- कई स्कूलों के टीचरों का एमआईएस पोर्टल पर नहीं है डेटा
- डेटा अपलोड करने के लिए डीईओ ने स्कूलों को दिया आदेश
एनबीटी न्यूज, गुड़गांव : अब शिक्षकों के ट्रांसफर और प्रमोशन का ब्योरा ऑनलाइन होगा। इसके लिए टीचरों को अपनी सर्विस बुक को ऑनलाइन अपलोड करवाना होगा। यह रिकॉर्ड एमआईएस पोर्टल पर होगा। इससे मैनुअल कार्य खत्म हो जाएगा। जिले में अभी कई ऐसे स्कूल हैं, जिनका डेटा अपलोड होना बाकी है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, अप्रैल शुरू होने से पहले डेटा ऑनलाइन करना अनिवार्य है।
ब्लॉक स्तर पर क्लस्टर इंचार्ज की मीटिंग में शिक्षकों को और रेगुलर कर्मचारियों को डेटा अपलोड करने के लिए कहा गया है। कई स्कूलों के टीचरों की सर्विस बुक होनी बाकी है। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि सभी शिक्षकों के लिए यह अनिवार्य है। नया सत्र शुरू होने से पहले सभी शिक्षकों को कहा गया है कि वो सर्विस बुक की पूरी जानकारी दें। इसमें दी गई जानकारी के अनुसार ट्रांसफर के लिए शिक्षकों को अलग-अलग स्टेशन अलॉट होंगे। हर वर्ष शिक्षकों को अपनी सर्विस बुक के तहत ऑनलाइन जानकारी देनी है। इसके आधार पर ही उन्हें प्रमोशन मिल पाएगा। विभाग शिक्षकों की ओर से दी गई जानकारी की जांच करेगा। ताकि शिक्षक अपने पूरे वर्ष की गतिविधियों के तहत गलत जानकारी न दे पाए। अगर कोई शिक्षक ऐसा करते हुए पकड़ा जाता है तो शिक्षा निदेशालय की ओर से शिक्षक पर कार्रवाई की जाएगी।
- डेटा अपलोड करने के लिए डीईओ ने स्कूलों को दिया आदेश
एनबीटी न्यूज, गुड़गांव : अब शिक्षकों के ट्रांसफर और प्रमोशन का ब्योरा ऑनलाइन होगा। इसके लिए टीचरों को अपनी सर्विस बुक को ऑनलाइन अपलोड करवाना होगा। यह रिकॉर्ड एमआईएस पोर्टल पर होगा। इससे मैनुअल कार्य खत्म हो जाएगा। जिले में अभी कई ऐसे स्कूल हैं, जिनका डेटा अपलोड होना बाकी है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, अप्रैल शुरू होने से पहले डेटा ऑनलाइन करना अनिवार्य है।
ब्लॉक स्तर पर क्लस्टर इंचार्ज की मीटिंग में शिक्षकों को और रेगुलर कर्मचारियों को डेटा अपलोड करने के लिए कहा गया है। कई स्कूलों के टीचरों की सर्विस बुक होनी बाकी है। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि सभी शिक्षकों के लिए यह अनिवार्य है। नया सत्र शुरू होने से पहले सभी शिक्षकों को कहा गया है कि वो सर्विस बुक की पूरी जानकारी दें। इसमें दी गई जानकारी के अनुसार ट्रांसफर के लिए शिक्षकों को अलग-अलग स्टेशन अलॉट होंगे। हर वर्ष शिक्षकों को अपनी सर्विस बुक के तहत ऑनलाइन जानकारी देनी है। इसके आधार पर ही उन्हें प्रमोशन मिल पाएगा। विभाग शिक्षकों की ओर से दी गई जानकारी की जांच करेगा। ताकि शिक्षक अपने पूरे वर्ष की गतिविधियों के तहत गलत जानकारी न दे पाए। अगर कोई शिक्षक ऐसा करते हुए पकड़ा जाता है तो शिक्षा निदेशालय की ओर से शिक्षक पर कार्रवाई की जाएगी।