राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक रविवार को नेहरू पार्क में हुई। इसकी
अध्यक्षता जिला उप प्रधान राजेंद्र वर्मा ने की। बैठक में वर्ष 2000 में
लगे जेबीटी अध्यापकों की सातवें पे कमीशन के बाद लगने वाली पे फिक्सेशन के
बारे में विचार विमर्श किया गया।
संघ के पदाधिकारियों ने कहना था कि जिला शिक्षा अधिकारी, अनुभाग अधिकारी तथा डीडीओ गलत फिक्सेशन करने पर तुल हुए हैं। रोहतक, कुरुक्षेत्र सहित अन्य जिलों में जहां फिक्सेशन एक जनवरी को 52,000 तथा एक जुलाई 2016 से 53,600 की गई हैं तो वहीं एक जनवरी से भिवानी में 50,500 तथा एक जुलाई से 52000 फिक्स की गई है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि अधिकारी जानबूझकर अध्यापकों को परेशान करने पर तुले हुए हैं जब अन्य जिलों में फिक्सेशन नियम के हिसाब से की जा रही है तो भिवानी में ऐसा नहीं कर जेबीटी अध्यापकों को मानसिक रुप से परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फिक्सेशन को लेकर अनेक बार जिला शिक्षा अधिकारी तथा एसओ से मुलाकात कर चुके हैं लेकिन एसओ तो इस तरह बर्ताव करता है जैसे वह शिक्षा विभाग का निदेशक लगा हुआ है। पदाधिकारियों की बात सुनकर सर्व सम्मति से फैसला लिया गया कि अगर जल्द ही अधिकारियों कर्मचारियों ने अपने रवैया नहीं बदला तो नोटिस भेजा जाएगा तथा कानून का सहारा लिया जाएगा। इसके साथ साथ बैठक में 16,290 तथा एसीपी के बारे में विचार विमर्श कर आगामी रणनीति तय की गई। इसके तहत अधिकारियों के कार्यालय का घेराव करने से भी संघ पीछे नहीं हटेगा।
संघ के पदाधिकारियों ने कहना था कि जिला शिक्षा अधिकारी, अनुभाग अधिकारी तथा डीडीओ गलत फिक्सेशन करने पर तुल हुए हैं। रोहतक, कुरुक्षेत्र सहित अन्य जिलों में जहां फिक्सेशन एक जनवरी को 52,000 तथा एक जुलाई 2016 से 53,600 की गई हैं तो वहीं एक जनवरी से भिवानी में 50,500 तथा एक जुलाई से 52000 फिक्स की गई है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि अधिकारी जानबूझकर अध्यापकों को परेशान करने पर तुले हुए हैं जब अन्य जिलों में फिक्सेशन नियम के हिसाब से की जा रही है तो भिवानी में ऐसा नहीं कर जेबीटी अध्यापकों को मानसिक रुप से परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फिक्सेशन को लेकर अनेक बार जिला शिक्षा अधिकारी तथा एसओ से मुलाकात कर चुके हैं लेकिन एसओ तो इस तरह बर्ताव करता है जैसे वह शिक्षा विभाग का निदेशक लगा हुआ है। पदाधिकारियों की बात सुनकर सर्व सम्मति से फैसला लिया गया कि अगर जल्द ही अधिकारियों कर्मचारियों ने अपने रवैया नहीं बदला तो नोटिस भेजा जाएगा तथा कानून का सहारा लिया जाएगा। इसके साथ साथ बैठक में 16,290 तथा एसीपी के बारे में विचार विमर्श कर आगामी रणनीति तय की गई। इसके तहत अधिकारियों के कार्यालय का घेराव करने से भी संघ पीछे नहीं हटेगा।