अमर उजाला ब्यूरो
शाहाबाद। मांगों को लेकर अतिथि अध्यापकों का धरना शनिवार को दूसरे दिन भी राज्यमंत्री के आवास के बाहर जारी रहा। दूसरे दिन बाबैन ब्लॉक के अध्यापकों ने मोर्चा संभाला।
दूसरे दिन के धरने पर ऋषि कपूर, अंकित कुमार, धर्मवीर, राजकरण और राजबीर धरने बैठे। धरने पर बैठे अध्यापकों ने कहा कि जब तक हरियाणा सरकार अतिथि अध्यापकों की मांगों को पूरा करती, तब तक अतिथि अध्यापक संघर्ष करते रहेंगे।
जिला प्रधान राजेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश भर से हटे 1200 जेबीटी अध्यापकों को तुरंत समायोजित किया जाए और 15 हजार अतिथि अध्यापकों को नियमित किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने जंतर-मंतर पर चल रहे उनके धरने में उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार आने पर अतिथि अध्यापकों को नियमित कर दिया जाएगा। अब तीन वर्ष बीत जाने पर सरकार ने उन्हें नियमित करने के स्थान पर नौकरी से हटाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति 2005 में पूरी पारदर्शिता से हुई थी। उन्हें 12 वर्ष पढ़ाते हुए हो गए हैं। सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अतिथि अध्यापकों की अनदेखी कर रही है जिस कारण अध्यापकों ने क्रमिक अनशन शुरू किया है।
शाहाबाद। मांगों को लेकर अतिथि अध्यापकों का धरना शनिवार को दूसरे दिन भी राज्यमंत्री के आवास के बाहर जारी रहा। दूसरे दिन बाबैन ब्लॉक के अध्यापकों ने मोर्चा संभाला।
दूसरे दिन के धरने पर ऋषि कपूर, अंकित कुमार, धर्मवीर, राजकरण और राजबीर धरने बैठे। धरने पर बैठे अध्यापकों ने कहा कि जब तक हरियाणा सरकार अतिथि अध्यापकों की मांगों को पूरा करती, तब तक अतिथि अध्यापक संघर्ष करते रहेंगे।
जिला प्रधान राजेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश भर से हटे 1200 जेबीटी अध्यापकों को तुरंत समायोजित किया जाए और 15 हजार अतिथि अध्यापकों को नियमित किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने जंतर-मंतर पर चल रहे उनके धरने में उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार आने पर अतिथि अध्यापकों को नियमित कर दिया जाएगा। अब तीन वर्ष बीत जाने पर सरकार ने उन्हें नियमित करने के स्थान पर नौकरी से हटाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति 2005 में पूरी पारदर्शिता से हुई थी। उन्हें 12 वर्ष पढ़ाते हुए हो गए हैं। सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अतिथि अध्यापकों की अनदेखी कर रही है जिस कारण अध्यापकों ने क्रमिक अनशन शुरू किया है।