शिक्षानियमावली 134 के तहत प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेने की चाहत रखने वाले पात्र विद्यार्थियों को इस बार भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि जिलेभर में अभी तक नाममात्र प्राइवेट स्कूलों ने ही शिक्षा विभाग को उनके स्कूलों में कितनी रिक्त सीटें हैं, इसका ब्योरा अभी तक दिया है।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए 134 के शेड्यूल के अनुसार हर प्राइवेट स्कूल को 20 मार्च तक खाली सीटों का ब्योरा देना जरूरी है लेकिन अधिकतर प्राइवेट स्कूल इसको अभी भी ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहे। जींद खंड के कुल 97 प्राइवेट स्कूलों में से मंगलवार तक महज 24 स्कूलों ने ही खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में रिक्त सीटों का ब्योरा दिया है। खास बात यह है कि इस दौरान कई स्कूलों ने उनके यहां किसी भी कक्षा में एक भी खाली सीट नहीं बताई है। इसी तरह के हालात जिले के अन्य खंडों में बने हुए हैं। जहां अभी तक महज 20 प्रतिशत निजी स्कूलों ने विभाग को खाली सीटों का ब्योरा दिया है। 134 के तहत सरकार ने प्रावधान किया है हर निजी स्कूल की प्रत्येक कक्षा में कुल सीटों में से दस प्रतिशत सीटों पर गरीब जरूरतमंद बच्चों का दाखिला देना जरूरी है। जबकि हुडा काॅलोनियों में चल रहे स्कूलों में 134 के तहत हर कक्षा में 20 प्रतिशत सीटों पर शिक्षा नियमावली 134 के तहत दाखिला देने का प्रावधान किया गया है।
सभी प्राइवेट स्कूलों को 20 मार्च तक रिक्त सीटों का ब्योरा देना जरूरी है। इसके बाद इसी दिन से आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी जो 10 अप्रैल तक चलेगी। इस दौरान पात्र विद्यार्थी ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों तरह से आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद 12 अप्रैल को सभी बीईओ कार्यालय में आए हुए योग्य आवेदकों की सूची जारी करनी होगी। 16 अप्रैल को असेसमेंट टेस्ट लिया जाएगा और इसके बाद 18 अप्रैल को परिणाम घोषित किया जाएगा। इसके बाद पहला ड्राॅ 19 अप्रैल को निकाला जाएगा।
‘20 मार्च तक ब्योरा नहीं दिया तो कार्रवाई होगी’
^सभीबीईओ को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं कि निजी स्कूलों से रिक्त सीटों का ब्योरा लिया जाए। जिन प्राइवेट स्कूलों ने 20 मार्च तक यह ब्योरा नहीं दिया उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। इस संबंध में जल्द ही स्कूल संचालकों से बात की जाएगी।' -सत्यवती नांदल, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी जींद।
रिक्त सीटों के लिए विभाग को गंभीर होना चाहिए : सुमन
^20मार्च से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो रही है। लेकिन अभी तक अधिकांश निजी स्कूलों ने खाली सीटों का ब्योरा ही नहीं दिया है। इसके कारण विद्यार्थियों के दाखिले में दिक्कत आएगी। विभाग को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। ताकि जो विद्यार्थी असेसमेंट टेस्ट पास करे उसका स्कूल में बिना किसी दिक्कत के दाखिला हो सके।' -सुमन श्योराण, जिला प्रधान दो जमा पांच आंदोलन।
पिछली बार हुई थी काफी परेशानी : स्वीटी
^पिछलेसाल मेरे बेटे ने असेसमेंट टेस्ट पास कर लिया था। उसके बाद भी उसका दाखिला नहीं हो पाया। जिस स्कूल में उसका दाखिला होना था। उस स्कूल के संचालक स्टाफ ने खाली सीट होने की बात कहकर दाखिला देने से साफ इंकार कर दिया था। निजी स्कूलों में कितनी रिक्त सीटें हैं इसका ब्योरा पहले से ही मिलना जरूरी है।' -स्वीटी, अभिभावक निवासी सफीदों रोड
