले। सभी उसके निर्णय को मानेंगे। इसके बाद पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई। कमेटी ने टीचर की गलती को लेकर काफी मंथन किया। इसके बाद कहा गया कि चूंकि शिक्षक की आयु 56 वर्ष है और इससे पहले वह ककराना, गरनावठी और सुंडाना के स्कूलों में पढ़ा चुका है। इन जगहों पर उस पर कोई आरोप नहीं लगा है। ऐसे में शिक्षक को एक मौका दिया जाना चाहिए। यह भी निर्णय हुआ की शिक्षक बुधवार को सभी विद्यार्थियों के सामने छात्राओं को अपनी बेटी मानेगा। चूंकि आरोपी शिक्षक पुलिस की गिरफ्त में है ऐसे में उसके चाचा स्कूल जाकर उसकी ओर से माफी मांगेंगे। कमेटी की अध्यक्षता गुढान गांव के पूर्व सरपंच जोगेंद्र पहलवान ने की। समिति में गरनावठी के सरपंच वेदपाल, खैरडी गांव के सरपंच भूपेंद्र सिंह, पूर्व सरपंच उमेद सिंह, सैंपल के पूर्व सरपंच कंवल कृष्ण शामिल थे।
शिक्षक के समर्थन में स्कूल के दूसरे शिक्षक, किया स्कूल का बहिष्कार
छात्राओं से छेड़खानी के आरोप को बेबुनियाद और अध्यापक की छवि खराब करने वाला बताते हुए स्कूल के दूसरे शिक्षकों ने मंगलवार को स्कूल का बहिष्कार कर दिया। शिक्षकों का कहना था कि ऐसे तो वे स्कूल में जा ही नहीं सकेंगे। झूठे आरोप लगाने के बाद गांव वालों ने उनके साथ बदसलूकी की है। पूरे दिन स्कूल के गेट पर ताला लगा रहा। टीचरों का कहना था कि जब तक उनको सुरक्षा का आश्वासन नहीं मिलता वे स्कूल नहीं जाएंगे।
शिक्षक का केस रद्द करवाने को एसपी से मिलेंगे ग्रामीण
पंचायत में यह भी तय किया गया कि टीचर के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करवाने के लिए एक शिष्टमंडल एसपी से मुलाकात करेगा। एसपी को पंचायत के फैसले की जानकारी देकर अनुरोध किया जाएगा कि शिक्षक पर दर्ज केस को रद्द कर दिया जाए। वहीं स्कूल का स्टाफ गांव के युवकों पर लगाए गए बदसलूकी के आरोपों को वापस लेगा।
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दो छात्राओं से छेड़खानी के आरोपी शिक्षक को गांव की पंचायत ने मंगलवार को माफ कर दिया। अब शिक्षक न केवल उसी स्कूल में पढ़ाएगा बल्कि गांव का एक प्रतिनिधि एसपी से मिलकर शिक्षक के खिलाफ दर्ज केस को रद्द करने का अनुरोध भी करेगा। वहीं, शिक्षक को स्कूल में विद्यार्थियों के सामने छात्राओं को अपनी बेटी के समान मानकर भरोसा दिलाना होगा कि उसकी नीयत गलत नहीं थी। दूसरी ओर, शिक्षक पर आरोप और ग्रामीणों के विरोध के बाद दूसरे शिक्षकों ने स्कूल का बहिष्कार कर दिया।
बता दें कि सोमवार को गांव खैरड़ी के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के राजनीति शास्त्र के अध्यापक जयकरन के खिलाफ ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन किया था। हालात ऐसे हो गये थे कि मौके पर पुलिस फोर्स को तैनात करना पड़ा था। शिक्षक पर दो छात्राओं ने छेड़खानी का आरोप लगाया था। शिक्षक पर केस दर्ज होने के बाद ही ग्रामीण शांत हुए थे। जबकि एक माह पहले स्थानांतरित होकर आये 56 वर्षीय शिक्षक का कहना था कि छात्राएं उनकी बेटी के समान हैं। उस समय किसी ने भी शिक्षक की बात नहीं सुनी।
मंगलवार को मामले को लेकर गांव में पंचायत बैठी। पंचायत में खैरडी, कटेसरा, गुढान, ककराना, गरनावठी, सुंडाना, सैंपल, कलानौर आदि गांवों से सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। पंचायत में तय किया गया कि पांच सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया जाए जो निष्पक्ष निर्णय ले। सभी उसके निर्णय को मानेंगे। इसके बाद पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई। कमेटी ने टीचर की गलती को लेकर काफी मंथन किया। इसके बाद कहा गया कि चूंकि शिक्षक की आयु 56 वर्ष है और इससे पहले वह ककराना, गरनावठी और सुंडाना के स्कूलों में पढ़ा चुका है। इन जगहों पर उस पर कोई आरोप नहीं लगा है। ऐसे में शिक्षक को एक मौका दिया जाना चाहिए। यह भी निर्णय हुआ की शिक्षक बुधवार को सभी विद्यार्थियों के सामने छात्राओं को अपनी बेटी मानेगा। चूंकि आरोपी शिक्षक पुलिस की गिरफ्त में है ऐसे में उसके चाचा स्कूल जाकर उसकी ओर से माफी मांगेंगे। कमेटी की अध्यक्षता गुढान गांव के पूर्व सरपंच जोगेंद्र पहलवान ने की। समिति में गरनावठी के सरपंच वेदपाल, खैरडी गांव के सरपंच भूपेंद्र सिंह, पूर्व सरपंच उमेद सिंह, सैंपल के पूर्व सरपंच कंवल कृष्ण शामिल थे।
शिक्षक के समर्थन में स्कूल के दूसरे शिक्षक, किया स्कूल का बहिष्कार
छात्राओं से छेड़खानी के आरोप को बेबुनियाद और अध्यापक की छवि खराब करने वाला बताते हुए स्कूल के दूसरे शिक्षकों ने मंगलवार को स्कूल का बहिष्कार कर दिया। शिक्षकों का कहना था कि ऐसे तो वे स्कूल में जा ही नहीं सकेंगे। झूठे आरोप लगाने के बाद गांव वालों ने उनके साथ बदसलूकी की है। पूरे दिन स्कूल के गेट पर ताला लगा रहा। टीचरों का कहना था कि जब तक उनको सुरक्षा का आश्वासन नहीं मिलता वे स्कूल नहीं जाएंगे।
शिक्षक का केस रद्द करवाने को एसपी से मिलेंगे ग्रामीण
पंचायत में यह भी तय किया गया कि टीचर के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करवाने के लिए एक शिष्टमंडल एसपी से मुलाकात करेगा। एसपी को पंचायत के फैसले की जानकारी देकर अनुरोध किया जाएगा कि शिक्षक पर दर्ज केस को रद्द कर दिया जाए। वहीं स्कूल का स्टाफ गांव के युवकों पर लगाए गए बदसलूकी के आरोपों को वापस लेगा।
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