स्कूल स्टेट गेम्स में अब खिलाड़ियों को ओरिजनल डॉक्यूमेंट तो साथ लेकर ही
जाने होंगे। लेकिन उसके जिलास्तर पर दिए गए तीन सेट दस्तावेजों के साथ लगी
फोटो तीन माह से अधिक पुरानी हुई तो खिलाड़ी स्टेट खेलों में हिस्सा नहीं ले
सकेगा।
क्योंकि फोटो पर नाम और उसे बनवाने की तारीख अब के खेलों में चेक की जाएगी। जिला शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को अपने बच्चों के फोटो नए बनवाने के निर्देश जारी किए हैं। बताया जा रहा है कि स्कूली खेलों में ऐसा धांधली काे रोकने के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा खेलों में आपसी बहस और लड़ाई रोकने के लिए भी नियम जारी किए गए हैं।
स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन नंबर, एलिजबिलिटी फॉर्म, समरी शीट, नगर निगम फरीदाबाद से बना जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट, ओरिजनल मार्कशीट लॉस्ट ईयर एग्जाम और 5, 8 और 10वीं एग्जामिनेशन की मार्कशीट एवं सर्टिफिकेट आदि। साथ में इनकी अटेस्ट कॉपी भी।
जिला सहायक शिक्षा अधिकारी हरवीर अधाना के अनुसार जिलास्तर पर जो खिलाड़ी खेलता है। लेकिन स्टेट में उसकी जगह किसी और को आगे कर दिया जाता है। फोटो पुराने लगाकर उम्र से अधिक खिलाड़ियों को खिला दिया जाता है। इससे सही प्रतिभा के साथ न्याय नहीं होता। इन स्कूल खेलों का उद्देश्य नई प्रतिभाओं को ऊपर लाने का होता है। इसलिए इस बार काफी सख्त नियम किए गए हैं। नियमों में बार-बार बदलाव भी किया जा रहा है। फोटो को लेकर भी यह नया बदलाव हुआ है। अब तीन महीने से अधिक पुराना फोटो दस्तावेजों के साथ नहीं लगाया जा सकेगा। साथ ही नए फोटो के पीछे नाम और उसको बनवाने की तारीख भी लिखनी होगी। अगर ऐसा नहीं होता और दस्तावेजों की चेकिंग स्टेट खेलों के दौरान होती है। तो फोटो के पीछे नाम और बनवाने की तारीख नहीं लिखे होने की वजह से स्कूली खिलाड़ी को बाहर कर दिया जाएगा। इसलिए ही जिलास्तर पर ही जिला शिक्षा विभाग भी यहीं कदम उठा रहा है। खेलने वाले बच्चों के नए खींचे फोटो ही दस्तावेज में लगाने के निर्देश स्कूलों को दिए गए हैं। उन्होंने बताया इसके अलावा कई बार पीटीआई और अध्यापक निर्णयों के ऊपर मैच के दौरान ही लड़ बैठते हैं। इसलिए अब खेल समाप्त होने के 30 मिनट के अंदर आपत्ति दर्ज कराने का नियम बनाया गया है। टीम मैनेजर ही यह आपत्ति दर्ज करा सकता है। कोई दूसरा आपत्ति नहीं। इसलिए जब टीमें या खिलाड़ी जाएंगे तो उनके साथ टीम मैनेजर भी भेजे जाएंगे। मौखिक रूप से कोई आपत्ति दर्ज नहीं की जाएगी। इसके अलावा खेल के दौरान बाधा डालने पर संबंधित स्कूल एवं शख्स पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर ऐसा करता टीम के साथ गया कोई स्कूल का सदस्य पाया गया तो फिर उस स्कूल को खेलों से निष्काषित भी किया जा सकता है।
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क्योंकि फोटो पर नाम और उसे बनवाने की तारीख अब के खेलों में चेक की जाएगी। जिला शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को अपने बच्चों के फोटो नए बनवाने के निर्देश जारी किए हैं। बताया जा रहा है कि स्कूली खेलों में ऐसा धांधली काे रोकने के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा खेलों में आपसी बहस और लड़ाई रोकने के लिए भी नियम जारी किए गए हैं।
स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन नंबर, एलिजबिलिटी फॉर्म, समरी शीट, नगर निगम फरीदाबाद से बना जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट, ओरिजनल मार्कशीट लॉस्ट ईयर एग्जाम और 5, 8 और 10वीं एग्जामिनेशन की मार्कशीट एवं सर्टिफिकेट आदि। साथ में इनकी अटेस्ट कॉपी भी।
जिला सहायक शिक्षा अधिकारी हरवीर अधाना के अनुसार जिलास्तर पर जो खिलाड़ी खेलता है। लेकिन स्टेट में उसकी जगह किसी और को आगे कर दिया जाता है। फोटो पुराने लगाकर उम्र से अधिक खिलाड़ियों को खिला दिया जाता है। इससे सही प्रतिभा के साथ न्याय नहीं होता। इन स्कूल खेलों का उद्देश्य नई प्रतिभाओं को ऊपर लाने का होता है। इसलिए इस बार काफी सख्त नियम किए गए हैं। नियमों में बार-बार बदलाव भी किया जा रहा है। फोटो को लेकर भी यह नया बदलाव हुआ है। अब तीन महीने से अधिक पुराना फोटो दस्तावेजों के साथ नहीं लगाया जा सकेगा। साथ ही नए फोटो के पीछे नाम और उसको बनवाने की तारीख भी लिखनी होगी। अगर ऐसा नहीं होता और दस्तावेजों की चेकिंग स्टेट खेलों के दौरान होती है। तो फोटो के पीछे नाम और बनवाने की तारीख नहीं लिखे होने की वजह से स्कूली खिलाड़ी को बाहर कर दिया जाएगा। इसलिए ही जिलास्तर पर ही जिला शिक्षा विभाग भी यहीं कदम उठा रहा है। खेलने वाले बच्चों के नए खींचे फोटो ही दस्तावेज में लगाने के निर्देश स्कूलों को दिए गए हैं। उन्होंने बताया इसके अलावा कई बार पीटीआई और अध्यापक निर्णयों के ऊपर मैच के दौरान ही लड़ बैठते हैं। इसलिए अब खेल समाप्त होने के 30 मिनट के अंदर आपत्ति दर्ज कराने का नियम बनाया गया है। टीम मैनेजर ही यह आपत्ति दर्ज करा सकता है। कोई दूसरा आपत्ति नहीं। इसलिए जब टीमें या खिलाड़ी जाएंगे तो उनके साथ टीम मैनेजर भी भेजे जाएंगे। मौखिक रूप से कोई आपत्ति दर्ज नहीं की जाएगी। इसके अलावा खेल के दौरान बाधा डालने पर संबंधित स्कूल एवं शख्स पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर ऐसा करता टीम के साथ गया कोई स्कूल का सदस्य पाया गया तो फिर उस स्कूल को खेलों से निष्काषित भी किया जा सकता है।
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