इस दौरान प्रत्येक आवेदक को शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर जारी किए गए 16 कॉलम के आवेदन फार्म को त्रुटि रहित भरना जरूरी है। यदि फार्म में किसी प्रकार की कोई गलती होगी या अधूरा होगा तो उसे विभाग द्वारा मान्य नहीं माना जाएगा। इसमें कौन-कौन से स्कूल में विद्यार्थी दाखिला लेने का इच्छुक है। इसके लिए पांच स्कूलों के नाम भरने जरूरी हैं। आवेदन के साथ जन्म प्रमाण-पत्र, रिहायशी प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड आदि दस्तावेज का साथ लगाना भी जरूरी है।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए 134 के शेड्यूल के अनुसार हर प्राइवेट स्कूल को 20 मार्च तक खाली सीटों का ब्योरा देना जरूरी है लेकिन अधिकतर प्राइवेट स्कूल इसको अभी भी ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहे। जींद खंड के कुल 97 प्राइवेट स्कूलों में से मंगलवार तक महज 24 स्कूलों ने ही खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में रिक्त सीटों का ब्योरा दिया है। खास बात यह है कि इस दौरान कई स्कूलों ने उनके यहां किसी भी कक्षा में एक भी खाली सीट नहीं बताई है। इसी तरह के हालात जिले के अन्य खंडों में बने हुए हैं। जहां अभी तक महज 20 प्रतिशत निजी स्कूलों ने विभाग को खाली सीटों का ब्योरा दिया है। 134 के तहत सरकार ने प्रावधान किया है हर निजी स्कूल की प्रत्येक कक्षा में कुल सीटों में से दस प्रतिशत सीटों पर गरीब जरूरतमंद बच्चों का दाखिला देना जरूरी है। जबकि हुडा काॅलोनियों में चल रहे स्कूलों में 134 के तहत हर कक्षा में 20 प्रतिशत सीटों पर शिक्षा नियमावली 134 के तहत दाखिला देने का प्रावधान किया गया है।
सभी प्राइवेट स्कूलों को 20 मार्च तक रिक्त सीटों का ब्योरा देना जरूरी है। इसके बाद इसी दिन से आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी जो 10 अप्रैल तक चलेगी। इस दौरान पात्र विद्यार्थी ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों तरह से आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद 12 अप्रैल को सभी बीईओ कार्यालय में आए हुए योग्य आवेदकों की सूची जारी करनी होगी। 16 अप्रैल को असेसमेंट टेस्ट लिया जाएगा और इसके बाद 18 अप्रैल को परिणाम घोषित किया जाएगा। इसके बाद पहला ड्राॅ 19 अप्रैल को निकाला जाएगा।
‘20 मार्च तक ब्योरा नहीं दिया तो कार्रवाई होगी’
^सभीबीईओ को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं कि निजी स्कूलों से रिक्त सीटों का ब्योरा लिया जाए। जिन प्राइवेट स्कूलों ने 20 मार्च तक यह ब्योरा नहीं दिया उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। इस संबंध में जल्द ही स्कूल संचालकों से बात की जाएगी।' -सत्यवती नांदल, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी जींद।
रिक्त सीटों के लिए विभाग को गंभीर होना चाहिए : सुमन
^20मार्च से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो रही है। लेकिन अभी तक अधिकांश निजी स्कूलों ने खाली सीटों का ब्योरा ही नहीं दिया है। इसके कारण विद्यार्थियों के दाखिले में दिक्कत आएगी। विभाग को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। ताकि जो विद्यार्थी असेसमेंट टेस्ट पास करे उसका स्कूल में बिना किसी दिक्कत के दाखिला हो सके।' -सुमन श्योराण, जिला प्रधान दो जमा पांच आंदोलन।
पिछली बार हुई थी काफी परेशानी : स्वीटी
^पिछलेसाल मेरे बेटे ने असेसमेंट टेस्ट पास कर लिया था। उसके बाद भी उसका दाखिला नहीं हो पाया। जिस स्कूल में उसका दाखिला होना था। उस स्कूल के संचालक स्टाफ ने खाली सीट होने की बात कहकर दाखिला देने से साफ इंकार कर दिया था। निजी स्कूलों में कितनी रिक्त सीटें हैं इसका ब्योरा पहले से ही मिलना जरूरी है।' -स्वीटी, अभिभावक निवासी सफीदों रोड
इस दौरान प्रत्येक आवेदक को शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर जारी किए गए 16 कॉलम के आवेदन फार्म को त्रुटि रहित भरना जरूरी है। यदि फार्म में किसी प्रकार की कोई गलती होगी या अधूरा होगा तो उसे विभाग द्वारा मान्य नहीं माना जाएगा। इसमें कौन-कौन से स्कूल में विद्यार्थी दाखिला लेने का इच्छुक है। इसके लिए पांच स्कूलों के नाम भरने जरूरी हैं। आवेदन के साथ जन्म प्रमाण-पत्र, रिहायशी प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड आदि दस्तावेज का साथ लगाना भी जरूरी है।