रोहतक.एमडीयू
में प्रमोशन विवाद में स्क्रीनिंग कमेटी सदस्य द्वारा दो गैर शिक्षक
कर्मियों पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए उनकी पुलिस में शिकायत देने के
मामले ने तूल पकड़ लिया है। शिकायत करने के विरोध में बुधवार को गैर शिक्षक
कर्मचारी संघ ने बैठक की। इसमें फैसला लिया गया कि यदि इस तरह की शिकायत
होती है तो आगे से गैर शिक्षक कर्मचारी किसी शिक्षक के घर नहीं जाएंगे। इस
मामले में अब गुरुवार को कुलपति प्रो. बीके पूनिया से मिलकर भी अपनी बात
रखी जाएगी। हालांकि कुलपति की ओर से मामले में स्वयं भी संज्ञान लिया जा
रहा है।
कर्मी बोले, प्रोफेसर ने स्वयं बुलाया था घर
गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों, पूर्व प्रधान व पूर्व महासचिवों की बैठक की अध्यक्षता संघ महासचिव अनिल मल्होत्रा ने की। साथ ही शिकायतकर्ता पर कार्रवाई की मांग की। बैठक में कोषाध्यक्ष कृष्ण कुमार, पूर्व प्रधान सूरजभान, पूर्व प्रधान कुलवंत मलिक, पूर्व उपप्रधान अजमेर, पूर्व सचिव ताराचंद, पूर्व उपप्रधान रामकुमार व कार्यकारिणी सदस्य अनिल पाहवा शामिल रहे। इस मामले में कर्मचारियों ने बैठक में बताया कि स्थापना शाखा के सहायक कुलसचिव महेंद्र सिंह अपनी ड्यूटी के तहत प्रोसिडिंग पर दस्तखत करवाने प्रो.अारएस सिवाच के घर गए थे। प्रोफेसर ने स्वयं उन्हें दस्तखत करवाने के लिए अपने घर पर बुलाया था। कमेटी के चेयरमैन डॉ. राजबीर पहले ही दस्तखत कर चुके थे।
घर में घुसने वाले माफी मांगे : प्रो. सिवाच
वहीं दूसरी ओर डिफेंस स्टडीज विभाग के अध्यक्ष प्रो. आरएस सिवाच का कहना है कि वे अपनी बात पर पूरी तरह से कायम हैं। उन्होंने जो भी शिकायत एसपी को दी है, उसमें हर बात सच है। दो गैर शिक्षक कर्मचारियों द्वारा जबरन घर में घुसकर गलत व्यवहार किया गया है। उन्हें सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए। आखिर शिक्षक का भी सम्मान होता है। वे अपनी शिकायत कतई वापस लेने वाले नहीं हैं। विवि स्तर पर भी ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए जोकि गलत बात के लिए गुंडागर्दी पर उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. एसपी वत्स का मामला एथिकल स्तर पर पूरी तरह से गलत है। उन्हें भी इस बारे में सोचना चाहिए कि एक शिक्षक होते हुए वे नैतिकता का परिचय दें। छल से पद पाया जा सकता है, सम्मान नहीं।
यह है मामला
पूर्व
कुलसचिव डॉ. एसपी वत्स की प्रमाेशन का मामला स्क्रीनिंग कमेटी के सामने
आया। इसमें सदस्य प्रो. आरएस सिवाच ने उनकी योग्यता पर सवाल उठाते हुए
हस्ताक्षर करने से मना कर दिए। वहीं, 19 सितंबर रात को सहायक कुलसचिव
महेंद्र सिंह व एसडीओ बागवानी बलजीत सिंह उनके घर पर गए और डाॅ. वत्स के
प्रमोशन लेटर पर हस्ताक्षर करने को कहा। प्रो. सिवाच ने एसपी को दी शिकायत
में आरोप लगाया कि इन दोनों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।