चंडीगढ़: पंजाब शिक्षा विभाग द्वारा 94 पी.टी.आई. अध्यापकों की सेवाएं
खत्म करने के दिए गए आदेश पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा दी है। इन अध्यापकों की
बरखास्तगी का आदेश बुद्धवार को अदालत ने दिया था जिसपर आज हाईकोर्ट के
जस्टिस जय श्री ठाकुर ने स्टे लगा दिया।
इन अध्यापकों को आठ साल पहले भर्ती किया गया था। इस संबंधित याचिकाकर्ता सिमरजीत कौर तथा अन्य ने अपने वकील कपिल ककड और हेमा ककड़ द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अदालत ने अपने ताजा आदेश में कहा है कि पिटीशनरों ने सरकार की तरफ से 2008 में जारी किए गए इश्तिहार अनुसार 2009 में नौकरी हासिल की थी।
अदालत अनुसार सरकार की तरफ से 2 जुलाई, 2009 को मेरिट सूची जारी की गई थी जिस के आधार पर इन की नियुक्ति हुई थी। इस के बाद एक अप्रैल 2011 को इन अध्यापकों को पक्का किया गया था।
वास्तव में पंजाब सरकार ने साल 2008 में 244 पी.टी.आई सर्विस प्रोवाइडरों की भर्ती करने के लिए इश्तिहार दिया था। उस समय पदों को भरने के लिए योग्यता 2और दो साल का सी.पी.एड. पाठ्यक्रम मांगा गया था। यह भर्ती उसी साल कर दी गई थी परन्तु इन से अधिक शैक्षिक योग्यता वाले डी.पी.एड और एम पी.एड योग्यता प्राप्त उम्मीदवारों ने 2008 में सिवल पिटीशन दायर कर दी।
इस पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को सांझी मेरिट बनाने का अादेश दिया। इसके बाद 30 जनवरी 2013 को सुधारी हुई मेरिट सूची तैयार की गई, जिस अनुसार 94 पी.टी.अाई. अध्यापकों की मेरिट कम साबित हुई। इसलिए शिक्षा विभाग को अगली कार्रवाई करने के लिए कहा गया। इस मामले पर अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी।
इन अध्यापकों को आठ साल पहले भर्ती किया गया था। इस संबंधित याचिकाकर्ता सिमरजीत कौर तथा अन्य ने अपने वकील कपिल ककड और हेमा ककड़ द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अदालत ने अपने ताजा आदेश में कहा है कि पिटीशनरों ने सरकार की तरफ से 2008 में जारी किए गए इश्तिहार अनुसार 2009 में नौकरी हासिल की थी।
अदालत अनुसार सरकार की तरफ से 2 जुलाई, 2009 को मेरिट सूची जारी की गई थी जिस के आधार पर इन की नियुक्ति हुई थी। इस के बाद एक अप्रैल 2011 को इन अध्यापकों को पक्का किया गया था।
वास्तव में पंजाब सरकार ने साल 2008 में 244 पी.टी.आई सर्विस प्रोवाइडरों की भर्ती करने के लिए इश्तिहार दिया था। उस समय पदों को भरने के लिए योग्यता 2और दो साल का सी.पी.एड. पाठ्यक्रम मांगा गया था। यह भर्ती उसी साल कर दी गई थी परन्तु इन से अधिक शैक्षिक योग्यता वाले डी.पी.एड और एम पी.एड योग्यता प्राप्त उम्मीदवारों ने 2008 में सिवल पिटीशन दायर कर दी।
इस पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को सांझी मेरिट बनाने का अादेश दिया। इसके बाद 30 जनवरी 2013 को सुधारी हुई मेरिट सूची तैयार की गई, जिस अनुसार 94 पी.टी.अाई. अध्यापकों की मेरिट कम साबित हुई। इसलिए शिक्षा विभाग को अगली कार्रवाई करने के लिए कहा गया। इस मामले पर अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी।