शिक्षणव्यवस्था को हाईटेक बनाने में नित्त नए हो रहे प्रयोग के मद्देनजर सरकार ने अब एक नई पहल की है। इस पहल के अंतर्गत कोई शिक्षक दो जगह ड्यूटी नहीं दे सकेगा। इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों कॉलेजों के शिक्षकों के नाम मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन राइट्स डिपार्टमेंट(एमएचआरडी) से आधार लिंक किए जाएंगे।
इसके लिए शिक्षकों का पूरा ब्यौरा गुरुजन डॉट जीओवी डॉट इन पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा। इसके लिए एमएचआरडी ने डाटा जुटाना शुरू कर दिया है। यह काम 30 अप्रैल तक पूरा किया जाना है। जानकारी के अनुसार नई व्यवस्था के तहत विवि कॉलेजों को एआईएसएचई (ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन) कोड जारी किया जाएगा। इसके तहत सभी संस्थानों को अपने मौजूदा स्टाफ, सुविधाओं संसाधनों की सूचना देनी होगी। इस कोड से ही एक फार्म जनरेट होगा। इसी पर सारी सूचना भरी जाएगी। यही फार्म सरकारी वेबसाइट पर अपलोड होगा। यही नहीं पहली बार शिक्षकों का ब्यौरा भी ऑनलाइन करने की तैयारी है। इसके लिए टीचर इंफॉर्मेशन फार्म भी जारी किया गया है। फिलहाल यह सूचना केवल सरकारी संस्थानों से मांगी गई है। अगले सत्र से निजी संस्थानों में लागू होगा। नो योर कॉलेज’ पोर्टल पर अभिभावक संस्थानों की सुविधाएं अन्य जानकारी ले सकते हैं।
इसके लिए शिक्षकों का पूरा ब्यौरा गुरुजन डॉट जीओवी डॉट इन पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा। इसके लिए एमएचआरडी ने डाटा जुटाना शुरू कर दिया है। यह काम 30 अप्रैल तक पूरा किया जाना है। जानकारी के अनुसार नई व्यवस्था के तहत विवि कॉलेजों को एआईएसएचई (ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन) कोड जारी किया जाएगा। इसके तहत सभी संस्थानों को अपने मौजूदा स्टाफ, सुविधाओं संसाधनों की सूचना देनी होगी। इस कोड से ही एक फार्म जनरेट होगा। इसी पर सारी सूचना भरी जाएगी। यही फार्म सरकारी वेबसाइट पर अपलोड होगा। यही नहीं पहली बार शिक्षकों का ब्यौरा भी ऑनलाइन करने की तैयारी है। इसके लिए टीचर इंफॉर्मेशन फार्म भी जारी किया गया है। फिलहाल यह सूचना केवल सरकारी संस्थानों से मांगी गई है। अगले सत्र से निजी संस्थानों में लागू होगा। नो योर कॉलेज’ पोर्टल पर अभिभावक संस्थानों की सुविधाएं अन्य जानकारी ले सकते हैं।