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गेस्ट टीचर्स के पदों को खाली मान रेगुलर का गृह जिलों में ट्रांसफर करंे: हाईकोर्ट

ड्राइव में फिर तबादला स्थल नहीं, होगी परेशानी
उधर, ट्रांसफर में उलझा शिक्षा विभाग शिक्षकों के लिए खोला ग्रीवांस ड्राइव

2011 में हाईकोर्ट ने सभी पदों पर रेगुलर टीचर्स की भर्ती करने गेस्ट टीचर्स को हटाने के दिए थे आदेश
हरियाणामें गेस्ट टीचर्स के पदों को खाली मानते हुए हरियाणा सरकार रेगुलर को ट्रांसफर करें। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मामले में ये निर्देश देते हुए विभिन्न जिलों में कार्यरत रेगुलर जेबीटी की 30 याचिकाओं का निपटारा किया है।

जस्टिस जीएस संधावालिया ने याची पक्ष की दलीलों से सहमति जताते हुए कहा कि गेस्ट टीचर्स की वजह से ही रेगुलर टीचर्स अपने गृह जिलों में नियुक्ति पाने में सफल नहीं हो पा रहे। शिक्षा विभाग का रेगुलर टीचर्स की बजाय गेस्ट टीचर्स को ज्यादा वरीयता देना न्यायसंगत नहीं है। हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि गेस्ट टीचर्स वाले सभी पदों को खाली मान कर नए सिरे से याचिकाकर्ताओं का ट्रांसफर क्लेम कंसिडर किया जाए तथा हाईकोर्ट के फैसले की सर्टिफाइड कॉपी मिलने के तीन महीने की अवधि में यह प्रक्रिया पूरी की जाए। अपने होम डिस्ट्रिक्ट की जगह मेवात अन्य जिलों में आठ से दस साल की नौकरी कर रहे सैकड़ों नियमित जेबीटी शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर यह मुद्दा उठाया कि सरकार शिक्षा विभाग गेस्ट टीचर्स को संरक्षण दे रहे हैं और उनके पदों को खाली नहीं मानते जिससे उनको अपने गृह जिलों में नियुक्ति नहीं मिल पा रही है। ये शिक्षक वर्ष 2004, 2008 2011 से ही सैकड़ों किलोमीटर दूर मेवात अन्य जिलों में सेवाएं दे रहे हैं।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील जगबीर मलिक ने सुनवाई के दौरान बेंच को बताया कि तिलकराज केस में 30 मार्च 2011 को हाईकोर्ट ने सभी पदों पर रेगुलर टीचर्स की भर्ती करने गेस्ट टीचर्स को हटाने के आदेश दिए थे जिसको सुप्रीम कोर्ट ने भी सही माना था। बावजूद इसके सरकार गेस्ट टीचर्स को हटाने की बजाय उनके पदों को ही रिक्त नहीं मान रही और इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर पॉलिसी में भी स्पेशल क्लॉज 8 बना दिया जिसके अनुसार गेस्ट टीचर्स वाले पद पर किसी रेगुलर टीचर्स का ट्रांसफर नही हो सकता।

शिक्षा विभाग ने एक बार फिर गुरुवार को सीएंडवी के 1044 शिक्षकों अन्य 690 शिक्षकों के लिए ड्राइव खोला है। लेकिन यदि इसमें भी ऑप्शन में जगह का कॉलम नहीं दर्शाया गया तो इन शिक्षकों के सामने फिर परेशानी आएगी। सीएंडवी के लिए 5 नवंबर को ड्राइव खोला गया था, जिसमें केवल इतना ही पूछा गया कि वे तबादला चाहते हैं या नहीं। कॉलम में यस और नो का ऑप्शन था। उसमें जगह का ऑप्शन नहीं दिया गया। जबकि वैकेंसी की जानकारी की लिस्ट अगले दिन यानी की 6 नवंबर को जारी की गई। 690 अन्य शिक्षक कोर्ट गए तब महकमे ने ग्रीवेंस ड्राइव खोला है और उसमें कैप्ट वैकेंसी यानी खाली पोस्ट से संबंधित स्कूल का नाम भी दिखाया गया है।

जस्टिस संधावालिया ने गेस्ट टीचर्स को हटाने के हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट द्वारा बार बार दिए गए आदेशों का विस्तृत हवाला देते हुए शिक्षा विभाग सरकार द्वारा 31 मार्च 2010 को जारी पत्र ही खारिज कर दिया जिसमें गेस्ट टीचर्स के पदों को खाली मानने का निर्देश विभाग ने जारी किया था। हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए इंटर स्टेट ट्रांसफर पॉलिसी का क्लॉज 8 भी अमान्य करार दिया है जिसमें गेस्ट टीचर्स की सीट को इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर ड्राइव में खाली नहीं माना जाता था। अब इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर पॉलिसी में गेस्ट टीचर्स की पोस्ट भी खाली मानी जायेगी।

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