‘बोर्ड के सचिव खुद जाकर देखें कामगारों की समस्याएं’
बिजली बिल में बढ़ोतरी को सरकार ने अदालत में सही ठहराया
चंडीगढ़ |जेबीटी शिक्षकोंकी भर्ती में हैंडराइटिंग मिलान में असफल करार देते हुए फर्जी भर्ती बताए गए शिक्षकों की ओर से हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है। इस पर जस्टिस दीपक सिब्बल की बेंच ने हरियाणा सरकार और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है।
याची पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट पुनीत बाली और एडवोकेट बिजेंद्र शर्मा ने कोर्ट में कहा कि सरकार द्वारा की गई इस भर्ती में याचियों को फंसाया जा रहा है। कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा 9041 शिक्षकों की भर्ती निकाली गई थी। इस भर्ती प्रक्रिया के बाद कुल 8341 शिक्षकों ने नौकरी ज्वाइन की थी। इसी दौरान हाईकोर्ट में इस नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की गई थी। याचिका पर हाईकोर्ट ने सभी शिक्षकों के अंगूठे के निशानों के मिलान के आदेश दिए थे।
सरकार ने इस दौरान 7965 सैंपल जांच के लिए भेजे थे। इसमें से 781 को फर्जी करार दिया गया और 6081 सैंपल ऐसे थे जिनका सही मिलान नहीं हो पाया था। हाईकोर्ट के आदेशों पर हस्ताक्षरों की जांच का फैसला लिया गया। ऐसे में सभी शिक्षकों के हस्ताक्षरों के सैंपल जांच के लिए मधुबन लैब में भेज दिए गए थे। हस्ताक्षरों की जांच करने के बाद लैब ने रिपोर्ट डायरेक्टर एलिमेंट्री एजुकेशन को सौंपी थी और उन्होंने इस रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों को इस्तेमाल करते हुए हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था।
चंडीगढ़ | कामगारमजदूर कल्याण बोर्ड द्वारा मजदूरों के हित में काम करने के मामले में हाईकोर्ट ने बोर्ड से सुविधाएं देने पर जवाब तलब किया है। अदालत ने शुक्रवार को हरियाणा पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि दोनों राज्यों के कामगार मजदूर कल्याण बोर्ड के सचिव खुद जाकर देखें कि मजदूरों को क्या समस्या रही है। हाईकोर्ट ने कहा कि हरियाणा और पंजाब सरकार मजदूरों का 1500 करोड़ बैंक में जमा करवा ब्याज कमा रही है और मजदूर मूल-भूत सुविधाओं को तरस रहें हैं। ऐसी स्थिति में कैसे राज्य अपना दायित्व निभाने की बात कह सकता है। कोर्ट ने कहा कि जो ए.सी. ऑफिसों में बैठे रहते हैं उन्हें क्या पता की कामगार मजदूर कैसे जिंदगी बिताता है और उसे क्या-क्या समस्या आती है।
चंडीगढ़ | बिजलीकी चोरी के चलते सरकार को होने वाले करोड़ों के घाटे के मामले में जनहित याचिका पर हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब दायर कर बढ़ोतरी को सही ठहराया है। हरियाणा सरकार ने कोर्ट से मांग की कि याचिका को खारिज किया जाए। याचिका में हरियाणा सरकार द्वारा बिजली बिल का भुगतान करने वालों पर 15 प्रतिशत की वृद्धि का बोझ डालने को चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने मामले पर 15 दिसंबर के लिए आगे सुनवाई तय की है। करतार सिंह की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि केवल वोटबैंक की राजनीति के चलते राज्य हजारों करोड़ के घाटे में चल रहा है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
बिजली बिल में बढ़ोतरी को सरकार ने अदालत में सही ठहराया
चंडीगढ़ |जेबीटी शिक्षकोंकी भर्ती में हैंडराइटिंग मिलान में असफल करार देते हुए फर्जी भर्ती बताए गए शिक्षकों की ओर से हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है। इस पर जस्टिस दीपक सिब्बल की बेंच ने हरियाणा सरकार और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है।
याची पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट पुनीत बाली और एडवोकेट बिजेंद्र शर्मा ने कोर्ट में कहा कि सरकार द्वारा की गई इस भर्ती में याचियों को फंसाया जा रहा है। कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा 9041 शिक्षकों की भर्ती निकाली गई थी। इस भर्ती प्रक्रिया के बाद कुल 8341 शिक्षकों ने नौकरी ज्वाइन की थी। इसी दौरान हाईकोर्ट में इस नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की गई थी। याचिका पर हाईकोर्ट ने सभी शिक्षकों के अंगूठे के निशानों के मिलान के आदेश दिए थे।
सरकार ने इस दौरान 7965 सैंपल जांच के लिए भेजे थे। इसमें से 781 को फर्जी करार दिया गया और 6081 सैंपल ऐसे थे जिनका सही मिलान नहीं हो पाया था। हाईकोर्ट के आदेशों पर हस्ताक्षरों की जांच का फैसला लिया गया। ऐसे में सभी शिक्षकों के हस्ताक्षरों के सैंपल जांच के लिए मधुबन लैब में भेज दिए गए थे। हस्ताक्षरों की जांच करने के बाद लैब ने रिपोर्ट डायरेक्टर एलिमेंट्री एजुकेशन को सौंपी थी और उन्होंने इस रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों को इस्तेमाल करते हुए हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था।
चंडीगढ़ | कामगारमजदूर कल्याण बोर्ड द्वारा मजदूरों के हित में काम करने के मामले में हाईकोर्ट ने बोर्ड से सुविधाएं देने पर जवाब तलब किया है। अदालत ने शुक्रवार को हरियाणा पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि दोनों राज्यों के कामगार मजदूर कल्याण बोर्ड के सचिव खुद जाकर देखें कि मजदूरों को क्या समस्या रही है। हाईकोर्ट ने कहा कि हरियाणा और पंजाब सरकार मजदूरों का 1500 करोड़ बैंक में जमा करवा ब्याज कमा रही है और मजदूर मूल-भूत सुविधाओं को तरस रहें हैं। ऐसी स्थिति में कैसे राज्य अपना दायित्व निभाने की बात कह सकता है। कोर्ट ने कहा कि जो ए.सी. ऑफिसों में बैठे रहते हैं उन्हें क्या पता की कामगार मजदूर कैसे जिंदगी बिताता है और उसे क्या-क्या समस्या आती है।
चंडीगढ़ | बिजलीकी चोरी के चलते सरकार को होने वाले करोड़ों के घाटे के मामले में जनहित याचिका पर हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब दायर कर बढ़ोतरी को सही ठहराया है। हरियाणा सरकार ने कोर्ट से मांग की कि याचिका को खारिज किया जाए। याचिका में हरियाणा सरकार द्वारा बिजली बिल का भुगतान करने वालों पर 15 प्रतिशत की वृद्धि का बोझ डालने को चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने मामले पर 15 दिसंबर के लिए आगे सुनवाई तय की है। करतार सिंह की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि केवल वोटबैंक की राजनीति के चलते राज्य हजारों करोड़ के घाटे में चल रहा है।
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