सिरसा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हुड्डा सरकार के समय में
हुई 1983 पीटीआई की भर्ती को अयोग्य ठहराए जाने के मामले की डबल बैंच में
सुनवाई करवाने को लेकर स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन हरियाणा, सलाह (रजि. 02264)
के राज्य अध्यक्ष राजकुमार शर्मा ने सरकार से अनुरोध किया है। राजकुमार
शर्मा ने कहा सुप्रीम कोर्ट का फैसला काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। पूर्ववर्ती
सरकार में भर्ती किए गए इन शिक्षकों में से काफी शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने
अपनी दस वर्ष से अधिक की सेवा भी पूरी कर ली है।
एक पीटीआई की सदमे से हो चुकी है मौत:
राजकुमार शर्मा ने बताया कि पीटीआई शिक्षकों की सेवाएं निरस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बालंद के 45 वर्षीय पीटीआई रामनिवास की मौत हो गई।
रामनिवास सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत प्रभावित हुए पीटीआई में शामिल था। रामनिवास गांव आंवल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत था। परिजनों के मुताबिक कोर्ट के आदेशों के बाद से रामनिवास सदमे में था। शुक्रवार सुबह उन्हें हार्ट अटैक आया। वहीं रामनिवास की पत्नी भी अपाहिज है और उनके दो छोटे बच्चे हैं।
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ऐसे
में कुछ शिक्षकों की गलतियों का खामियाजा सभी शिक्षकों को न भुगतना पड़े,
इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सरकार डबल बैंच का दरवाजा
खटखटाया जाए। शर्मा ने कहा कि पीटीआई भर्ती में अगर कुछ टीचरों को गलत
तरीके से भर्ती किया गया है तो सिर्फ उन्हें ही सेवा से बाहर किया जाए, न
कि सभी शिक्षकों को। शर्मा ने कहा कि जो लोग इस भर्ती में दोषी हैं, केवल
उन्हीं पर कार्रवाई की जाए और बाकि शिक्षकों की सेवाएं फिर से बहाल की जाए।एक पीटीआई की सदमे से हो चुकी है मौत:
राजकुमार शर्मा ने बताया कि पीटीआई शिक्षकों की सेवाएं निरस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बालंद के 45 वर्षीय पीटीआई रामनिवास की मौत हो गई।
रामनिवास सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत प्रभावित हुए पीटीआई में शामिल था। रामनिवास गांव आंवल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत था। परिजनों के मुताबिक कोर्ट के आदेशों के बाद से रामनिवास सदमे में था। शुक्रवार सुबह उन्हें हार्ट अटैक आया। वहीं रामनिवास की पत्नी भी अपाहिज है और उनके दो छोटे बच्चे हैं।