जागरण संवाददाता, गुड़गांव: जिले के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कम
हो गई है और कुछ में तो शिक्षक बचे ही नहीं। इसकी वजह यह है कि सरकार ने
सरकारी स्कूलों के जीबीटी शिक्षकों का तबादला किया है। शिक्षा निदेशालय की
नई तबादला नीति में ऐसा हो रहा है। कई स्कूलों में शिक्षकों की संख्या बढ़ी
भी है।
शनिवार को निदेशालय ने ट्रांसफर लिस्ट जारी की है। इसके तहत शिक्षकों को एक हफ्ते का समय दिया गया है कि वो अपने नए अलॉट किए गए स्टेशनों में ज्वाइन करें। शिक्षक असमंजस में हैं। नए स्टेशनों को ज्वाइन करें कि नहीं। इसी के चलते सोमवार को कई स्कूलों में स्कूलों में कक्षाएं नहीं लगीं।
सेक्टर-31 स्थित सिलोखरा राजकीय विद्यालय में 300 विद्यार्थी हैं। इन पर 7 शिक्षक और एक स्कूल मुख्याध्यापक नियुक्त किया गया, लेकिन अब सभी अध्यापकों का ट्रांसफर कर दिया गया है। एक भी शिक्षक की नियुक्ति इस स्कूल में नहीं हुई है। वही सैनीखेड़ा राजकीय विद्यालय में 200 अध्यापक में पांच शिक्षक नियुक्त किए थे, लेकिन अब इस स्कूल में सभी पुरुष शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है, जो कि नियमों के खिलाफ है। सनसिटी प्राइमरी स्कूल में पांच शिक्षक कम कर दिए गए हैं। वजीराबाद के राजकीय स्कूल में भी शिक्षकों की पांच सीटें खाली कर दी गई हैं। चक्करपुर स्कूल में दस शिक्षकों की भर्ती की गई है, जबकि यहां पर जरूरत मात्र सात शिक्षकों की ही है। शहर के तीन स्कूल ऐसे हैं जहां पर गलती से एक साथ 2-2 मुख्याध्यापक नियुक्त किए गए हैं।
इस ट्रांसफर को लेकर शिक्षकों में भी रोष है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष तरुण सुहाग के मुताबकि ट्रांसफर जिस तरीके से हुआ है वह काफी गलत है। यह केवल जल्दबाजी में हुआ है। शिक्षक बल¨वदर ¨सह के मुताबिक ट्रांसफर पॉलिसी के तहत शिक्षकों को स्टेशन मिले ही नहीं हैं। इसकी शिकायत अधिकारियों तक भी पहुंचाई गई लेकिन कोई इस बारे में कोई बोलने को तैयार नहीं है।
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इस ट्रांसफर को लेकर शिक्षकों में भी रोष है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष तरुण सुहाग के मुताबकि ट्रांसफर जिस तरीके से हुआ है वह काफी गलत है। यह केवल जल्दबाजी में हुआ है। शिक्षक बल¨वदर ¨सह के मुताबिक ट्रांसफर पॉलिसी के तहत शिक्षकों को स्टेशन मिले ही नहीं हैं। इसकी शिकायत अधिकारियों तक भी पहुंचाई गई लेकिन कोई इस बारे में कोई बोलने को तैयार नहीं है।
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