गेस्ट टीचरों की याचिका पर दिल्ली सरकार से मांगा जवाब
नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने गेस्ट टीचरों को हटाने और 17 हजार टीचरों की नौकरी पक्की करने में देरी को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति वीपी वैश की पीठ ने सरकार से पूछा है कि वायदे के बावजूद अब तक 17 हजार गेस्ट टीचरों की नौकरी पक्की क्यों नहीं की गई? मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद गेस्ट टीचर के पद से हटाए गए प्रवीण कुमार नामक शख्स की मामले में पैरवी कर रहे हैं। याचिका में अनुरोध किया गया था कि सरकार द्वारा 18 अप्रैल को जारी बर्खास्तगी पत्र को खत्म किया जाए। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिए बगैर ही बर्खास्त कर दिया गया। वह सरकार पर सभी गेस्ट टीचर की नौकरी पक्की करने को लेकर दबाव बना रहे थे, इसी वजह से उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। बताया गया है कि प्रवीण कुमार का पूर्व का रिकॉर्ड बेदाग रहा है और वह दिल्ली सरकार के अधीन स्कूलों में वर्ष 2010 से पढ़ा रहे हैं। उनका अटेंडेंस रिकॉर्ड भी बेहद अच्छा है। उन्होंने पिछले छह महीने में एक भी क्लास छोड़ी है और न ही इस दौरान उनके खिलाफ कोई शिकायत है। गेस्ट टीचरों को पक्की नौकरी दिलाने की अपनी मांग के लिए दबाव बनाने पर ही सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है।
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नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने गेस्ट टीचरों को हटाने और 17 हजार टीचरों की नौकरी पक्की करने में देरी को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति वीपी वैश की पीठ ने सरकार से पूछा है कि वायदे के बावजूद अब तक 17 हजार गेस्ट टीचरों की नौकरी पक्की क्यों नहीं की गई? मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद गेस्ट टीचर के पद से हटाए गए प्रवीण कुमार नामक शख्स की मामले में पैरवी कर रहे हैं। याचिका में अनुरोध किया गया था कि सरकार द्वारा 18 अप्रैल को जारी बर्खास्तगी पत्र को खत्म किया जाए। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिए बगैर ही बर्खास्त कर दिया गया। वह सरकार पर सभी गेस्ट टीचर की नौकरी पक्की करने को लेकर दबाव बना रहे थे, इसी वजह से उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। बताया गया है कि प्रवीण कुमार का पूर्व का रिकॉर्ड बेदाग रहा है और वह दिल्ली सरकार के अधीन स्कूलों में वर्ष 2010 से पढ़ा रहे हैं। उनका अटेंडेंस रिकॉर्ड भी बेहद अच्छा है। उन्होंने पिछले छह महीने में एक भी क्लास छोड़ी है और न ही इस दौरान उनके खिलाफ कोई शिकायत है। गेस्ट टीचरों को पक्की नौकरी दिलाने की अपनी मांग के लिए दबाव बनाने पर ही सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है।
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