लोगों को शिक्षा देने का जिम्मा संभाले शिक्षा विभाग अपने शिक्षकों के वेतन
निर्धारण की प्रक्रिया को सही तरीके से लागू नहीं कर पा रहा है।
विभाग व
अधिकारी बकाया वेतन की विसंगतियों में उलझ गया है। जिसके चलते प्रदेश भर के
हजारों जेबीटी, सीएंडवी, मास्टर व लेक्चरर को पूरा बकाया वेतन नहीं मिल
रहा है।
छठा वेतन आयोग लागू होने के बाद भर्ती हुए शिक्षकों का वेतन निर्धारण
पहले से कार्यरत शिक्षकों से अधिक कर दिया गया। बाद में जब शिक्षकों की ओर
उनके समान व अधिक वेतन की मांग की, तो मामला पेचीदा हो गया। सबसे ज्यादा
पेचीदगियां जेबीटी शिक्षकों के वेतनमान तय करने में सामने आई। इतना ही नहीं
मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया। इस सारी प्रक्रिया का असर यह हुआ कि विभाग
के अधिकारियों ने अपने हिसाब व कोर्ट केस के उदाहरणों को लेते हुए बकाया
वेतन जारी करना शुरू दिया। इसका नुकसान यह हुआ कि बकाया वेतन को लेकर तीन
तरह के उदाहरण कागजों में आ गए। जिससे कुछेक शिक्षकोंं को ज्यादा बकाया
वेतन मिल गया। तो हजारों वंचित रह गए। इस बीच निदेशालय को इसकी भनक लगी तो
हाल ही में एक आदेश पत्र जारी कर बाकी बचे शिक्षकों को जिला स्तर के कैडर
के हिसाब से बकाया वेतन जारी करने को कहा गया, लेकिन अब वंचित शिक्षक इस
आदेश को मान नहीं रहे हैं, वह दूसरे शिक्षकों को जारी स्टेट कैडर के हिसाब
से बकाया वेतन की मांग कर रहे हैं। उधर निदेशालय ने सभी जिलों से इन
शिक्षको को एरियर जारी कर रिपोर्ट मांगी हुई है। जिससे विभाग के अधिकारियों
में हड़कंप मचा हुआ है।
बता दें कि छठे वेतन आयोग के लागू होने के बाद भर्ती हुए शिक्षकों का
वेतन वर्ष 2006 से पहले से कार्यरत शिक्षकों से अधिक निर्धारित कर दिया
गया। उसके मुताबिक जेबीटी का आरंभिक वेतन 16 हजार 290, मास्टर सीएंडवी का
18 हजार 460 तथा लेक्चरर का 18 हजार 750 माना गया। वेतन निर्धारण में कुछ
गड़बडिय़ां विभाग को जब समझ आई तक तक काफी शिक्षकों को 2 से 3 साल तक उसी
हिसाब से वेतन दिया जा चुका था। विभाग ने अगस्त 2009 को अपनी गलती स्वीकार
करते हुए अधिक वेतन की राशि पर्सन पे में बदल दिया। जोकि वेतन वृद्धि के
समानांतर हर सा कम होती जाएगी।
इस तरह से 4 से 5 साल में पर्सनल पे खत्म हो जाएगा। अब यहां हुअा जिन
सीनियर शिक्षकों ने अपना वेतन कम होता देख हाईकोर्ट की शरण ले ली। हरियाणा
प्रदेश से जेबीटी नीलम रानी एवं अन्य शिक्षकों ने हाईकोर्ट में केस दायर
किया। जिसमें उन्होंने अपने जूनियर के वेतन के समान वेतन निर्धारित करते
हुए बकाया वेतन मांगा। जिसे अदालत ने मंजूर करते हुए विभाग को आदेश जारी कर
दिए। इसके बाद अधिक बकाया वेतन की मांग को लेकर हजारों शिक्षकोें अदालत
में याचिकाएं दायर कर दी। वर्ष 2017 में इन केसों के फैसले शिक्षकों के हक
में आने लगे। इससे पीछा छुड़ाने के लिए विभाग ने एक आदेश जारी कर दिया। कि
सभी योग्य शिक्षकों को बकाया वेतन का भुगतान कर दिया जाए।
Pay-scale / Merit / Counseling / Appointment / Transfer / Court - case & all Haryana latest news - Source of Reliable Information
Breaking News
- हरियाणा में गेस्ट टीचर्स के लिए खुशखबरी, शिक्षा मंत्री बोले- 58 साल तक कर सकेंगे काम, हर साल बढ़ेगी सैलरी
- Seniority list of master TGT : मास्टर टीजीटी की वरिष्ठता सूची बनाई
- PRT to TGT promotion cases invited in Haryana education department
- Haryana Guest Teacher: शिक्षा मंत्री बोले: 58 साल तक कर सकेंगे काम, हर साल बढ़ेगी सैलरी
- High Court Orders about 16290 Grade Pay of JBT Teachers.
Govt Jobs India - Alerts
Recent in Fashion
Random Posts
';
(function() {
var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true;
dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js';
(document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq);
})();