ऑलइंडिया फेडरेशन आॅफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन (एआईफक्टो) के आदेश पर बुधवार को जिलेभर के सभी विवि कॉलेजों के शिक्षक सामूहिक अवकाश पर रहे। अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सभी कॉलेजों ने शिरकत की।
इसमें मुख्य रूप से पंडित नेकीराम कॉलेज, राजकीय महिला, जाट कॉलेज, एमकेजेके, सीआर कॉलेज ऑफ एजुकेशन, हिंदू कॉलेज, वैश्य कॉलेज, वैश्य एजुकेशन कॉलेज, गौड़ ब्राह्मण कॉलेज, सतजिंदा कल्याण कॉलेज कलानौर, राजकीय कॉलेज सांपला, राजकीय कॉलेज लाखनमाजरा, राजकीय कॉलेज मोखरा, राजकीय कॉलेज जसिया) समेत एमडीयू के सभी विभागों के शिक्षकों ने सामूहिक आकस्मिक अवकाश लेकर मडूटा कार्यालय के सामने धरना दिया। इससे कॉलेजों विवि में पढ़ाई प्रभावित हुई और कक्षाएं खाली रही। स्टूडेंट्स को वापस लौटना पड़ा। इस दौरान धरने को संबोधित करते हुए एचसीटीए के राज्य अध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र चाहर ने कहा कि 7वें वेतन आयोग को शिक्षक हितैषी बनाया जाए इसकी रिपोर्ट को जल्द से जल्द लागू किया जाए। उन्होंने शिक्षा के निजीकरण को बंद करके शिक्षकों के रिक्त पदों को तुरंत भरने की मांग उठाई। विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली एपीआई को समाप्त करने की पुरजोर वकालत की। डॉ. सुनील कुमार महासचिव एचफक्टो ने नई पेंशन व्यवस्था की जगह पुरानी पेंशन व्यवस्था की मांग की। शिक्षा के क्षेत्र में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की सरकारी योजना का पुरजोर विरोध किया।
ये रखी मांग
प्रदेशअध्यक्ष डाॅ. रणबीर कादयान ने शिक्षा के बाजारीकरण का विरोध किया। सीबीसीएस व्यवस्था को वापस लेने की मांग रखी। सेवानिवृत शिक्षक संघ के महासचिव डॉ. शमशेर अहलावत ने धरने का समर्थन किया। डाॅ. विकास सिवाच ने शिक्षकों की नियुक्ति व्यवस्था को शिक्षा प्रणाली के लिये खतरा बताया एसएफएस पदों को बजटेड पदों में परिवर्तित करने की मांग रखी।
कुलपति को सौंपा ज्ञापन
धरनेका सफल संचालन मडूटा महासचिव डा० कुलदीप चौधरी ने किया। इसके पश्चात शिक्षकों ने कुलपति कार्यालय तक प्रदर्शन किया। इसमें महिला शिक्षकों की भी भागेदारी रही। वहां नारों के बीच कुलपति को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। कुलपति ने ज्ञापन को अति शीघ्र मानव संसाधन मंत्रालय भेजने का आश्वासन दिया।
रोहतक. एमडीयूमें यूनिवर्सिटी के शिक्षक सामूहिक अवकाश को लेकर प्रदर्शन के दौरान वीसी बीके पूनिया से मिलते हुए।
महम | हरियाणास्कूल लेक्चरर एसोसिएशन के सदस्यों ने जिला प्रधान बलजीत सहारण के नेतृत्व में अपनी मांगों को लेकर महम एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा, यदि 10 नवंबर तक मांगे नहीं मानी गई तो राज्यस्तर पर धरना आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। जिला प्रधान बलजीत सहारण ने बताया कि एसोसिएशन अपनी मांगों को लेकर कई बार लिखित एवं मौखिक आग्रह कर चुकी है लेकिन समाधान की बजाए केवल आश्वासन ही मिले हैं।
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इसमें मुख्य रूप से पंडित नेकीराम कॉलेज, राजकीय महिला, जाट कॉलेज, एमकेजेके, सीआर कॉलेज ऑफ एजुकेशन, हिंदू कॉलेज, वैश्य कॉलेज, वैश्य एजुकेशन कॉलेज, गौड़ ब्राह्मण कॉलेज, सतजिंदा कल्याण कॉलेज कलानौर, राजकीय कॉलेज सांपला, राजकीय कॉलेज लाखनमाजरा, राजकीय कॉलेज मोखरा, राजकीय कॉलेज जसिया) समेत एमडीयू के सभी विभागों के शिक्षकों ने सामूहिक आकस्मिक अवकाश लेकर मडूटा कार्यालय के सामने धरना दिया। इससे कॉलेजों विवि में पढ़ाई प्रभावित हुई और कक्षाएं खाली रही। स्टूडेंट्स को वापस लौटना पड़ा। इस दौरान धरने को संबोधित करते हुए एचसीटीए के राज्य अध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र चाहर ने कहा कि 7वें वेतन आयोग को शिक्षक हितैषी बनाया जाए इसकी रिपोर्ट को जल्द से जल्द लागू किया जाए। उन्होंने शिक्षा के निजीकरण को बंद करके शिक्षकों के रिक्त पदों को तुरंत भरने की मांग उठाई। विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली एपीआई को समाप्त करने की पुरजोर वकालत की। डॉ. सुनील कुमार महासचिव एचफक्टो ने नई पेंशन व्यवस्था की जगह पुरानी पेंशन व्यवस्था की मांग की। शिक्षा के क्षेत्र में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की सरकारी योजना का पुरजोर विरोध किया।
ये रखी मांग
प्रदेशअध्यक्ष डाॅ. रणबीर कादयान ने शिक्षा के बाजारीकरण का विरोध किया। सीबीसीएस व्यवस्था को वापस लेने की मांग रखी। सेवानिवृत शिक्षक संघ के महासचिव डॉ. शमशेर अहलावत ने धरने का समर्थन किया। डाॅ. विकास सिवाच ने शिक्षकों की नियुक्ति व्यवस्था को शिक्षा प्रणाली के लिये खतरा बताया एसएफएस पदों को बजटेड पदों में परिवर्तित करने की मांग रखी।
कुलपति को सौंपा ज्ञापन
धरनेका सफल संचालन मडूटा महासचिव डा० कुलदीप चौधरी ने किया। इसके पश्चात शिक्षकों ने कुलपति कार्यालय तक प्रदर्शन किया। इसमें महिला शिक्षकों की भी भागेदारी रही। वहां नारों के बीच कुलपति को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। कुलपति ने ज्ञापन को अति शीघ्र मानव संसाधन मंत्रालय भेजने का आश्वासन दिया।
रोहतक. एमडीयूमें यूनिवर्सिटी के शिक्षक सामूहिक अवकाश को लेकर प्रदर्शन के दौरान वीसी बीके पूनिया से मिलते हुए।
महम | हरियाणास्कूल लेक्चरर एसोसिएशन के सदस्यों ने जिला प्रधान बलजीत सहारण के नेतृत्व में अपनी मांगों को लेकर महम एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा, यदि 10 नवंबर तक मांगे नहीं मानी गई तो राज्यस्तर पर धरना आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। जिला प्रधान बलजीत सहारण ने बताया कि एसोसिएशन अपनी मांगों को लेकर कई बार लिखित एवं मौखिक आग्रह कर चुकी है लेकिन समाधान की बजाए केवल आश्वासन ही मिले हैं।
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