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600 में से एक स्टूडेंट मिला, कहीं नर्सरी स्कूल में चल रहा कॉलेज, कई जगह ताले

जींद.भावी शिक्षक तैयार करने वाले बीएड कॉलेजों में क्या हालात हैं, इसका सच सामने आया औचक निरीक्षण में। चौधरी रणबीर सिंह (सीआरएस) यूनिवर्सिटी की दस टीमों ने सोमवार को वाइस चांसलर डाॅ. रणजीत सिंह के नेतृत्व में जींद व रोहतक के 14 बीएड कॉलेजों में औचक निरीक्षण किया। 11 कॉलेजों में तो न पूरे टीचर मिले और न स्टूडेंट्स। सामने आया कि कॉलेज नॉन अटैंडिंग को बढ़ावा दे रहे हैं। यानी फीस लेकर हाजिरी में छूट दी जा रही है।

वीसी डाॅ. रणजीत सिंह ने माना कि 11 कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस भेजा जा रहा है। इसके साथ ही उच्चतर शिक्षा निदेशालय को इन कॉलेजों की लिखित रिपोर्ट भेजी जाएगी, ताकि इन पर उचित कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान प्रत्येक कॉलेज की वीडियोग्राफी करवाई गई है, ये एजुकेशन के स्तर को इतना नीचे गिरा रहे हैं, यह बहुत ही निंदनीय है। जबकि ऐसे कॉलेज नैक व एनसीटीई की टीम के निरीक्षण के दौरान कुछ समय के लिए बाहरी विद्यार्थी बुलाकर उन्हें कॉलेज के विद्यार्थी के रूप में दिखाया जाता है। विश्वविद्यालय के द्वारा एकेडमिक काउंसिल की बैठक के दौरान जो कॉलेज सही नहीं पाए गए उनकी मान्यता रद्द करने के लिए फैसला लिया जाएगा।
1. हरियाणा कॉलेज ऑफ एजुकेशन, किनाना वीसी ने जब कॉलेज में एंट्री की तो उस दौरान कॉलेज में नैक टीम का निरीक्षण भी चल रहा था। इस दौरान पूछताछ में पाया कि 140 विद्यार्थियों ने बीएड में दाखिला लिया हुआ है, लेकिन कॉलेज में कुल 28 विद्यार्थी ही मौजूद मिले। विद्यार्थियों से बात की तो उनमें से ज्यादातर डीएड कोर्स के स्टूडेंट्स मिले।
2.एसआरएम कॉलेज अनूपगढ़: 600 विद्यार्थियों में से सिर्फ एक स्टूडेंट्स मिला। उसने बताया कि हमेशा 6 से 7 विद्यार्थी ही कॉलेज में आते हैं। कॉलेज में 212 विद्यार्थी हरियाणा के बाहर से हैं। वहीं डायरेक्टर कमलेश कुमार ने तर्क दिया कि बहुत से छात्रों को रिअपीयर आई हुई है इसलिए केयू में फार्म जमा कराने गए हुए थे। और कुछ छात्र जल्दी निकल गए थे।

3.आकाश कॉलेज ऑफ एजुकेशन, गतौली : प्राइवेट स्कूल में चल रहा है, इसके साथ ही इसमें नर्सिंग के कोर्सेस भी करवाए जाते हैं, नर्सरी स्कूल में चलाया जा रहा है। वाइस चांसलर ने पाया कि प्रिंसिपल, स्टाफ सब छुट्टी पर हैं, कॉलेज में विद्यार्थियों के लिए किसी प्रकार की सुविधा नहीं, न लैब, न ही स्पोर्ट्स व पुस्तकालय सुविधा।
4.जेबीएम कॉलेज ऑफ एजुकेशन शादीपुर जुलाना : माहौल सही मिला, विद्यार्थियों की अटेंडेंस कम पाई गई।
5. कन्या गुरुकुल जुलाना: विद्यार्थियों के साथ वाई-फाई कैंपस, विद्यार्थी कक्षाओं में मिले।
6.एसजी कॉलेज ऑफ एजुकेशन जुलाना मंडी : 200 विद्यार्थियों में से कोई विद्यार्थी नहीं मिला, न ही विद्यार्थियों के लिए किसी प्रकार की सुविधा दिखाई दी।
7.गीता आर्य कॉलेज ऑफ एजुकेशन जुलाना : यह कॉलेज छोटे से प्राइवेट स्कूल में चलाया जा रहा है, जिसमें बीए की डिस्टेंस की क्लासेज लगाई जाती हैं, इससे पहले निरीक्षण में भी इस कॉलेज को नोटिस दिया गया था, अब बड़े स्तर पर फैसला लेने की संभावना।
8.वरदे देवी कॉलेज ऑफ एजुकेशन ब्राह्मणवास जुलाना वीसी के अनुसार कॉलेज में सभी कमरे बंद, लॉक मिले, शायद कॉलेज काफी समय से खुला ही नहीं है। हर तरफ धूल ही धूल जमी दिखाई दी। वीसी ने कहा इस कॉलेज को पूरी तरह बंद करने का निर्णय लिया जाएगा।
9. आदर्श कॉलेज ऑफ एजुकेशन शादीपुर जुलाना : कोई विद्यार्थी नहीं, पॉलीटेक्निक कॉलेज से दो रूम देकर कॉलेज चलाया जा रहा है।
10. द्रोणाचार्य कॉलेज ऑफ एजुकेशन, किलाजफरगढ़: 100 विद्यार्थियों में से 2 विद्यार्थी मिले, 6 का स्टाफ है, उसमें से भी कोई नहीं मिला।
11.शीतला कॉलेज ऑफ एजुकेशन, लाखन माजरा न कोई लैब, न ही पढ़ाई का माहौल, ना लाइब्रेरी, 5 से 6 किताबें एक जगह रखी मिली, इसके अलावा 3 कंप्यूटर जोकि खस्ता हालत में मिले। सबसे बड़ी बात प्रिंसिपल को खुद नहीं पता कि कॉलेज में कितने विद्यार्थी हैं, कहा कि वह फोन करने पर सारे जानकारी उपलब्ध करवा देंगे।

12.रामाकृष्णा कॉलेज ऑफ एजुकेशन, चांदी ( रोहतक): इस कॉलेज की हालत भी खराब मिली। 200 विद्यार्थियों में से करीब 15 विद्यार्थी ही मिले, स्टाफ के रूप में सिर्फ 2 टीचर थे।
13.आर्यन कॉलेज ऑफ एजुकेशन लाखन माजरा शिक्षा का बेहतर माहौल मिला, निरीक्षण के दौरान क्लासेज चल रही थी, लैब की सुविधा भी मिली।
14. रामनारायण कॉलेज ऑफ एजुकेशन चांदी रोहतक : किसी प्रकार की सुविधा विद्यार्थियों के लिए नहीं, प्रिसिंपल ने खुद को बचाने की कोशिश के साथ यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि विद्यार्थी टीचिंग प्रैक्टिस पर गए हैं।

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