जागरण संवाददाता, समालखा : शिक्षा की गुणवता को सुधारने के लिए एक ओर
सरकार राजकीय स्कूलों को निजी स्कूलों के समकक्ष खड़ा करने का दावा कर रही
है। दूसरी ओर राजकीय स्कूलों में लेक्चरार के पास विद्यार्थी तक नहीं हैं।
वे मिडिल व हाई स्कूल के बच्चों को पढ़ाकर अपना काम चला रहे हैं।
वह भी अपने विषय से अलग हटकर। ऐसे में स्कूल का रिजल्ट खराब हो रहा है। वहीं पीआरटी(प्राइमरी टीचर) व टीजीटी(पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) के छोटे कक्षाओं को पढ़ाने से सरकार को नुकसान भी हो रहा है। यह जानकारी शिक्षा विभाग की ओर से आट्टा निवासी जितेंद्र सिंह को आरटीआइ के तहत दी गई सूचना से मिली है।
आट्टा निवासी जितेंद्र सिंह ने 1 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारी से आरटीआइ के तहत जिले के राजकीय स्कूलों में तैनात 11वीं व 12वीं को पढ़ाने वाले लेक्चरार के विषय व उनके द्वारा पढ़ाए जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या सहित उनके विषय के बारे में जानकारी मांगी थी। जिला शिक्षा अधिकारी ने अपनी सूचना में बताया कि जिले के 127 लेक्चरार के पास पढ़ाने के लिए उनके विषय में कोई विद्यार्थी नहीं है। जिस कारण वे अपने विषय व कक्षाओं से हटकर मिडिल व हाई स्कूल के विद्यार्थियों पढ़ा रहे हैं। इसमें खास बात ये है की अधिकांश लेक्चरार मिडिल व हाई स्कूल के विद्यार्थियों को भी वो विषय पढ़ा रहे हैं, जिनसे उनका कोई लेना देना नहीं रहा है।
सूचना में ये भी बताया गया है कि कुछ प्रवक्ता उन स्कूलों में तैनात हैं, जहां उनके विषय की स्ट्रीम ही नहीं है। इनमें इसराना में 10, बापौली में 4, समालखा में 20, मतलौडा में 10 व पानीपत में 15 है, जबकि पूरे प्रदेश में ये संख्या हजारों में है।
कहां कितने लेक्चरार बने पीआरटी व टीजीटी
जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से दी गई सूचना के अनुसार इसराना में 20, समालखा में 22, बापौली में 16, मतलौडा में 20 व पानीपत ब्लाक में 49 प्रवक्ता ऐसे हैं, जिनकी छात्रा संख्या शून्य है और वो 11वीं व 12वीं के विद्यार्थियों की बजाय 6ठी से 10वीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं।
शिक्षा विभाग को लाखों का नुकसान
सरकार की तरफ से 11वीं व 12वीं के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए लेक्चरार की नियुक्ति की जाती है, जिनका ग्रेड पे 16890 रुपये हैं, जिनको नियुक्ति मिलते ही 45 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है। जबकि पीआरटी का ग्रेड पे 13500 रुपये हैं और उन्हें नौकरी ज्वाइन करते ही मासिक वेतन 35000 रुपये मिलते हैं। वहीं टीजीटी का ग्रेड पे 14830 रुपये हैं और नौकरी ज्वाइन करते ही उन्हें 40000 हजार रुपये मासिक मिलते हैं। लेक्चरार से टीजीटी व पीआरटी वाले शिक्षक का काम लेने से पानीपत जिले में ही प्रतिमाह सरकार को लाखों रुपये का चूना लगता है।
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वह भी अपने विषय से अलग हटकर। ऐसे में स्कूल का रिजल्ट खराब हो रहा है। वहीं पीआरटी(प्राइमरी टीचर) व टीजीटी(पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) के छोटे कक्षाओं को पढ़ाने से सरकार को नुकसान भी हो रहा है। यह जानकारी शिक्षा विभाग की ओर से आट्टा निवासी जितेंद्र सिंह को आरटीआइ के तहत दी गई सूचना से मिली है।
आट्टा निवासी जितेंद्र सिंह ने 1 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारी से आरटीआइ के तहत जिले के राजकीय स्कूलों में तैनात 11वीं व 12वीं को पढ़ाने वाले लेक्चरार के विषय व उनके द्वारा पढ़ाए जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या सहित उनके विषय के बारे में जानकारी मांगी थी। जिला शिक्षा अधिकारी ने अपनी सूचना में बताया कि जिले के 127 लेक्चरार के पास पढ़ाने के लिए उनके विषय में कोई विद्यार्थी नहीं है। जिस कारण वे अपने विषय व कक्षाओं से हटकर मिडिल व हाई स्कूल के विद्यार्थियों पढ़ा रहे हैं। इसमें खास बात ये है की अधिकांश लेक्चरार मिडिल व हाई स्कूल के विद्यार्थियों को भी वो विषय पढ़ा रहे हैं, जिनसे उनका कोई लेना देना नहीं रहा है।
सूचना में ये भी बताया गया है कि कुछ प्रवक्ता उन स्कूलों में तैनात हैं, जहां उनके विषय की स्ट्रीम ही नहीं है। इनमें इसराना में 10, बापौली में 4, समालखा में 20, मतलौडा में 10 व पानीपत में 15 है, जबकि पूरे प्रदेश में ये संख्या हजारों में है।
कहां कितने लेक्चरार बने पीआरटी व टीजीटी
जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से दी गई सूचना के अनुसार इसराना में 20, समालखा में 22, बापौली में 16, मतलौडा में 20 व पानीपत ब्लाक में 49 प्रवक्ता ऐसे हैं, जिनकी छात्रा संख्या शून्य है और वो 11वीं व 12वीं के विद्यार्थियों की बजाय 6ठी से 10वीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं।
शिक्षा विभाग को लाखों का नुकसान
सरकार की तरफ से 11वीं व 12वीं के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए लेक्चरार की नियुक्ति की जाती है, जिनका ग्रेड पे 16890 रुपये हैं, जिनको नियुक्ति मिलते ही 45 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है। जबकि पीआरटी का ग्रेड पे 13500 रुपये हैं और उन्हें नौकरी ज्वाइन करते ही मासिक वेतन 35000 रुपये मिलते हैं। वहीं टीजीटी का ग्रेड पे 14830 रुपये हैं और नौकरी ज्वाइन करते ही उन्हें 40000 हजार रुपये मासिक मिलते हैं। लेक्चरार से टीजीटी व पीआरटी वाले शिक्षक का काम लेने से पानीपत जिले में ही प्रतिमाह सरकार को लाखों रुपये का चूना लगता है।
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