जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: इन दिनों सरकारी स्कूलों में अध्यापन से ज्यादा स्थानांतरण प्रक्रिया
पर ज्यादा काम चल रहा है। इसका असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ रहा है।
9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को नए शिक्षकों से परिचय और पाठ्य
सामग्री समझने में समय लग रहा है तो कुछ प्राध्यापकों ने अभी अपना
कार्यभार नहीं संभाला है।
एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरित होकर आए और रेवाड़ी से दूसरे जिलों में स्थानांतरित हुए कई प्राध्यापकों ने अभी ज्वाइ¨नग नहीं की है। इसके अलावा शिक्षा विभाग की जिलास्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताएं चल रही हैं। इसमें अधिकांश स्कूलों के विद्यार्थी खेलों में व्यस्त हैं। अब जेबीटी अध्यापकों का भी तबादला शुरू हो गया है। इससे प्राथमिक स्कूलों में भी इन दिनों विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिन अध्यापकों का तबादला अभी तक नहीं हुआ है वे बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जो शिक्षक लगातार पांच साल या इससे अधिक समय से एक ही स्कूल में कार्यरत हैं उनका नई तबादला नीति के तहत अन्यत्र तबादला किया जा रहा है। इसमें वे अंतर जिला के साथ कई शिक्षकों का दूसरे जिलों में भी स्थानांतरण किया गया है। जिनका दूसरे जिलों में स्थानांतरण हुआ है उनमें जो अपने घर के आसपास हुए हैं वे तो खुश हैं लेकिन जिनका गृह जिले से दूर हुआ है वे नए विद्यालय में नए माहौल के साथ तालमेल बैठाने में समय ले रहे हैं।
कई प्राध्यापकों को नहीं मिला अभी स्टेशन:
विभाग की ओर से कई प्राध्यापकों का पुराने स्कूल से तबादला कर दिया गया हैं लेकिन उन्हें नया स्टेशन नहीं मिला है। ऐसे में ये शिक्षक पिछले एक पखवाड़े से खाली हैं। जिले में ऐसे शिक्षकों की संख्या करीब एक दर्जन है। इन प्राध्यापकों को स्टेशन अलाट होने का इंतजार है।
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नई तबादला नीति से 95 फीसद प्राध्यापकों को फायदा हुआ है। अधिकांश प्राध्यापकों ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। सभी विद्यालयों की बारीकी से मानिट¨रग की जा रही है। विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो इसके लिए वे और सभी खंड शिक्षा अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं। जिन शिक्षकों को अभी स्टेशन नहीं अलाट नहीं हुआ है उनमें से कुछ को सूमाखेड़ा स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा बाकियों को जहां शिक्षकों की कमी है वहां ड्यूटी लगाई हुई है।
--धर्मवीर बल्डोदिया, जिला शिक्षा अधिकारी, रेवाड़ी।
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एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरित होकर आए और रेवाड़ी से दूसरे जिलों में स्थानांतरित हुए कई प्राध्यापकों ने अभी ज्वाइ¨नग नहीं की है। इसके अलावा शिक्षा विभाग की जिलास्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताएं चल रही हैं। इसमें अधिकांश स्कूलों के विद्यार्थी खेलों में व्यस्त हैं। अब जेबीटी अध्यापकों का भी तबादला शुरू हो गया है। इससे प्राथमिक स्कूलों में भी इन दिनों विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिन अध्यापकों का तबादला अभी तक नहीं हुआ है वे बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जो शिक्षक लगातार पांच साल या इससे अधिक समय से एक ही स्कूल में कार्यरत हैं उनका नई तबादला नीति के तहत अन्यत्र तबादला किया जा रहा है। इसमें वे अंतर जिला के साथ कई शिक्षकों का दूसरे जिलों में भी स्थानांतरण किया गया है। जिनका दूसरे जिलों में स्थानांतरण हुआ है उनमें जो अपने घर के आसपास हुए हैं वे तो खुश हैं लेकिन जिनका गृह जिले से दूर हुआ है वे नए विद्यालय में नए माहौल के साथ तालमेल बैठाने में समय ले रहे हैं।
कई प्राध्यापकों को नहीं मिला अभी स्टेशन:
विभाग की ओर से कई प्राध्यापकों का पुराने स्कूल से तबादला कर दिया गया हैं लेकिन उन्हें नया स्टेशन नहीं मिला है। ऐसे में ये शिक्षक पिछले एक पखवाड़े से खाली हैं। जिले में ऐसे शिक्षकों की संख्या करीब एक दर्जन है। इन प्राध्यापकों को स्टेशन अलाट होने का इंतजार है।
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नई तबादला नीति से 95 फीसद प्राध्यापकों को फायदा हुआ है। अधिकांश प्राध्यापकों ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। सभी विद्यालयों की बारीकी से मानिट¨रग की जा रही है। विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो इसके लिए वे और सभी खंड शिक्षा अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं। जिन शिक्षकों को अभी स्टेशन नहीं अलाट नहीं हुआ है उनमें से कुछ को सूमाखेड़ा स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा बाकियों को जहां शिक्षकों की कमी है वहां ड्यूटी लगाई हुई है।
--धर्मवीर बल्डोदिया, जिला शिक्षा अधिकारी, रेवाड़ी।
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