(चंडीगढ़,करनाल): लोकसभा चुनाव से ठीक
पहले हरियाणा की मनोहर सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में किया वादा पूरा करते
हुए प्रदेश के गेस्ट टीचरों की सेवाओं को स्थाई बना दिया है।
सरकार ने
प्रदेश के 14 हजार से अधिक गेस्ट टीचरों की सेवाओं को स्थाई बनाने के लिए
बुधवार को विधानसभा में एक बिल पारित कर दिया। नए नियम के अनुसार प्रदेश के
गेस्ट टीचरों को अब 58 साल तक हटाया नहीं जाएगा।
प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में इस समय 13
हजार 784 गेस्ट शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें पीजीटी के 1925 हैं, जिन्हें 36
हजार रुपये मासिक वेतन मिल रहा है। इसी तरह से मास्टर (टीजीडी) की संख्या
4254 हैं। सी एंड वी के 1582 शिक्षक हैं। मास्टर व सी एंड वी को 30 हजार
रुपए मासिक वेतन मिलता है। वहीं राज्य में 6023 जेबीटी शिक्षक कार्यरत हैं,
जो 26 हजार रुपए मासिक वेतन लेते हैं।
भाजपा ने वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव से
पहले अपने घोषणा पत्र में गेस्ट टीचरों की सेवाओं को स्थाई बनाने का वादा
किया था। इन टीचरों की भर्ती पूर्व हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई
थी। विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन बुधवार को सरकार ने सदन में हरियाणा
अतिथि शिक्षक सेवा विधेयक-2019 पेश किया। कांग्रेस के समर्थन से सरकार ने
बिल पास कर दिया। इस विधेयक के दौरान इनेलो विधायक सदन से गैर-हाजिर रहे।
विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला सदन में नहीं आए। कांग्रेस विधायक कर्ण
सिंह दलाल ने इन शिक्षकों को इनकी नियुक्ति से ही सेवा लाभ देने की मांग
की।
सदन में संसदीय कार्यमंत्री प्रो.रामबिलास
शर्मा इस विधेयक को पेश किया। विधेयक पेश करते समय रामबिलास खासे उत्साहित
थे। क्योंकि सत्ता में आने से पहले भाजपा की तरफ से रामबिलास ने ही गेस्ट
टीचरों को पक्का करवाने का वादा किया था। शिक्षा मंत्री ने सदन में अतिथि
अध्यापकों का बैक-ग्राउंड भी बताया।
विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि ये
शिक्षक सरकारी स्कूलों में कार्य करते रहेंगे। अब इन शिक्षकों के विरुद्ध
नियमित शिक्षकों की नियुक्ति भी नहीं हो पाएगी। हुड्डा सरकार ने 2005 और
2006 में लगभग 22 हजार अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति स्कूलों में पीरियड के
आधार पर की थी। इसके बाद 2009 में शिक्षकों का मासिक वेतन शुरू किया गया।
सुप्रीम कोर्ट इन शिक्षकों को हटाकर इनकी जगह नियमित भर्ती करने के आदेश भी
दे चुकी है, लेकिन सरकारें इनकी नौकरी बचाती रही हैं।
विधेयक पर राज्यपाल की मुहर लगने के बाद
इसकी अधिसूचना जारी होगी। नोटिफिकेशन होने के बाद शिक्षा विभाग गेस्ट
शिक्षकों के सर्विस रूल बनाएगा। इसके साथ ही इनके तबादलों के भी नियम तय
होंगे। महिला गेस्ट शिक्षकों को मैटरनिटी लीव की सुविधा पहले से मिल रही
है। वहीं इन शिक्षकों को सीएल व चार साल में एक बार एलटीसी की भी सुविधा
है।