चंडीगढ़ : पंजाब सरकार की
ओर से विभिन्न विषयों के 6060 मास्टर और मिस्ट्रेस के पदों की नए सिरे से
मैरिट लिस्ट तैयार किए जाने के आदेश हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दे
दिए हैं।
जस्टिस जसवंत सिंह ने यह आदेश आरक्षित वर्ग के 28 आवेदकों की ओर
से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। याचिकाकर्ताओं की मांग थी कि
आरक्षित वर्ग के मेधावी आवेदकों को सामान्य वर्ग में शामिल किया जाए जिनके
अंक सामान्य वर्ग के आवेदकों के बराबर या ज्यादा हैं।
अब हाईकोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार को
ऐसा कर 19 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई से ठीक दिन पहले नए सिरे से
मैरिट लिस्ट तैयार किए जाने का एक अंतिम अवसर दिया है। साथ ही सरकार को
सख्त आदेश भी दे दिए गए हैं कि अगर अगली सुनवाई से पहले ऐसा नहीं किया गया
तो अगली सुनवाई पर शिक्षा सचिव खुद पेश हो इसका जवाब दें। बता दें कि इस
मामले को लेकर गुरजिंदर सिंह सहित 28 अन्य ने एडवोकेट सरदविंदर गोयल के
जरिए याचिका दायर कर बताया है कि वह सभी आरक्षित वर्ग से संबंधित हैं।
सरकार ने पंजाबी, हिंदी, इंग्लिश, मैथ्स और
सोशल स्टडी मास्टर्स के 6060 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। इन पदों पर भर्ती
के दौरान आरक्षित वर्ग के जिन आवेदकों के सामान्य वर्ग के आवेदकों से अधिक
अंक आए थे। उन्हें सामान्य वर्ग में शामिल कर उनकी जगह पर आरक्षित वर्ग के
अन्य आवदेकों की भर्ती की मांग की थी। सरकार ने जब मैरिट लिस्ट जारी की तो
आरक्षित वर्ग के आवेदक जिनके सामान्य वर्ग के आवेदकों से अधिक अंक थे,
उन्हें सामान्य वर्ग में शामिल नहीं किया था। इसी को इन आरक्षित वर्ग के
आवेदकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दे दी थी।