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सीटें तो बढ़ गईं, टीचर कब बढ़ेंगे सर?

प्रमुख संवाददाता, गुड़गांव
शैक्षणिक सत्र जुलाई में उच्चतर शिक्षा विभाग ने कॉलेजों में 10 फीसदी सीटों की बढ़ोतरी की थी, लेकिन अब तक कॉलेजों ने अपने स्तर पर स्टाफ नहीं बढ़ाया। ऐसा करने वालों में सभी कॉलेज यानी सरकारी, अनुदान प्राप्त व निजी कॉलेज शामिल हैं। कॉलेजों ने कक्षाओं के सेक्शन बनाने को लेकर भी नियमों का पालन नहीं किया। मामले का खुलासा होने पर विभाग ने कॉलेजों के प्राचार्यों से विभागीय नियमों का पालन सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।

पिछले दिनों उच्चतर शिक्षा विभाग ने कॉलेजों से टीचर्स के वर्कलोड की जानकारी मांगी थी। इसे कॉलेज के टाइम टेबल के साथ मिलाया गया तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। पता चला कि कॉलेजों में किसी क्लास में 80 से अधिक छात्र होने पर भी एक ही सेक्शन लगाया जा रहा है, जबकि नियम है कि 81 छात्र होते ही दो सेक्शन बनने चाहिए। कॉलेजों द्वारा जमा कराए गए वर्कलोड में बाकायदा दिखाया गया है कि वे दो-दो सेक्शन बनाकर पढ़ा रहे हैं। लेकिन, जब इसका टाइम टेबल से मिलान किया गया तो पता चला कि दो सेक्शन ही नहीं है। कॉलेजों ने छात्रों की संख्या के अनुसार स्टाफ का भी इंतजाम नहीं किया है।
ऐसा की खुलासा छात्रों के प्रेक्टिकल को लेकर हुआ है। वर्कलोड में भले ही छात्रों के लैब में जाने के लिए अलग-अलग ग्रुप दिखाए गए हैं, लेकिन टाइम टेबल में अलग से ग्रुप नहीं हैं। अधिकतर कॉलेजों में संबंधित विषय की एक ही प्रैक्टिकल लैब है। ऐसे में इसमें सभी ग्रुप का प्रैक्टिकल कर पाना संभव नहीं नजर आता। उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक विजय सिंह दहिया के अनुसार मामला पकड़ में आने के बाद सभी कॉलेजों को विभागीय नियम भेजे गए हैं। इनका पालन सुनिश्चित करने की हिदायत दी गई है। अगर कोई कॉलेज प्राचार्य पालन नहीं करेगा तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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