शिमला (प्रीति): उच्च
शिक्षा विभाग ने 12वीं कक्षा की परीक्षा में पुअर परफॉर्मेंस देने वाले 38
शिक्षकों पर कार्रवाई करते हुए इन शिक्षकों की इंक्रीमैंट पर तो रोक लगा दी
है लेकिन अभी तक 10वीं की परीक्षा में 25 फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले
शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
यहां तक कि अभी तक इस मामले में
जिलों से शिक्षकों का रिकॉर्ड भी नहीं मंगवाया गया है। यह मामला विभाग के
नियमों में ही उलझ गया है। इन शिक्षकों पर कौन कार्रवाई करेगा, अभी तक
दोनों विभाग इसी में उलझे हुए हैं। प्रारंभिक विभाग के मुताबिक 10वीं के
शिक्षकों का रिकॉर्ड व उन पर कार्रवाई उच्च शिक्षा विभाग द्वारा की जाएगी।
8वीं तक की शिक्षा प्रारंभिक शिक्षा के
अंतर्गत आती है। दूसरी तरफ उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि
टी.जी.टी. और सी. एंड वी. के शिक्षक प्रारंभिक शिक्षा विभाग के तहत आते
हैं, ऐसे में प्रारंभिक शिक्षा विभाग ही इन शिक्षकों पर कार्रवाई करेगा।
विभाग के इन नियमों के चलते अभी तक 10वीं कक्षा में खराब रिजल्ट देने वाले
शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है जबकि बोर्ड का रिजल्ट आए 2 माह
बीत चुके हैं। गौर हो कि सरकार ने भी हाल ही में बोर्ड के खराब परिणामों को
लेकर उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों से जवाब तलब किया था। इसके बाद
विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए 38 पी.जी.टी. की इंक्रीमैंट रोकी गई थी।
विभाग की संयुक्त निदेशक प्रशासनिक ने इस दौरान जिलों से 12वीं में 50
प्रतिशत से क म रिजल्ट देने वाले शिक्षकों का ब्यौरा भी तलब किया है लेकिन
10वीं में खराब रिजल्ट देने वाले शिक्षकों पर अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई
है।