बोर्ड की तर्ज पर होंगी नौवीं और ग्यारहवीं की परीक्षा
** शिक्षकों को भी रहना होगा सतर्क
फरीदाबाद : शिक्षा निदेशालय की तरफ से स्कूली परीक्षाओं में एक बड़ा बदलाव किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों के साथ-साथ स्कूल शिक्षकों पर भी दबाव आ सकता है। बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर ही नौवीं और ग्यारहवीं की परीक्षा आयोजित होगी।
इन दोनों कक्षाओं की परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र हरियाणा शिक्षा बोर्ड की तरफ से भेजे जाएंगे। अभी तक स्कूलों में दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं होती हैं। इन दोनों परीक्षाओं में विद्यार्थियों का पास फीसद हर वर्ष गिरता जा रहा है। खासकर सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा में हालत काफी खराब रहती है। इस वर्ष प्रदेश के कई जिलों के सरकारी स्कूलों में दसवीं और बारहवीं का परीक्षा परिणाम जीरो से पांच फीसद आया था। इसलिए बोर्ड ने दोनों कक्षाओं के परीक्षा में बदलाव करने का निर्णय लिया है।
बोर्ड की तैयारी कराना होगा उद्देश्य :
बोर्ड का उद्देश्य है कि नौवीं और ग्यारहवीं की परीक्षा की तैयारी बोर्ड की तर्ज कराई जाए ताकि परिणाम बेहतर हो सके। बोर्ड के अनुसार परीक्षा की तैयारियों में विद्यार्थियों के साथ शिक्षक भी लापरवाह हो रहे हैं। वहीं, स्कूली परीक्षाओं पर भी ध्यान नहीं दिया जाता है, जिसका परिणाम यह निकलता है कि बोर्ड परीक्षाओं में रिजल्ट गिर जाता है। प्रश्न पत्र बोर्ड की तरफ से भेजे जाने पर शिक्षकों पर बेहतर तैयारी करवाने का दवाब होगा।
"शिक्षा में सुधार के लिए बोर्ड की तरफ से बड़ा बदलाव किया जा रहा है। नौवीं और ग्यारहवीं में बोर्ड की तरफ से प्रश्न पत्र भेजे जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को बेहतर तैयारी करनी होगी।"-- सतेंद्र कौर, जिला शिक्षा अधिकारी।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
** शिक्षकों को भी रहना होगा सतर्क
फरीदाबाद : शिक्षा निदेशालय की तरफ से स्कूली परीक्षाओं में एक बड़ा बदलाव किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों के साथ-साथ स्कूल शिक्षकों पर भी दबाव आ सकता है। बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर ही नौवीं और ग्यारहवीं की परीक्षा आयोजित होगी।
इन दोनों कक्षाओं की परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र हरियाणा शिक्षा बोर्ड की तरफ से भेजे जाएंगे। अभी तक स्कूलों में दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं होती हैं। इन दोनों परीक्षाओं में विद्यार्थियों का पास फीसद हर वर्ष गिरता जा रहा है। खासकर सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा में हालत काफी खराब रहती है। इस वर्ष प्रदेश के कई जिलों के सरकारी स्कूलों में दसवीं और बारहवीं का परीक्षा परिणाम जीरो से पांच फीसद आया था। इसलिए बोर्ड ने दोनों कक्षाओं के परीक्षा में बदलाव करने का निर्णय लिया है।
बोर्ड की तैयारी कराना होगा उद्देश्य :
बोर्ड का उद्देश्य है कि नौवीं और ग्यारहवीं की परीक्षा की तैयारी बोर्ड की तर्ज कराई जाए ताकि परिणाम बेहतर हो सके। बोर्ड के अनुसार परीक्षा की तैयारियों में विद्यार्थियों के साथ शिक्षक भी लापरवाह हो रहे हैं। वहीं, स्कूली परीक्षाओं पर भी ध्यान नहीं दिया जाता है, जिसका परिणाम यह निकलता है कि बोर्ड परीक्षाओं में रिजल्ट गिर जाता है। प्रश्न पत्र बोर्ड की तरफ से भेजे जाने पर शिक्षकों पर बेहतर तैयारी करवाने का दवाब होगा।
"शिक्षा में सुधार के लिए बोर्ड की तरफ से बड़ा बदलाव किया जा रहा है। नौवीं और ग्यारहवीं में बोर्ड की तरफ से प्रश्न पत्र भेजे जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को बेहतर तैयारी करनी होगी।"-- सतेंद्र कौर, जिला शिक्षा अधिकारी।
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