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साल के आखिर तक शिक्षकों की सीएल रद

संवाददाता, सोनीपत:
मार्च में होने वाली वार्षिक परीक्षा और विद्यार्थियों की पढ़ाई का हवाला देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी सुमन नैन ने पत्र जारी कर सभी अध्यापकों के केजु्अल लीव (सीएल) पर रोक लगा दी है। हालांकि जिला शिक्षा अधिकारी इसके लिए विभाग से आदेश आने की बात कह रही है, लेकिन अध्यापक संघ का कहना है कि प्रदेश के किसी भी जिले में इस तरह का कोई आदेश नहीं आया है। इस पर संघ से अपना विरोध जताया है।

दरअसल, वर्ष 2014 में शिक्षा विभाग की तत्कालीन कमिश्नर ने इस तरह का एक आदेश जारी किया था। हरियाणा अध्यापक संघ के जिला अध्यक्ष संजीव मोर ने बताया कि उस समय सभी ने इसे कानूनन गलत बताते हुए इसका विरोध किया था, जिस पर इसे स्थगित कर दिया गया। अब उसी आदेश का हवाला देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने पत्र जारी कर सभी शिक्षकों के सीएल पर रोक लगा दी है।
क्यों लिया गया फैसला
अक्सर देखने में आता है कि सरकारी कर्मचारी अपनी बची हुई केजुअल लीव (सीएल) साल के आखिर में एक साथ लेकर छुट्टी पर चले जाते हैं क्योंकि विभाग द्वारा दी जाने वाली सीएल साल के आखिर में समाप्त हो जाती है। शिक्षा विभाग में नियुक्ति से दस साल तक की सर्विस वाले पुरुष अध्यापकों को 10, दस से बीस साल की सर्विस वाले अध्यापकों को 15 और बीस साल से अधिक सर्विस वाले अध्यापकों को 20 सीएल मिलती हैं। इसके अलावा सभी महिला अध्यापकों को एक साल में कुल 20 सीएल मिलती हैं। इसी को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने नवंबर व दिसंबर के माह में अध्यापकों की सीएल रद करने का फैसला किया है।
अध्यापक संघ ने फैसले को बताया कानूनन गलत
हरियाणा अध्यापक संघ के जिला अध्यक्ष संजीव मोर ने केजुअल लीव पर लगाई रोक को कानूनन गलत बताया है। उन्होंने कहा कि विभाग के प्रावधान के मुताबिक कोई भी शिक्षक अपनी सीएल किसी भी समय ले सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक लगातार 16 छुट्टियां बिना किसी अधिकारी की अनुमति से भी ले सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि आरटीआइ के माध्यम से भी इस बारे में जानकारी ली गई है जिसमें साफ तौर पर बताया गया है कि शिक्षक छुट्टी नहीं लेने के लिए बाध्य नहीं हैं। मोर ने कहा कि अगर किसी शिक्षक को बड़ी इमरजेंसी हो जाती है तो इस तरह के फैसले उसके लिए मुसीबत बन सकते हैं।
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हमें केजुअल लीव पर रोक लगाने के लिए ऊपर से निर्देश मिले हैं। स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े, इसलिए किसी भी अध्यापक को छुट्टी लेने से बचना होगा। अधिक जरूरत पड़ने पर शिक्षकों को दो सीएल दिए जा सकते हैं।

सुमन नैन, जिला शिक्षा अधिकारी

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