मोहाली (राणा) : पंजाब रोडवेज व पुलिस में नौकरी पाने
के लिए पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के फर्जी सर्टीफिकेट के इस्तेमाल का मामला
सामने आया है । पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के पास सर्टीफिकेट वैरीफिकेशन के
लिए आए हुए थे, जिनमें से जांच करने पर 3 सर्टीफिकेट जाली पाए गए।
इसकी सूचना पुलिस को दे दी गई है और जाली सर्टीफिकेट देने वाले तीनों आरोपियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर ली गई है। इस संबंध में पुलिस ने संबंधित विभागों को भी सूचित कर दिया है, जबकि शिक्षा बोर्ड ने तीनों को अपने रिकॉर्ड में ब्लैक लिस्ट कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक इसी माह पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड में विभिन्न सरकारी विभागों से सर्टीफिकेट वैरीफिकेशन के लिए आए थे। जब बोर्ड की संबंधित शाखाओं ने इनकी जांच की तो, ये फर्जी पाए गए। जिन नामों से सर्टिफिकेट बने थे, उनका कोई भी मेल खाता रिकार्ड बोर्ड को नहीं मिला। एस.एस.पी. फाजिल्का के आफिस से सुखबीर सिंह नाम के व्यक्ति का सर्टिफिकेट आया था जो जांच के बाद जाली निकला, जोकि 12वीं कक्षा का था और 2011 में फिरोजपुर का बना हुआ था।
इसी तरह पंजाब रोडवेज जालंधर के जनरल मैनेजर की तरफ से भेजा गया तरसेम सिंह नाम के व्यक्ति का सर्टिफिकेट फर्जी निकला है। सर्टीफिकेट भी 10वीं का था जो 1999 में मोगा जिले का बना हुआ था। इसी तरह मुक्तसर साहिब जिले के गगर हाई स्कूल की तरफ से भेजा सर्टीफिकेट भी फर्जी पाया गया जो एक महिला के नाम पर था, जो 1997 में फरीदकोट जिले का बना हुआ था। इस वर्ष अभी तक पांच लोगों के जाली सर्टीफिकेट पकड़े जा चुके हैं। उक्त सर्र्टीफिकेट रेलवे, पुलिस, शिक्षा विभाग, रोडवेज व फौज समेत कई विभागों से आए थे। फर्जी सर्र्टीफिकेटों से नौकरी हासिल करने में केवल पुरुष ही नहीं, बल्कि लड़कियां भी आगे रही हैं।
इसकी सूचना पुलिस को दे दी गई है और जाली सर्टीफिकेट देने वाले तीनों आरोपियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर ली गई है। इस संबंध में पुलिस ने संबंधित विभागों को भी सूचित कर दिया है, जबकि शिक्षा बोर्ड ने तीनों को अपने रिकॉर्ड में ब्लैक लिस्ट कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक इसी माह पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड में विभिन्न सरकारी विभागों से सर्टीफिकेट वैरीफिकेशन के लिए आए थे। जब बोर्ड की संबंधित शाखाओं ने इनकी जांच की तो, ये फर्जी पाए गए। जिन नामों से सर्टिफिकेट बने थे, उनका कोई भी मेल खाता रिकार्ड बोर्ड को नहीं मिला। एस.एस.पी. फाजिल्का के आफिस से सुखबीर सिंह नाम के व्यक्ति का सर्टिफिकेट आया था जो जांच के बाद जाली निकला, जोकि 12वीं कक्षा का था और 2011 में फिरोजपुर का बना हुआ था।
इसी तरह पंजाब रोडवेज जालंधर के जनरल मैनेजर की तरफ से भेजा गया तरसेम सिंह नाम के व्यक्ति का सर्टिफिकेट फर्जी निकला है। सर्टीफिकेट भी 10वीं का था जो 1999 में मोगा जिले का बना हुआ था। इसी तरह मुक्तसर साहिब जिले के गगर हाई स्कूल की तरफ से भेजा सर्टीफिकेट भी फर्जी पाया गया जो एक महिला के नाम पर था, जो 1997 में फरीदकोट जिले का बना हुआ था। इस वर्ष अभी तक पांच लोगों के जाली सर्टीफिकेट पकड़े जा चुके हैं। उक्त सर्र्टीफिकेट रेलवे, पुलिस, शिक्षा विभाग, रोडवेज व फौज समेत कई विभागों से आए थे। फर्जी सर्र्टीफिकेटों से नौकरी हासिल करने में केवल पुरुष ही नहीं, बल्कि लड़कियां भी आगे रही हैं।