पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ( Punjab And Haryana High Court ) ने बुधवार को हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग 32 डीपीई ( डेमोस्ट्रेटर फिजिकल एजुकेशन ) को डिमोशन कर वापिस जेबीटी टीचर के पद पर भेजने के आदेश पर अमल करने पर रोक लगा दी है। बुधवार को हिसार निवासी कृष्णा देवी व अन्य ने 15 दिसंबर 2021 को जारी उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जिसके तहत उनके डिमोशन के आदेश जारी किए गए थे।
हाई कोर्ट ने सभी प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी मामले की सुनवाई 5 अप्रैल तक स्थगित कर दी। याचिकाकर्ता ने याचिका में बताया कि 11 अक्टूबर 2020 को उनके पदोन्नति आदेश जारी किए गए। इसके बाद 15 दिसंबर 2021 को आदेश जारी कर कहा गया कि याची 11 अक्टूबर 2020 से डीपीई को पदोन्नति पाने के योग्य नहीं है। याचिका में कहा गया कि आदेश जारी करने से पहले उन्हें कारण बताओ नोटिस तक नहीं दिया गया।
कहा गया कि रिवर्ट किए गए डीपीई वापस जेबीटी के तौर पहले के पद र काम करें। याचिका में कहा गया कि उनके खिलाफ कार्रवाई से पहले कम से कम उनको अपना पक्ष रखने का मौका तो दिया जाना चाहिए था। शिक्षा विभाग ने सुखविंदर बनाम स्टेट हरियाणा केस का हवाला देते हुए उनकी डिमोशन का निर्णय लिया था। ये जेबीटी से पदोन्नत होकर डीपीई बने थे। 32 डीपीई में से 16 अकेले हिसार जिले के विभिन्न स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। भिवानी के दस, जींद व सोनीपत के दो-दो, चरखी दादरी व करनाल का एक-एक शिक्षक था।