जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में पूर्व सीएम
आेमप्रकाश चौटाला के शासन काल में भर्ती हुए 3208 जेबीटी(जूनियर बेसिक
ट्रेंड) टीचर अजीब स्थिति में फंसे हैं। एक ओर तो उनकी नौकरी पर खतरा है तो
दूसरी ओर उनकी पदोन्नति की लॉटरी भी लगने वाली है।
हरियाणा में करीब एक
दशक बाद होने जा रही जेबीटी शिक्षकों की पदोन्नतियों में पूर्व मुख्यमंत्री
चौटाला की सरकार में भर्ती हुए इन जेबीटी को भी लाभ हाेने जा रहा है।
हाईकोर्ट में इन शिक्षकों की नौकरी पर
मंडरा रहे खतरे के बीच शिक्षा विभाग ने इनेलो सरकार में भर्ती हुए जेबीटी
को पदोन्नति के लिए जारी वरिष्ठता सूची में रखा है। इसी भर्ती मामले में
पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और उनके पुत्र अजय चौटाला जेल में सजा
काट रहे हैं।
चौटाला सरकार में भर्ती हुए 3206 जेबीटी शिक्षक भी शिक्षा विभाग की वरिष्ठता सूची में
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर
मौलिक शिक्षा निदेशालय ने हाल ही में जेबीटी को मुख्य शिक्षक और टीजीटी
(ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) के रूप में पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू की है। जहां
करीब पांच हजार शिक्षक टीजीटी बनेंगे, वहीं 11 जिलों में 1162 प्राइमरी
टीचर प्रमोट होकर स्कूल मुखिया बनेंगे। इनमें वर्ष 2000 में इनेलो की सरकार
में भर्ती हुए 3206 जेबीटी शिक्षक भी शामिल हैं।
भर्ती में घोटाला साबित होने के बाद
हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 8 जनवरी 2014 को 2984 शिक्षकों की नियुक्तियों
को रद कर दिया था। हाईकोर्ट के जस्टिस के कन्नन ने अपने तीस पेज के आदेश
में चार सप्ताह में नए सिरे से मेरिट लिस्ट तैयार करने के भी आदेश दे दिए
थे। इन आदेशों के बाद इन सभी शिक्षकों को हटाया जाना था परंतु इससे पहले ही
शिक्षकों ने सिंगल बेंच के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दे दी।
डबल बेंच ने याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के
बाद इन शिक्षकों को हटाने के सिंगल बेंच के आदेशों पर रोक लगा दी थी।
फिलहाल इन जेबीटी शिक्षकों का मामला हाईकोर्ट की डबल बेंच में चल रहा है।
इस मामले में कई बार जवाब मांगे जाने के बावजूद सरकार ने पक्ष नहीं रखा जिस
पर हाईकोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि अगली सुनवाई से पहले स्टे हटाने की
अर्जी पर जवाब नहीं आता है स्टे को हटा दिया जाएगा।
अगर एकल बेंच के आदेश पर लगी रोक हटती है
तो इससे सीधे-सीधे 17 साल से काम कर रहे 2968 शिक्षकों की नियुक्ति रद हो
जाएगी। ऐसे में शिक्षा विभाग के इन शिक्षकों को पदोन्नति के फैसले पर सवाल
उठने लगे हैं। हालांकि 3206 जेबीटी के केस पर फैसले के बाद पदोन्नति पर
अंतिम निर्णय शिक्षा निदेशालय ही लेगा।